नियमित जांच से ही यह पता चलता है कि बाहरी तौर पर स्वस्थ दिखने वाली सेहत अंदरूनी तौर पर सेहतमंद है भी या नहीं। आइए विस्तार से जानते हैं नियमित जांच का महत्व। जीवन में सेहत से बड़ी संपत्ति कोई दूसरी नहीं है और हम कुदरत की दी हुई इस संपत्ति को छोड़कर अन्य चीजों के पीछे भागते रहते हैं। जब तक सेहत के साथ कोई बड़ी घटना नहीं हो जाती,तब तक चिकित्सक के पास जाने से परहेज करते हैं। सेहत से जुड़ी सबसे बड़ी चीज जिसे हम अनदेखा करते हैं, वो है नियमित जांच। जी हां, हम सभी अपने जीवन में अच्छी सेहत के लिए नियमित जांच को महत्व नहीं देते हैं, जो कि सेहत के साथ की गई एक बड़ी लापरवाही है, क्योंकि नियमित जांच से ही यह पता चलता है कि बाहरी तौर पर स्वस्थ दिखने वाली सेहत अंदरूनी तौर पर सेहतमंद है भी या नहीं। आइए विस्तार से जानते हैं नियमित जांच का महत्व।
जानिए क्या है नियमित स्वास्थ्य जांच
नियमित स्वास्थ्य जांच एक आम-सी दिखने वाली विशेष स्वास्थ्य प्रक्रिया है। नियमित स्वास्थ्य जांच में खास तौर पर शरीर से जुड़ी हर अहम जांच को पूरा किया जाता है। इसमें नियमित शारीरिक जांच परीक्षण, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच के साथ आंखों की जांच, त्वचा की जांच के साथ पूरा रक्त परीक्षण और अन्य मुख्य रोगों की जांच को शामिल किया जाता है। नियमित स्वास्थ्य जांच के जरिए ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के साथ कई अन्य बीमारियों के आपके शरीर में होने या न होने की जानकारी भी मिलती है। इससे कई गंभीर रोग होने से रोकने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जा सकते हैं। देखा जाए, तो एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर के अंदर व्याप्त बीमारियों का पता लगाना ही नियमित स्वास्थ्य जांच का उद्देश्य होता है। चिकिस्तक भी नियमित स्वास्थ्य जांच की सलाह अवश्य देते हैं।
सबसे जरूरी क्यों है नियमित स्वास्थ्य जांच
जानकारों के अनुसार नियमित स्वास्थ्य जांच उन लोगों के लिए सबसे जरूरी होता है, जो कि कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग या फिर स्ट्रोक जैसी बीमारियों का निरंतर सामना करते हुए आ रहे हैं। ऐसे में नियमित जांच उन्हें इन सारे रोगों से लड़ने में और उससे मुक्ति पाने में सहायक होती है। साथ ही कहीं न कहीं नियमित स्वास्थ्य जांच यह भी बताती है कि आप जिस तरीके से अपनी बीमारी पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं, वो तरीका सही है या नहीं। यह भी माना गया है कि वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में नियमित स्वास्थ्य की जांच पहले से कई ज्यादा जरूरी है। एक नियमित स्वास्थ्य जांच ही है, जो आपके शरीर की मुलाकात आपसे कराती है, जो आपको खुद का महत्व समझाती है।
मिलता है सही समय पर उपचार
चिकित्सक से लेकर कई बड़े अस्पताल इस पर जरूर जोर देते हैं कि हर किसी को नियमित अपनी पूरी जांच करानी चाहिए। कहावत है कि सावधानी हटी दुर्घटना घटी और नियमित जांच इसे ही बताती है कि अगर आप सेहत की सावधानी नहीं रखेंगे, तो बीमारियां आपके दरवाजे पर आकर खड़ी हो जायेंगी। नियमित स्वास्थ्य के कारण किसी भी गंभीर बीमारी के शुरुआती चरणों के बारे में पता लगाकर उसका इलाज किया जा सकता है। सेहत से जुड़ी कोई गंभीर अवस्था तक पहुंचने में रुकावट के तौर पर नियमित स्वास्थ्य जांच ही सही जरिया है। नियमित स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट चिकित्सकों को उचित उपचार तय करने में सहायक होती है। जैसे कि अगर नियमित स्वास्थ्य जांच से शरीर में उच्च रक्तचाप की जानकारी आपको हार्ट अटैक जैसे बड़े झटके तक पहुंचने नहीं देती है। आपु अपने जीवनशैली में परिवर्तन करके और चिकित्सक की परामर्श के अनुसार खुद को गंभीर बीमारी से दूर कर सकती हैं।
पैसे और सेहत की बचत
कई बार हम यह भी सोच लेते हैं कि नियमित स्वास्थ्य जांच के कारण बेकार के पैसे खर्च हो जायेंगे, हालांकि यह सोच सरासर गलत है। नियमित स्वास्थ जांच से आप लंबे समय तक पैसे की बचत कर सकती हैं, क्योंकि नियमित स्वास्थ्य जांच से आप बीमारियों का जल्दी पता लगा लेते हैं। इससे आप कई तरह के महंगे इलाज और जांच से खुद को दूर कर लेते हैं, जो कि गंभीर बीमारियों के लिए जरूरी माना जाता है। साथ ही अस्पताल के चक्कर काटना और भागादौड़ी से समय की बर्बादी से भी आप खुद को बचा लेती हैं। कई अस्पताल ऐसे भी हैं, जहां पर नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए डिस्काउंट और अन्य तरह की सुविधाएं भी मौजूद होती हैं। कई बड़ी कंपनियां भी नियमित स्वास्थ्य जांच करवाती हैं। इसलिए जब भी जिस तरह भी मौका मिले, तो नियमित स्वास्थ जांच अवश्य कराएं।
