फिटनेस के लिए वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं किस तरह वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपनी लाइफस्टाइल सुधार सकती हैं।
फिटनेस का किफायती, सुलभ और सुविधाजनक तरीका
आम तौर पर वॉकिंग, फिटनेस का सबसे किफायती, सुलभ और सुविधाजनक तरिका है, जिसे आप आसानी से अपनी लाइफस्टाइल में अपना सकती हैं। इसके अलावा वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप न सिर्फ अपने दिमाग को फिट और मजबूत, बल्कि अपनी जिंदगी को आसान, प्रभावशाली और शक्तिशाली बना सकती हैं। वॉकिंग एक ऐसी फिटनेस प्रक्रिया है, जिसे आप कभी भी और कहीं भी अपना सकती हैं। या यूं कहें कि वॉकिंग को आप अपने व्यस्त दिनों में भी अपना सकती हैं। अब सवाल यह उठता है कि वॉकिंग का सही तरीका क्या है और कैसे इसे अपनाकर आप कम समय में अधिक लाभ पा सकती हैं? तो इस सवाल का आसान जवाब है ब्रिस्क वॉक। साधारण तरीके से धीरे-धीरे चलने की बजाय आप चलने की गति थोड़ी तेज करके अपना फिटनेस टारगेट अचीव कर सकती हैं।
वॉकिंग के दौरान कदमों पर नजर रखें
फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि आम तौर पर पूरे दिन में एक स्वस्थ इंसान को लगभग 1 घंटे की वॉकिंग करनी ही चाहिए और इसमें भी 20 मिनट ब्रिस्क वॉकिंग (तेज गति से चलना) करनी चाहिए। इसे आप इस तरह समझ सकती हैं, जैसे एक मिनट में सौ कदम चलना। वैसे ऑफिस जाते वक्त भी आप ब्रिस्क वॉकिंग कर सकती हैं। आम तौर पर आदर्श ब्रिस्क वॉकिंग उसे माना जाता है, जिसमें आपके दिल की धड़कन इतनी तेज हो जाए कि आप बात तो कर पाएं, लेकिन गाना चाहें तो गा नहीं पाएं। हालांकि इसका मतलब यह भी नहीं है कि आपकी सांस ही चढ़ जाए और आप निढ़ाल हो जाएं। इसलिए अपनी गति पर नियंत्रण रखने का सबसे बेहतर तरीका है स्मार्टवॉच या पेडोमीटर ऐप। चलने की गति पर नजर रखने के साथ आपको अपनी धड़कनों पर भी नजर रखनी होगी, जो प्रति मिनट 110 से 120 बीट्स होनी चाहिए। हालांकि हर व्यक्ति में यह उम्र, वजन, स्वास्थ्य और फिटनेस के अनुरूप अलग-अलग हो सकती है। हां, यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो आपको अपने चिकित्सक की सलाह पर ही वॉकिंग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना चाहिए।
वॉकिंग का सही तरीका
वॉकिंग के दौरान आपको इस बात का ख्याल रखना है कि आपकी गति टहलने की गति से थोड़ी ज्यादा हो। साथ ही वॉकिंग के लिए आपका पोश्चर सही होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले आप एक जगह पर खड़ी हो जाएं और सिर ऊंचा रखते हुए अपने चिन (ठोड़ी) जमीन के समानांतर और नजर सामने की ओर रखें। अब अपनी गर्दन, कंधों और पीठ को रिलैक्स करते हुए अपने पेट के मसल्स को एक्टिव रखें और कदम बढ़ाएं। चलते समय अपने दोनों हाथों को भी ढीला छोड़ दें और उन्हें हवा में आगे-पीछे लहराने दें। इसे आप इस तरह समझिए कि इस तरह चलते हुए आपका शरीर आपके लिए परेशानी नहीं बनना चाहिए, बल्कि इससे आपको ताजगी का एहसास होना चाहिए। हालांकि शोधों से पता चला है कि इस तरह सप्ताह में कम से कम 5 दिन वॉकिंग करना आपके दिल को स्वस्थ रखेगा। इससे न सिर्फ दिल का दौरा पड़ने के खतरे से आप दूर रहेंगी, बल्कि स्ट्रोक के खतरे से भी आप दूर रहेंगी।
वॉकिंग के स्वास्थ्य संबंधी फायदे
