भारत एक ऐसा देश है,जो शिशुओं की मालिश के फायदों को सही मायने में समझा जाता है। भारत के हर घर में बच्चों की तेल मालिश आम बात है। खासकर छोटे बच्चों को नहलाने से पहले यह एक रिचुअल की तरह होता है। बच्चे की मालिश के दौरान तकनीक महत्वपूर्ण हैं, एक अन्य महत्वपूर्ण फैक्टर उपयोग किया जाने वाला तेल है, क्योंकि यह लाभ बढ़ाता है और बच्चे की त्वचा को कोमल और नमीयुक्त भी रखता है। इसके साथ ही अलग- अलग किस्म के तेल अलग- अलग फायदों से भरपूर होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि बच्चों की मालिश के दौरान इस्तेमाल में आने वाले खास तेलों के बारे में।
सरसों का तेल
सरसों के तेल का उपयोग पारंपरिक रूप से कई संस्कृतियों में इसके गर्म गुणों और रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने की क्षमता के कारण बच्चों की मालिश के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह तेल बच्चे के मांसपेशियों और हड्डियों को ताकत देता है।इस तेल से मालिश करने से बच्चे के शरीर को गर्माहट मिलती है. खासकर सर्दियों में सरसों के तेल सर्दी होने से बचाता है. ये तेल शिशु के सिर पर लगाने से बच्चे के बाल काले और जल्दी आते हैं।
बादाम का तेल
बादाम का तेल अपने बच्चों की मालिश के लिए माता-पिता के बीच सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है क्योंकि बादाम का तेल विटामिन ए और ई, फैटी एसिड और कुछ खनिजों से समृद्ध होता है। यह सभी गुण इसे मालिश के लिए एक लोकप्रिय तेल बनाते हैं। बादाम का तेल में लिनोलिक और ओलिक एसिड की उपस्थिति के कारण प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है, जो स्किन को ड्राई होने से रोकता है, जिससे आपके बच्चे की त्वचा मुलायम और नमीयुक्त रहती है। शिशुओं की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है और उन्हें पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है। सिर्फ यही नहीं, बादाम का तेल विटामिन ए, बी2, बी6, डी और ई का एक समृद्ध स्रोत है, जो त्वचा की समस्याओं जैसे क्रैडल कैप एक्जिमा, खराश और चकत्ते को दूर रखते हैं, जिससे आपके बच्चे की त्वचा इन परेशानियों से दूर रहती है।त्वचा के साथ -साथ बालों के लिए भी फायदेमंद है। बादाम का तेल विटामिन ई, पोटेशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, जो आपके बच्चे के बालों को पोषण और मजबूती देने में सहायक है और साथ ही बालों को झड़ने से रोकता है। बच्चों के बालों को पोषण देने के लिए बादाम के तेल से सिर की मालिश करें।
जैतून का तेल
जब मालिश की बात आती है, तो जैतून का तेल एक बेहतरीन मालिश का तेल है। त्वचा की रंगत सुधारने में भी यह एक बेहतरीन मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है। यह बालों के ग्रोथ के लिए भी बहुत लाभकारी है। यह स्वस्थ वसा, ओलिक एसिड और स्क्वैलिन से भरपूर होता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसका प्रयोग बच्चों की मालिश के लिए किसी भी मौसम में किया जा सकता है। कुछ शोध में यह बात सामने आयी है कि जैतून के तेल का उपयोग बच्चों के विकास और नींद को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। हम सभी इस बात को जानते हैं कि भरपूर नींद लेने से बच्चे के शरीर और मस्तिष्क के विकास में काफी मदद मिलती है और इस बात से सभी परिचित हैं कि शरीर की मालिश कितनी गहराई तक आरामदायक होती है क्योंकि इससे मांसपेशियों में तनाव दूर हो जाता है। जैतून का तेल हल्का तेल होने के कारण, जैतून का शिशु मालिश तेल भारी नहीं लगता है, और मालिश के लिए जैतून के तेल का उपयोग उन्हें बेहतर नींद में मदद कर सकता है।
नारियल का तेल
नारियल का तेल भी बच्चों की मालिश के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, खासकर सेंसिटिव त्वचा के लिए । इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शिशु के शरीर के दर्द और अकड़न को दूर करने में काफी मदद करते हैं. नारियल का तेल शिशु की त्वचा को पोषण देता है. साथ ही नारियल का तेल इस्तेमाल करने से शिशु के शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं और बालों पर लगाने से बाल काले और घने आते हैं। नारियल तेल के कई फायदों में एक फायदा यह भी है कि मौजूद लॉरिक एसिड बैक्टीरिया, वायरस, और फंगल इन्फेक्शन से लड़ता है।
तिल का तेल
शिशु की मालिश के लिए तिल के तेल का उपयोग आपके शिशु के स्वास्थ्य और विकास के लिए कई लाभ प्रदान कर सकता है। शिशु की स्किन को पोषण देने के साथ ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। तिल के तेल में विटामिन ई, विटामिन बी और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं. जो शिशु के स्किन की रंगत निखारने में भी मदद करते हैं। तिल के तेल से मालिश करने से इंफेक्शन का खतरा नहीं होता है। इसके साथ ही तिल के तेल की मालिश तकनीक पेट के दर्द या गैस जैसी सामान्य असुविधाओं से राहत दिलाने में विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है। हल्की रगड़ने से पेट की परेशानी कम करने में मदद मिल सकती है और आपके बच्चे को राहत मिल सकती है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
क्या सरसों के तेल से मालिश से बच्चों की त्वचा एलर्जी से प्रभावित हो सकती है ?
