हाथ और पैरों का सुन्न होना आमतौर पर कोई बड़ी बात नहीं है। यह धारणा आम है कि लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े रहने या तंग कपड़े पहनने के कारण हो सकता है, जो रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित करता है, जिससे हाथ में झुनझुनी या सुन्न पड़ने की समस्या हो सकती है। लेकिन कभी-कभी यह किसी बड़ी बीमारी के कारण का संकेत भी हो सकती हैं, जैसे कि नस का दबना, हर्नियेटेड डिस्क, मधुमेह या ल्यूपस जैसी स्थिति में आप अपने शरीर के एक तरफ पूरे पैर, घुटने के नीचे या जांघ में सुन्नता और झुनझुनी महसूस कर सकती हैं। सो अगली बार हाथ और पैर की झुनझुनी को नजरअंदाज करने से पहलें एक बार जरूर सोचियेगा। आइए जानें विस्तार से।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस
उम्र के साथ आपकी रीढ़ की हड्डी (सर्वाइकल स्पाइन) के गर्दन वाले हिस्से में बदलाव के कारण रीढ़ की हड्डी में डिस्क का घिसना, हड्डी में मरोड़ या गठिया हो सकता है। यदि ये रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालते हैं, तो इससे गर्दन में दर्द बढ़ सकता है और हाथ-पैरों में सुन्नता या झुनझुनी हो सकती है। संभावित प्रबंधन विकल्प भौतिक चिकित्सा, दवाएं या सर्जरी हो सकते हैं।
मधुमेह
मधुमेह से पीड़ित लोगों को मधुमेह न्यूरोपैथी, एक प्रकार की नर्व डैमेज का अनुभव हो सकता है। यह समय के साथ हो सकता है, क्योंकि रक्तप्रवाह में मधुमेह के प्रभाव तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। मधुमेह से पीड़ित एक-तिहाई से आधे लोगों में परिधीय न्यूरोपैथी होती है, जो आमतौर पर पैरों और हाथों में सुन्नता और दर्द का कारण बनती है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) एक ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें डिफेंस सिस्टम माइलिन आवरण(शेल्थ) पर हमला करती है, जो नर्व सेल्स को कवर करती है। यह स्थिति पैरों सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में सुन्नता का कारण बन सकती है। जबकि एमएस का सटीक कारण अज्ञात है। कुछ रिसर्च बताते हैं कि जेनेटिक्स और एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) जैसे निष्क्रिय वायरस से संक्रमण आपके जोखिम को बढ़ा सकता है। एमएस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाएं और भौतिक चिकित्सा लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करती हैं।
ल्यूपस
ल्यूपस एक ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है। ल्यूपस वाले लोगों में नर्व क्षति हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप आमतौर पर शरीर का एक तरफ सुन्नता हो जाती है। आपको हाथ, चेहरे या पैर में सुन्नता, पक्षाघात और कमजोरी हो सकती है। आप कभी-कभी अंतर्निहित समस्या का इलाज करके पैरों की सुन्नता का इलाज कर सकते हैं। ल्यूपस उपचार में जैविक दवाएं, दर्द निवारक और सामयिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड शामिल हैं।
विटामिन की कमी
कई विटामिनों की कमी से निचले पैरों और हाथ-पैरों में झुनझुनी हो सकती है। विटामिन बी 12 या सायनोकोबालामिन की कमी इसका कारण बन सकती है। गौरतलब है कि इसका घातक रूप एनीमिया हो सकता है, जो परिधीय न्यूरोपैथी( पेरिफेरियल न्यूरोपैथी) का कारण बन सकता है। अन्य विटामिन की कमी, जो झुनझुनी और इसी तरह के लक्षण पैदा कर सकती है उनमें शामिल हैं, वे हैं पाइरिडोक्सिन या विटामिन बी 6 नियासिन,थियामिन या विटामिन बी1टोकोफेरॉल या विटामिन ई।
स्ट्रोक
