फूडी लोगों के बीच यह कहावत मशहूर है कि हम जीने के लिए नहीं खाते हैं, बल्कि खाने के लिए जीते हैं। यह बात कहावतों में सही लग सकती है, लेकिन ओवर ईटिंग हमारी बॉडी के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। यह हमें मोटापा के साथ डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और ह्रदय रोग जैसी कई गंभीर बीमारियों से जोड़ सकता है। अगर आप भी ओवर ईटिंग की समस्या से जूझ रहीं हैं, तो आज ही कुछ जरूरी आदतों को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल कर आप इस समस्या से बचने की कोशिश करें।
फाइबर से युक्त भोजन
ओवर ईटिंग से बचना है, तो अपनी प्लेट में सबसे ज्यादा फाइबर रिच फूड को शामिल करें। उदाहरण के लिए भुनी हुई सब्जियों की एक प्लेट बनाम पनीर के कई टुकड़ों के साथ तुलना करें। दोनों में समान मात्रा में कैलोरी हो सकती है, लेकिन भुनी हुई सब्जियों से आपका पेट अधिक समय तक भरे रखने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि उनमें फाइबर होता है। आपका पेट भरा है इसका साफ मतलब है कि आप ओवर ईटिंग नहीं करेंगी। भुनी हुई सब्जियों के मुकाबले पनीर कम पेट भरने वाला होता है, ऐसे में भले ही आपको असल में भूख नहीं लगी होगी, लेकिन चूंकि आपको पेट में खालीपन का एहसास होगा। ऐसे में भूख ना होने पर भी आपको अधिक खाना पड़ सकता है।
इंटरमिटेंट फ़ेस्टिंग
इंटरमिटेंट फास्टिंग में सोच समझकर खाएं, इंटरमिटेंट फास्टिंग इनदिनों बहुत ही ट्रेंडिंग फूड हैबिट बन चुका है। लोगों को वजन कम करने में यह बेहद सहायक माना जाता है, लेकिन यह बात भी सामने आयी है कि कुछ लोगों को यह अनजाने में ओवरईटिंग की ओर ले जाता है। दरअसल, होता ये है कि आप इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू होने से पहले कई बार बहुत अधिक खाने की कोशिश करते हैं, जिससे आप भूख से अधिक खाना खा लेते हैं। यही वजह है कि कई हेल्थ एक्सपर्ट्स दिन भर में कई बार छोटे- छोटे मील लेने को कहते हैं। इस दौरान आप उतना ही खाते हैं, जितनी आपकी भूख होती है। आपके दिमाग में यह बात भी होती है कि आपके पास छोटे -छोटे मील दिन में लेने की सुविधा है, जिस वजह से आपको भूख से एक्स्ट्रा कुछ खाने की जरूरत नहीं है।
दोबारा प्लेट में खाना लेने से पहले दो बार सोचें
खाना खाते हुए एक बार थाली में मौजूद भोजन को खत्म करने के बाद दूसरी बार फिर से थाली में खाना लेने से पहले दो बार जरूर सोचें। इससे आपको यह तय करने में भी मदद मिल सकती है कि क्या आपको असल में इतनी भूख है कि प्लेट को फिर से भरना चाहिए। अगर फिर भी आपको लगे कि आपको अभी भी भूख लगी है, तो थाली में हरी सब्जियों, रायता, सलाद इनको ही जगह दें। कार्ब्स वाले फूड्स से दूर रहे।
दिन भर के खानपान की करें जर्नलिंग
जर्नलिंग का मतलब हम अक्सर अपनी दिनचर्या का रिकॉर्ड रखने के साथ -साथ अपने विचारों और भावनाओं को भी व्यक्त करने का इसे खूबसूरत जरिया मानते हैं। जर्नलिंग अगर आप नहीं अब तक करती आयी थी, तो फूड जर्नलिंग आज से ही शुरू कर दें। जिसमें आप प्रतिदिन क्या खाती और पीती हैं, उसका दैनिक लेखा-जोखा हो। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि डायरी आपको और आपके डॉक्टर को आपके खाने की आदतों को समझने में मदद कर सकती है। यह आपको यह समझने में मदद कर सकता है कि आप क्या दिन भर में खा रही हैं। एक बार जब आप यह जान लेंगी, तो आप अपना वजन सुधारने के साथ-साथ आपको यह ओवरईटिंग से भी रोक सकता है कि क्या खाना और कितनी मात्रा में खाना आपकी बॉडी के लिए सही है। आप इस दौरान यह भी नोटिस कर सकती हैं कि कौन सा फूड आपको ओवर ईटिंग के लिए ट्रिगर करता है।
खाने को चबाकर खाएं