अपनी फिटनेस के लिए वॉकिंग को प्रमुखता देकर जहां आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकती हैं, वहीं आप अपना मनचाहा वजन भी पा सकती हैं। विशेष रूप से कम समय में अधिक वजन कम करने के लिए वॉकिंग एक बेहतरीन उपाय है, बशर्ते आप उसे सही तरीके से आजमाएं। फिटनेस एक्सपर्ट्स बताते हैं कि धीमी और स्थिर गति के बीच बारी-बारी से अपनी गति बढ़ाकर आप कम समय में ज्यादा वजन कम कर सकती हैं। इस तरह बारी-बारी से अपनी गति कम या ज्यादा करके आप अपनी बढ़ी हुई धड़कन को भी कंट्रोल कर सकती हैं। इसके अलावा वॉकिंग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर आप जोड़ों की जकड़न से भी दूर रह सकती हैं। यह बात खुद डॉक्टर्स भी कहते हैं कि जोड़ों के दर्द और जकड़न से छुटकारा पाना हो तो वॉकिंग को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लें। सिर्फ यही नहीं यह बात शोधों से साबित भी हो चुकी है कि हर रोज कम से कम 10 मिनट या एक सप्ताह में कुल मिलाकर एक घंटा वॉकिंग करके आप गठिया, पीठ दर्द और हड्डियों से जुड़ी अन्य बीमारियों से भी छुटकारा पा सकती हैं।
वॉकिंग से हार्मोन्स लेवल रखें दुरुस्त
वॉकिंग से आपकी इम्युनिटी भी मजबूत हो जाती है, जिससे दूसरी बीमारियां भी आपसे कोसों दूर रहती हैं। आम तौर पर आपने सुना होगा कि हरी घास पर चलने से हमारा तनाव कम होता है और यह बात बिल्कुल सच है। दरअसल वॉकिंग से हमारे शरीर में बननेवाले स्ट्रेस हारमोन, कोर्टिसोल का लेवल पूरी तरह गिर जाता है और हम ताजगी से भर जाते हैं। कोर्टिसोल, विशेष रूप से दिल की बीमारियां और ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, ऐसे में उसके स्तर को कम करके आप इन बीमारियों से दूर रह सकती हैं। वॉकिंग करने से हमारे शरीर में जहां कोर्टिसोल का लेवल गिर जाता है, वहीं एंडोर्फिन का लेवल बढ़ जाता है। एंडोर्फिन खुशी के हारमोन होते हैं, जो आम तौर पर तनाव और चिंता से आपको मुक्ति देकर आपको अच्छी नींद लेने में मदद करते हैं। यही वजह है कि चिंता, डिप्रेशन और इंसोम्निया (अनिद्रा) से जूंझ रहे लोगों को विशेष रूप से वॉकिंग करने की सलाह दी जाती है। उस पर भी यदि यह वॉकिंग, प्रकृति के साथ हो तो कहने ही क्या।
अकेले चलने की बजाय ग्रुप वॉकिंग भी है बेस्ट
सच पूछिए तो वॉकिंग एक ऐसी एक्टिविटी है, जो आपके विचारों को उन्मुक्त करती है, आपको तरो-ताजा करती है। यदि आपको अधिक समय नहीं मिल पा रहा, तब भी कम से कम पूरे दिन में 30 मिनट या 1 सप्ताह में 3 घंटे का समय वॉकिंग के लिए जरूर निकालें। इसके अलावा यदि आपके पास समय की काफी कमी है, या आपको कोई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तब भी दिन में कम से कम 10 मिनट चलने की कोशिश अवश्य करें। स्थितियां चाहे जो हों लेकिन चलना बेहद जरूरी है, क्योंकि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ ये आपके दिमागी कार्यप्रणाली को भी सुधारता है। इसके लिए आप चाहें तो अपना एक ग्रुप भी बना सकती हैं। अकेले चलने की बजाय लोगों के साथ चलना आपको वॉकिंग के लिए प्रेरित करेगा। इसके अलावा आप चाहें तो अपनी वॉकिंग को छोटी-छोटी चुनौतियों के साथ रोचक भी बना सकती हैं।
वॉकिंग के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
यदि आप ब्रिस्क वॉक की बजाय सिर्फ वॉकिंग करना चाहती हैं, तो पहले 5 मिनट वार्म-अप के लिए धीरे-धीरे चलना शुरू करके अपनी गति बढ़ाएं और वॉक पूरी करने से पहले भी अपने मसल्स को ठंडा करने के लिए धीरे-धीरे चलते हुए अपनी वॉकिंग खत्म करें। हालांकि वॉकिंग के दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि आप ऐसी सतह पर चलें जो समतल हो। उबड़-खाबड़ रास्ते या ऊंची-नीची सड़कों पर चलने से न सिर्फ गिरने का खतरा रहता है, बल्कि आपको पैरों की समस्या भी हो सकती है। वैसे अपनी उम्र, वजन और स्वास्थ्य समस्याओं के मद्देनजर आपको वॉकिंग को अपने रूटीन का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। हालांकि फिटनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार 18 से 40 वर्ष की स्वस्थ महिलाओं को 12,000 कदम, 40 के पार पहुंच चुकी स्वस्थ महिलाओं को 11,000 कदम, 50 वर्ष की स्वस्थ महिलाओं को 10,000 कदम, 60 वर्ष की स्वस्थ महिलाओं को 8000 कदम चलना ही चाहिए। लेकिन यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो वॉकिंग से पहले अपने डॉक्टर्स से परामर्श लेना न भूलें।