हाथ, पैर या चेहरे में अचानक सुन्नता स्ट्रोक का एक प्रारंभिक लक्षण भी हो सकता है। यह शरीर के एक तरफ को प्रभावित करने की सबसे अधिक संभावना है। स्ट्रोक के अन्य लक्षणों में यह भी शामिल हैं भ्रम, बोलने में कठिनाई या वाणी को समझने में समस्या एक या दोनों आंखों से देखने में कठिनाई,चक्कर आना या संतुलन खोना,चलने में कठिनाई,भयंकर सरदर्द, क्षणिक इस्केमिक हमले (टीआईए), या मिनी-स्ट्रोक, सुन्नता और स्ट्रोक के अन्य लक्षण पैदा कर सकते हैं। लक्षण आमतौर पर केवल कुछ मिनटों तक ही रहते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म, यह तब होता है जब थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती हैं। सीटीएस के परिणामस्वरूप हाथों और उंगलियों में सुन्नता और झुनझुनी हो सकती है। हाइपोथायरायडिज्म के अन्य लक्षणों में थकान, वजन बढ़ना, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, कब्ज,शुष्क त्वचा, मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन,कमजोर नाखून और बाल शामिल हो सकते हैं।
कार्पल टनल सिंड्रोम (सीटीएस)
कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण हाथों और उंगलियों में सुन्नता, झुनझुनी और दर्द हो सकता है। यह तब होता है जब पैर के पीछे से टखने के अंदर जाने वाली नस सिकुड़ जाए, जिसके बाद पैरों में जलन, झुनझुनी और सुन्नता की समस्या हो सकती है।
किडनी का खराब होना
किडनी खून को फिल्टर करती है और खून में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है। अगर ऐसा नहीं होता तो यह टॉक्सिन्स शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर किसी की किडनी सही से काम नहीं करती है, तो हाथ-पैर में झुनझुनी आ सकती है। किडनी फेल होने के दो मुख्य कारण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर है।
अधिक शराब का सेवन
शराब से पीड़ित लोगों में खराब आहार संबंधी आदतों के कारण थायमिन या अन्य महत्वपूर्ण विटामिनों की कमी होने की संभावना अधिक होती है, जो परिधीय न्यूरोपैथी का एक सामान्य कारण है। यह भी संभव है कि शराब की लत नर्व डैमेज का कारण बन सकती है, एक ऐसी स्थिति जिसे कुछ शोधकर्ता अल्कोहलिक न्यूरोपैथी कहते हैं।
शीतदंश या फ्रॉस्टबाइट
यदि आप अत्यधिक ठंड के संपर्क में आए हैं, तो आपके पैरों में सुन्नता या झुनझुनी जमी हुई त्वचा या शीतदंश या फ्रॉस्टबाइटके कारण हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप आपकी त्वचा और शरीर अंगों को नुकसान हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।
गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान सूजन और द्रव प्रतिधारण नसों को प्रभावित कर सकता है। इससे आपके हाथों में झनझनाहट हो सकती है। खूब पानी पीने, स्थिति बदलने और पैरों को ऊपर उठाकर आराम करने से समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है।
गुइलियन बर्रे सिंड्रोम
पेट में संक्रमण या फ्लू जैसे संक्रमण के बाद, कुछ व्यक्तियों में गुइलियन बर्रे सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ विकार विकसित हो सकता है, जो पहले हाथों और पैरों में कमजोरी और झुनझुनी के रूप में शुरू होता है और फिर फैलकर पूरे शरीर में पैरलाइसिस का कारण बनता है। यहां शरीर की इम्यून सिस्टम नर्वस पर हमला करना शुरू कर देती है।
वास्कुलिटिस
वास्कुलिटिस तब होता है जब आपकी ब्लड वेसेल्स सूज जाती हैं। सूजन से ब्लड वेसेल्स में परिवर्तन हो सकता है, साथ ही प्रभावित क्षेत्र में रक्त का प्रवाह प्रतिबंधित हो सकता है। कुछ प्रकार के वास्कुलिटिस में नर्व संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे झुनझुनी, सुन्नता और कमजोरी।
रेनॉड
