वजाइनल डिस्चार्ज का अनुभव हर महिला करती है। यह प्राकृतिक तरीके से होता है और हवा के संपर्क में आने पर सफेद या पीला हो जाता है। हमारा यह प्रवाह हमारे पूरे मासिक चक्र में रंग और स्थिरता बदलता है और यह पूरी तरह से सामान्य है। हालांकि, लोग वजाइनल डिस्चार्ज को लेकर कई मिथ पर भी विश्वास करते हैं। ऐसे में हमने सोचा क्यों न इस बारे में थोड़ा विस्तार से जाना जाएं और इन मिथ को मिटाया जाए। तो हमने बात की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ स्मृति देशपांडे से, जिन्होंने हमें व्हाइट डिस्चार्ज से जुड़े कई सवालों का जवाब दिया। क्या व्हाइट डिस्चार्ज से इंफेक्शन होता है? क्या डाइट के दौरान डिस्चार्ज ज्यादा होता है? क्या यह पूरी तरह से हेल्दी होता है? ऐसे कई सवालों के जवाब जानिए विस्तार से।
डॉ स्मृति ने बताया कि वजाइनल डिस्चार्ज आपके वजाइना और गर्भाशय ग्रीवा के अंदर की ग्रंथियों से आता है। ये ग्रंथियां थोड़ी मात्रा में लिक्विड बनाती है जिसे वजाइनल डिस्चार्ज कहा जाता है। आपको नहीं पता होगा मगर, वजाइनल डिस्चार्ज हर दिन होता है, जो कोशिकाओं को साफ भी करता है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक प्रक्रिया है- यह आपकी योनि को स्वस्थ और साफ रखने का प्राकृतिक तरीका है। स्मृति ने आगे कहा, ‘’डिस्चार्ज हर महिला एक लिए अलग-अलग अनुभव होता है। कुछ महिलाओं को हर दिन डिस्चार्ज होता है, जबकि अन्य महिलाएं इसे कम बार अनुभव करती हैं। आमतौर पर यह साफ या दूधिया होता है और इसमें एक तरह की गंध हो सकती है।”
मिथ: क्या डिस्चार्ज का मतलब इंफेक्शन है?
डॉ स्मृति कहती हैं, “बिलकुल झूठ! जैसा कि हमने आपको पहले बताया, डिस्चार्ज हमारे शरीर द्वारा उत्पादित एक सामान्य और आवश्यक लिक्विड है। डिस्चार्ज में सर्वाइकल म्यूकस, मृत कोशिकाएं और सहायक बैक्टीरिया होते हैं, जो योनि को इंफेक्शन से मुक्त रखते हैं।
मिथ: वजाइनल डिस्चार्ज से मछली की तरह गंध आ सकती है।
स्मृति ने कहा कि डिस्चार्ज को गलत तरीके से "गंध" के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा, “हालांकि, यह पूरी तरह से गलत धारणा है। हर वजाइना की अपनी गंध होती है और यह पूरी तरह से सामान्य है। यह मिथ, वजाइनल इंफेक्शन से पैदा हुआ है। लोग अन्य इंफेक्शन को इससे जोड़ देते हैं जो गलत है। लेकिन हां, वजाइनल डिस्चार्ज हमेशा स्वस्थ नहीं होता है। यदि आप सामान्य से अधिक डिस्चार्ज अलग रंग, खुजली, जलन, दर्द या पेशाब करते समय दर्द के साथ एक दुर्गंध महसूस करते हैं, तो आपको अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करानी चाहिए।”
मिथ: डायट से डिस्चार्ज में प्रभाव पड़ता है?
यह मिथ दरअसल, तथ्य है। स्मृति ने इस बारे में हमसे बात करते हुए कहा, ‘’डाइट की वजह से डिस्चार्ज की गंध पर बहुत असर पड़ता है। सच तो यह है कि डिस्चार्ज हमारे शरीर की एक अलौकिक प्रक्रिया है जो हमें योनि को नम और इंफेक्शन से मुक्त रखने में मदद करती है। यह हमारे पीरियड्स के दौरान भी इन्फेक्शन को कम करने में मदद करता है।”
डॉ स्मृति ने हमसे वजाइनल डिस्चार्ज के रंगों के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे रंगों के जरिए आप यह पता लगा सकते हैं कि यह डिस्चार्ज नॉर्मल है या नहीं। उन्होंने कहा, “दूधिया या क्लियर डिस्चार्ज बहुत ही सामान्य है। गाढ़ा और सफेद जैसा हो तो, यह वजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है। इसके साथ आपको खुजली, जलन, खराश या दर्द भी हो सकता है। कुछ महिलाओं को पेशाब करते समय या यौन संबंध बनाते समय दर्द, सूजन या दाने का अनुभव होता है। आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वहीं, अगर यह डिस्चार्ज पीला, हरा या भूरे रंग का हो तो, बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है और आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। इन सबके अलावा अगर इसमें आपको खून के धब्बे या डिस्चार्ज लाल रंग का हो तो, यह अनियमित पीरियड्स या कुछ अधिक गंभीर होने का संकेत है। बिना देर किये आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।”
चूंकि हर महिला अलग होती है, इसलिए अपने वजाइनल डिस्चार्ज पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि हर महिला अपने शरीर को पहचानती है। यदि आप एक ही समय में अन्य लक्षणों का अनुभव करते हैं, जैसे दर्द, खुजली और जलन या यदि आपको महसूस होता है कि यह डिस्चार्ज सामान्य नहीं है (अन्य लक्षणों के साथ या बिना), तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करें।