निमोनिया एक संक्रमण है, जो एक या दोनों फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके कारण फेफड़ों की वायुकोशिकाएं या एल्वियोली द्रव या मवाद से भर जाती हैं। बैक्टीरिया, वायरस या फंगस, निमोनिया का कारण बन सकते हैं। लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और इसमें बलगम के साथ या बिना खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में परेशानी शामिल हो सकती है। आपका निमोनिया कितना गंभीर है यह आपकी उम्र, आपके स्वास्थ्य और आपके संक्रमण के कारण पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
निमोनिया के लक्षण
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अगर आपक सूखी खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो अलर्ट होने की जरूरत है। ये भी निमोनिया के लक्षण हैं। इसके अलावा हल्का बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में थकान, पसीना आना और ठंड लगने के लक्षण भी निमोनिया में देखे जाते हैं। निमोनिया के कुछ मामलों में मुंह से खून भी आ सकता है। ऐसा तब होता है जब संक्रमण अधिक गंभीर हो चुका होता है। कई बार बुजुर्गों में पेट दर्द और भूख न लगने के लक्षण भी दिखते हैं।
निमोनिया से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्खे
दवाओं के साथ साथ कई बार घरेलू इलाज और उपचार भी इस बीमारी को खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है।
फायदेमंद हैं नमक पानी के गरारे
खांसी से राहत के लिए गरारे करना हमेशा फायदेमंद माना जाता है। ये निमोनिया के दौरान होने वाले रैश गले को भी शांति प्रदान करते हैं. खारे पानी का गरारा दिन में कभी भी किया जा सकता है। यह आपके गले में बलगम से छुटकारा पाने और राहत प्रदान करने में आपकी मदद कर सकता है।
हल्दी है असरदार
हल्दी के कई गुणों में यह सांसों की तकलीफ को दूर करने में मददगार होती है। यह कफ को कम करती है।यही वजह है कि दिन में 2 बार गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर सेवन करें। अगर आप दूध पीना पसंद नहीं करती हैं, तो हल्दी का इस्तेमाल पानी में भी कर सकती हैं। इसके लिए आधा चम्मच हल्दी और चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में मिला लें। दिन में एक बार इसका सेवन करें।
मेथी की चाय है असरदायक
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बलगम की समस्या से राहत पाने के लिए मेथी की चाय पी सकते हैं। इसके लिए एक कप पानी में एक बड़े चम्मच मेथी डाल कर उबाल लें, जब ये गुनगुना हो जाए, तो इसे छान कर पी लें। इससे बलगम की समस्या में आराम मिल सकता है।
कॉफी की कैफीन दवा सी है
निमोनिया की तकलीफ से जूझते व्यक्ति की तकलीफ को कम करने में कॉफी भी काफी फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि कैफीन में एक दवा होती है जिसका उपयोग ब्रोंकाइटिस की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। कॉफी में पाई जाने वाली दवा ब्रोन्कोडायलेटर है और आपके फेफड़ों में वायु प्रवाह को खोल सकती है। कुल मिलाकर एक कप कॉफी पीने से सांस की परेशानी से जुड़े लक्षणों में राहत मिल सकती है।
लहसुन का कमाल
लहसुन का सेवन भी निमोनिया से लड़ने में बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नामक तत्व एक एंटीवायरल और जीवाणुरोधी होता है, जो इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ ही बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है। ऐसे में आप शरीर को निमोनिया के प्रकोप से बचाने के लिए लहसुन को पीसकर इसके पेस्ट को छाती पर मल सकते हैं। अगर आप लहसुन को लगाना नहीं चाहते हैं, तो आप इसे खा भी सकते हैं। लहसुन में थोड़ा-सा नींबू का रस और शहद मिलाकर सेवन करना भी फायदेमंद होता है।
लाभदायक है शहद
निमोनिया के मरीज की खांसी को कम करने और इसमें आराम देने का काम शहद कर सकता है। शहद में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल तत्व काफी लाभदायक होते हैं, ये मरीज की खांसी को ठीक करने में मदद करते हैं। आपको करना ये है कि गर्म पानी में शहद मिलाना है और फिर इसका सेवन करना है।
साबुत अनाज देता है मजबूती
निमोनिया शरीर को कमजोर बनाता है, जिसके चलते हमारे शरीर की उर्जा कम हो जाती है। ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने के लिए आहार में साबुत अनाज जैसे रागी, बाजरा, जौ, एक प्रकार का अनाज, क्विनोआ और जई आदि को शामिल कर सकते हैं।
तुलसी का भी है महत्व
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यह बात कई बार साबित हो चुकी है कि तुलसी की पत्तियों का काफी महत्व है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल न केवल पूजा-पाठ के लिए बल्कि शरीर की कई परेशानियों को दूर करने में भी किया जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं। आप निमोनिया संक्रमण से राहत पाने के लिए तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए तुलसी के पत्तों के रस में थोड़े से काली मिर्च पाउडर मिलाकर खा लें। रोजाना दिन में कम से कम 3-4 बार ऐसा जरूर करें।
सब्जियां हैं बेहद कारगर