जानकारों की की मानें तो बहुत जल्दी-जल्दी खाने से जरूरत से ज्यादा खाने की समस्या हो सकती है, जिससे आपका वजन भी वजन बढ़ सकता है। धीमी गति से भोजन करने से भोजन का सेवन कम हो जाता है और यह ओवरईटिंग को कम करने लिए एक अहम टूल के रूप में काम कर सकता है। यह बात कई शोध में सामने आयी है कि जब आप अपने खाने को अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाती हैं, तो आपका मस्तिष्क यह संदेश देता है कि आपका पेट भर चुका है, जिससे ओवर ईटिंग की समस्या अपने आप ही खत्म हो जाती है।
स्ट्रेस में खाने से खुद को रिलैक्स करवाने से बचें
स्ट्रेस के दौरान ओवर ईटिंग कई लोगों में यह आदत आम है, जब हम स्ट्रेस महसूस करते हैं, तो खुद को रिलैक्स फील करवाने के लिए खाने की ओर रुख करना आसान होता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि बहुत अधिक स्ट्रेस होने पर महिलाओं में मीठे और हाई फैट फूड्स खाने की क्रेविंग बढ़ जाती है और सभी को पता है कि ये फूड्स आइटम्स से वजन तेजी से बढ़ता है। इस आदत को रोकने के लिए, सबसे पहले आपको तनाव को कंट्रोल करने के तरीके खोजना महत्वपूर्ण है। स्ट्रेस महसूस करने पर व्यायाम, मेडिटेशन और गहरी सांस लेने से मदद मिल सकती है,जिससे आप ओवर ईटिंग से आसानी से बच सकती हैं।
स्क्रीन टाइम में ईटिंग से बचें
मौजूदा समय में हम सभी की जिंदगी में स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। टीवी, कंप्यूटर के साथ- साथ हमारा मोबाइल फ़ोन भी इसमें जुड़ गया है। फिल्म या अपना पसंदीदा शो देखते हुए अगर आपको मंचिंग की आदत है, तो यह आदत आज ही बदल दीजिए। यह आदत हानि रहित लग सकती है, लेकिन यह ओवर ईटिंग में अहम योगदान करती है। चूंकि आपका पूरा ध्यान स्क्रीन पर ही होगा। इस वजह से आप क्या खा रहे हैं, कितनी मात्रा में खा रही हैं। इससे आपका ध्यान पूरा तरह से हट जाता है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
क्या किसी खास समय में ओवर ईटिंग की समस्या बढ़ जाती है?
वैसे तो कोई समय तय नहीं है, लेकिन रिसर्च में यह बात भी सामने आयी है कि शाम के समय ज्यादा खाना आम बात है, क्योंकि यह आपको अच्छा लगता है न कि सिर्फ इसलिए कि आपके शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। आपको जितनी ऊर्जा की जरूरत नहीं होती है। आप उससे ज्यादा उस दौरान खा लेती हैं। आपके दिमाग में यह भी चलता है कि लंच को टाइम हो गया है। डिनर में भी अभी समय है, इसलिए आप आराम से स्नैक्स को खा सकती हैं, जिस वजह से फूड इंटेक पर आपका ध्यान नहीं रहता है।
दिन के कौन से मील पर सबसे अधिक ध्यान रखना चाहिए?
खाने से ज्यादा फूड्स आइटम पर ध्यान रखें। खासकर जो भी आपका पसंदीदा फ्रेंच फ्राइज, पिज्जा, चॉकलेट, चिप्स और आइसक्रीम जैसे स्नैक्स और मिठाई हैं। उन्हें आपको अपने फ्रिज में जगह नहीं देनी चाहिए, जिस वजह से आपके रोजमर्रा की जिंदगी में ओवरईटिंग की जगह नहीं रहेगी।
क्या कुछ मेडिकल कंडीशन में भी ओवरईटिंग की समस्या हो सकती है ?
हां, कुछ मेडिकल कंडीशन ओवरईटिंग में योगदान कर सकती हैं, जिनमें प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, एटिपिकल डिप्रेशन, प्रेडर-विली सिंड्रोम (पीडब्लूएस) और क्लेन-लेविन सिंड्रोम शामिल हैं।
ओवरईटिंग में कब डॉक्टर की सलाह जरूरी है?
ऊपर लिखी गयी बातों को करने के बाद भी आप खुद को ओवरईटिंग से नहीं रोक पा रहीं हैं। यदि आप कुछ महीनों के लिए प्रति सप्ताह एक से अधिक बार खुद को अधिक खाते हुए पाती हैं, तो किसी डॉक्टर के साथ अपने लक्षणों और फूड हैबिट पर चर्चा करनी चाहिए।
क्या ज्यादा खाने से बीमार हो सकते हैं?
हां, अधिक खाने से वजन बढ़ने की समस्या के साथ- साथ मतली और उल्टी भी आम है, जिससे आगे चलकर परिणाम डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियां भी बन सकती हैं।