रेनॉड एक ऐसी स्थिति है जो ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है। इससे उंगलियां सफेद दिखाई देने लगती हैं, जिससे हाथ और पैरों में सुन्नता और दर्द भी हो सकता है।
परिधीय(पेरिफेरल) न्यूरोपैथी
परिधीय(पेरिफेरल) न्यूरोपैथी एक ऐसी स्थिति है, जहां परिधीय(पेरिफेरल) नर्व सिस्टम में नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे हाथ-पैरों में सुन्नता, झुनझुनी और दर्द हो सकता है।
दवा के साइड इफेक्ट्स
विभिन्न प्रकार की दवाएं तंत्रिका( नर्व) क्षति का कारण बन सकती हैं, जिससे आपको हाथों या पैरों में झुनझुनी महसूस हो सकती है। यह कैंसर ( कीमोथेरेपी ) और एचआईवी के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं का एक सामान्य दुष्प्रभाव हो सकता है । दवाओं के अन्य उदाहरण जो हाथों और पैरों में झुनझुनी पैदा कर सकते हैं, उनमें शामिल हैं हृदय या रक्तचाप की दवाएं, जैसे एमियोडेरोन या हाइड्रैलाजिन संक्रमण-रोधी दवाएं, जैसे मेट्रोनिडाजॉल और डैपसोन एंटी कॉन्वॉलसेंट, जैसे फिनाइटोइन
रोकथाम
सुन्नता और झुनझुनी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका कारण पर निर्भर करता है। यदि नर्व पर दबाव के कारण होने वाली झुनझुनी अस्थायी है, तो आसन बदलने या व्यक्ति के बैठने के तरीके से लक्षणों से राहत पाने में मदद मिल सकती है या फिर मसाज करने, हीट देने, बर्फ लगाने और एक्सरसाइज करने से आराम दे सकता है। यदि स्तब्ध हो जाना या झुनझुनी लगातार बनी रहती है या बिना किसी स्पष्ट कारण के होती है या यदि वे ऊपर लिखें लक्षणों में से किसी एक के साथ होते हैं, तो व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सबसे पूछे जाने वाले सवाल
पैरों में झनझनाहट दूर करने के घरेलू उपाय क्या हो सकते है?
स्वस्थ दिनचर्या को अपनाएं, जिसमें हेल्दी डायट और एक्सरसाइज को रोजाना अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। घरेलू उपचारों में सेंधा नमक एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर सेंधा नमक, सूजन और दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है, तो गुनगुने पानी में डालकर पैरों को सेंक सकते हैं । तकिया सोते समय अपने पैरों के नीचे दो-तीन तकिया लगाएं। इससे भी आराम मिल सकता है। हल्दी वाला दूध पिएं, हाथों की झनझनाहट को दूर करने के लिए हल्दी वाला दूध आपके लिए काफी कारगर साबित हो सकता है, क्योंकि हल्दी में बहुत विटामिन होता है। हाथों में होने वाली झनझनाहट को दूर करने के लिए दालचीनी भी काफी फायदेमंद हो सकती है। शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करने के लिए योगासन करें। लैवेंडर ऑयल या दूसरे दर्दनिवारक तेलों से मालिश करें।
किस विटामिन से नस संबंधित समस्या होती है ?
विटामिन बी-12 की मी से शरीर में नस संबंधी दिक्कत हो सकती है। इससे आपके हाथ-पैर में सुन्न होने लगता है। विटामिन बी 12 की कमी की वजह से पैर और हाथों में झुनझुनी पैदा होने लगती है। विटामिन बी-12 शरीर के कंडक्टर की तरह काम करता है, जो नर्व्स के लिए कंडक्टर की तरह काम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है।
किन फूड्स का सेवन बी 12 के लिए करना चाहिए।
अंडा, दूध, दही और चीज, इन फूड्स का सेवन करें और इस विटामिन की कमी को दूर करने की कोशिश करें ।
सुन्नता और झुनझुनी के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है?
विटामिन कॉम्प्लेक्स,विटामिन नियासिन, सूजन और संबंधित सुन्नता को कम करने में मदद कर सकता है लेकिन अगर आप किसी दूसरी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो सेवन से पहले अपने डॉक्टर्स से जरूर सलाह लें।