सब्जियां आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं, तो इसके गुण निमोनिया में भी कारगर हैं। बहुत सारे विटामिनों और खनिजों से भरपूर सब्जियों के जूस या सूप का सेवन करके सर्दी तथा निमोनिया से लड़ने में मदद मिलती है। निमोनिया के दौरान मुख्य तौर पर आप गाजर अथवा पालक का जूस और सूप पी सकते हैं।
खट्टे फल मतलब बढ़ती इम्युनिटी
सब्जियों की बात होने के बाद अब बात फलों की, जो इस बीमारी में बहुत फायदा पहुंचा सकते हैं, वो फल खट्टे फल हैं। खट्टे फल विटामिन सी से युक्त होते हैं और इन फलों की लिस्ट में संतरा, बैरीज और कीवी का नाम आता है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं और जल्दी रिकवरी करते हैं। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो शरीर की बाहरी कणों से रक्षा करते हैं।
जीवन शैली में भी हो बदलाव
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खान-पान के साथ-साथ जीवन शैली में भी बदलाव जरूरी है। न्यूमोकोकस बैक्टीरिया और फ्लू वायरस के खिलाफ टीका लगवाने से निमोनिया को रोकने में मदद मिल सकती है। ये टीके विशेष रूप से निमोनिया होने के उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि बड़े वयस्क, छोटे बच्चे और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग। नियमित रूप से अपने हाथ धोने से और अपने आस-पास सफाई रखने से उन कीटाणुओं के फैलने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है जो निमोनिया का कारण बन सकते हैं। गुनगुना सेक या स्नान, बुखार के लिए सबसे आम घरेलू उपचार है। गुनगुना सेक आपके शरीर को बाहर से अंदर तक ठंडा करता है। यदि आप स्नान कर सकते हैं, तो अपने शरीर को गुनगुने पानी में भिगोएं। धूम्रपान आपके फेफड़ों को कमजोर कर देता है और आपके शरीर के लिए संक्रमण से लड़ना कठिन बना देता है। धूम्रपान छोड़ने से आपको निमोनिया होने का खतरा कम हो सकता है। नियमित शारीरिक गतिविधि यानी योग या एक्सरसाइज करने और स्वस्थ आहार खाने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और बीमार होने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
डॉक्टर एकमात्र विकल्प
घरेलू उपचार के बावजूद सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, तेज बुखार या बिगड़ती खांसी जैसे गंभीर लक्षणों को आराम ना पहुंचे तो डॉक्टर ही एकमात्र विकल्प है। वैसे आप इन घरेलू उपचारों को करते हुए भी डॉक्टर्स से जरूर सलाह लें। यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को निमोनिया के लक्षण हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। उपचार में देरी से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, विशेषकर बड़े वयस्कों, छोटे बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
क्या सर्दी-खांसी निमोनिया में बदल सकती है?
सर्दी और खांसी संभावित रूप से निमोनिया में विकसित हो सकती है। हालांकि सर्दी सीधे तौर पर निमोनिया का कारण नहीं बनती है, लेकिन इससे इसके विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जो वायरस सामान्य सर्दी और खांसी का कारण बनता है, वही आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर सकता है।
निमोनिया के पहले चेतावनी के संकेत क्या होते हैं?
वायरल निमोनिया के लक्षण आमतौर पर कई दिनों की अवधि में विकसित होते हैं। प्रारंभिक लक्षण इन्फ्लूएंजा के लक्षणों के समान ही है। बुखार, सूखी खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी। एक या दो दिन के अंदर, लक्षण आमतौर पर बदतर हो जाते हैं। साथ ही बढ़ती खांसी और सांस लेने में तकलीफ और मांस-पेशियों में दर्द के साथ यह बढ़ जाता है।
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निमोनिया का दौरा चार चरणों में होता है और यह चार चरण हैं कंजेशन, लाल हेपेटाइजेशन, ग्रे हेपेटाइजेशन और रिज्योल्यूशन। प्रत्येक चरण के नाम दर्शाते हैं कि संक्रमण समय के साथ कैसे विकसित होता है।
निमोनिया का खतरा सबसे ज्यादा किसे होता है?
सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों में शिशु और छोटे बच्चे, 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वयस्क और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं वाले लोग शामिल हैं।
क्या निमोनिया फेफड़ों के लिए हानिकारक हो सकता है?
हां, कुछ मामलों में, निमोनिया लंबे समय तक फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है जैसे घाव या फाइब्रोसिस। निमोनिया के गंभीर मामलों में या पहले से फेफड़ों की समस्या वाले लोगों में इसके होने की संभावना अधिक होती है।
निमोनिया के कारण मुख्य तौर पर क्या रहते हैं?
कई रोगाणु निमोनिया का कारण बन सकते हैं. इसमें सबसे आम वो बैक्टीरिया और वायरस हैं, जिन्हें हम सांस के जरिए लेते है।हमारा शरीर आमतौर पर इन रोगाणुओं को फेफड़ों को संक्रमित करने से रोकता है, लेकिन कभी-कभी ये रोगाणु इतने मजबूत हो जाते हैं कि हमारे इम्यून सिस्टम पर हावी हो जाते हैं और शरीर को संक्रमित कर देते हैं।
हल्का और गंभीर निमोनिया से उबरने में कितना समय जाता है?
हल्का निमोनिया अक्सर 2 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाता है। आपके बच्चे को निमोनिया के गंभीर मामले से उबरने में 6 से 8 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है।