सेहत को मिलता है मार्गदर्शक
नियमित स्वास्थ्य जांच से आपके सेहत को एक सुरक्षा कवच मिलने के साथ मार्गदर्शक भी मिलता है कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलता है। आपको अपने खाने में किन चीजों को शामिल करना है और खुद को किन चीजों से दूर रखना है। आप अपनी पूरी सेहत का विशेष ध्यान रख सकती हैं। आप नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ संभावित स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान करके चिकित्सक की सहायता से खुद की जीवनशैली में विटामिन, व्यायाम, आहार की अहमियत को पहचान उसे शामिल कर सकती हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच हर तरह से आपके सेहत के लिए सही मार्गदर्शक साबित होता है, जो कि आपको सही जीवनशैली की तरफ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
सेहत से जुड़ी लापरवाही में कमी
नियमित स्वास्थ्य जांच आपको सेहत से जुड़ी लापरवाही में भी कमी लेकर आता है। आप उन आदतों से दूरी बना लेती हैं, जो कि आपकी सेहत को जोखिम में डाल सकता है। खासतौर पर आप कब और क्या खाती हैं, आपको किन चीजों का सेवन करना चाहिए, कौन सी आदतें ऐसी हैं, जिससे आपकी सेहत गलत दिशा में प्रभावित हो सकती है, इन सारी जरूरी जानकारी से नियमित जांच आपको अपडेट रखती है। सेहत से जुड़ी लापरवाही की एक और बड़ी वजह खान-पान भी होता है। आपके भोजन का सीधा परिणाम सेहत पर दिखाई देता है। नियमिच जांच आपको इस बात की जानकारी देते है कि आपको किस तरह अपने दिनचर्या में सही खान-पान को शामिल करना है।
सेहत के लिए कोई चिंता नहीं
यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि नियमित स्वास्थ जांच आपको सेहत से जुड़ी चिंताओं से दूर रखती है। जानकारों का कहना है कि नियमित स्वास्थ्य जांच सेहत के प्रति बेपरवाह होने की राह दिखाती है, जिससे मन को शांति मिलती है। नियमित स्वास्थ्य जांच के जरिए सेहत पर की गई निगरानी आपको खुद की सेहत का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में भी मदद करती है।
जानिए कितनी बार होनी चाहिए जांच
नियमित स्वास्थ्य जांच के कई सारे लाभ हैं। इसमें सबसे बड़ा लाभ खुद की सेहत को जोखिम में न डालना है। इसलिए चिकित्सकों का मानना है कि साल में कम से कम दो या एक बार पूर्ण स्वास्थ्य जांच की जानी चाहिए। इसकी वजह यह भी है कि कई बार कई बीमारियों का पता एक बार की जांच से पता नहीं चलता है। साल में दो बार की गई जांच आपको आपकी सेहत की सटीक जानकारी दे सकती है। पूरी तरह से की गई जांच में कोलेस्ट्राल परीक्षण, स्तन परीक्षण, महिलाओं के लिए मैमोग्राफ, कैंसर जांच या हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की जांच को भी शामिल किया गया है।
नियमित स्वास्थ्य जांच से जुड़ी अहम बातें
जब भी आप नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जा रही हैं, तो अपनी मेडिकल हिस्ट्री को बताना न भूलें। अगर पहले आपकी कोई सर्जरी हुई है या फिर कोई दूसरी बीमारी रही है, तो उसे जरूर चिकित्सक को बताएं। चिकिस्त के निर्देशों का पालन करें। नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए 10 से 12 घंटे की उपवास की जरूरत होती है। अगर आप किसी दवा का सेवन कर रही हैं, तो इस बारे में भी नियमित स्वास्थ्य जांच से पहले चिकित्सक को जरूर बताएं। स्वास्थ्य जांच से पहले व्यायम न करें। शराब, धूम्रपान और कैफीन युक्त पदार्थ का सेवन न करें। महिलाओं को मैमोग्राफ के परीक्षण के दौरान परफ्यूम और पाउडर से खुद को दूर रखना चाहिए। साथ ही जब भी नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जाएं, तो सबसे पहले कीमत का पता लगा लें। साथ ही यह भी जान लें कि नियमित स्वास्थय में जरूरी जांच को शामिल किया गया है या नहीं। साथ ही हर कदम पर आप सही तरीके से आगे बढ़ते हुए अपनी नियमित जांच को अंजाम दे सकें। यह भी याद रखें कि अनावश्यक परीक्षण और उनकी कीमतें पूरे शरीर की जांच की लागत में शामिल न करें। कई बार यह भी होता है कि नियमित स्वास्थ्य जांच के बाद मास्टर स्वास्थ जांच करानी चाहिए, ताकि संभावित स्वास्थ्य समस्याओं से खुद का बचाव किया जा सके। हमेशा किसी चिकित्सक की परामर्श के आधार पर ही नियमित स्वास्थ्य जांच करें। चिकित्सक भी आपका मार्गदर्शन करेंगे कि आपके लिए कौन सी बुनियादी जांच अहम है.