आमतौर पर यह सुरक्षित माना जाता है , लेकिन कुछ शोध यह बात भी सामने आयी है कि सरसों का तेल बच्चे की संवेदनशील त्वचा के लिए बहुत कठोर हो सकता है, और त्वचा में जलन या एलर्जी का खतरा होता है। यही वजह है कि मालिश के लिए सरसों के तेल का उपयोग करने से पहले हमेशा बच्चे की त्वचा के एक छोटे से भाग पर पैच टेस्ट करें। इसके अतिरिक्त, अपने बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं और त्वचा के प्रकार के अनुसार बेस्ट मालिश तेल पर सलाह के लिए अपने बच्चों के डॉक्टर से परामर्श करें।
तिल के तेल के क्या नुकसानदेह भी हो सकता है ?
अगर परिवार में तिल से एलर्जी का इतिहास रहा है, या बच्चे में एलर्जी के कुछ लक्षण दिखते हैं , तो आपको डॉक्टर से सलाह लिए बिना अपने बच्चे को तिल का तेल नहीं देना चाहिए। अगर आपको अपने बच्चे में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, चकत्ते या सूजन या कोई एक्जिमा या अस्थमा जैसे कोई लक्षण दिखते हैं , तो आपको डॉक्टर की मंजूरी के बाद ही तिल का तेल इस्तेमाल करना चाहिए ।
कितनी मात्रा में तेल को लेना पर्याप्त होगा ?
अपने बच्चे को पोषण देने के उद्देश्य से तेल न लगाएं। आवश्यकता अनुसार ही लें, क्योंकि बच्चों की त्वचा पर जरूरत से ज्यादा तेल का इस्तेमाल उनकी त्वचा के छिद्रों को बंद कर सकता है और उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
बादाम के तेल में सबसे फायदेमंद कौन सी किस्म का तेल होता है ?आमतौर पर बादाम के तेल की दो किस्में उपलब्ध हैं - कड़वा और मीठा। मीठे बादाम का तेल अधिक लोकप्रिय है क्योंकि मीठे बादाम का तेल खाने योग्य होता है, इसलिए यदि आपका बच्चा अपने हाथ मुंह में भी डाल ले तो भी कोई नुकसान नहीं है। दूसरे शब्दों में, मीठे बादाम का तेल शिशुओं पर उपयोग करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि, कड़वे बादाम के तेल में कड़वापन बहुत ज्यादा होता है खासकर छोटे बच्चे के लिहाज से तो इससे बचना चाहिए।
डायपर रैश के लिए कौन सा तेल बहुत फायदेमंद है ?
डायपर रैशेज बच्चों में आम समस्या है, लेकिन कई बार संक्रमण बढ़ जाता है। जैतून का तेल एक इमल्सीफायर के रूप में कार्य करता है और डायपर रैश का प्रभावी ढंग से इलाज करता है। बस एक बड़े चम्मच पानी में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल मिलाएं, इसे अच्छी तरह मिलाएं और बच्चे के प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें। फर्क कुछ दिनों में ही आपको को देखने को मिल जाएगा।