कहते हैं, कर्म ही जीवन है और इस जीवन में योग उतना ही जरूरी है, जैसे पौधे में पानी देना। आप अपने जीवन में अगर शारीरिक विकास के साथ मानसिक शांति चाहते हैं, तो योग से बेहतर पर्याय कोई दूसरा नहीं है। माना गया है कि अपने जीवन के 24 घंटों में से 10 मिनट हर दिन योग को समर्पित किया जाना चाहिए। हालांकि, चंद मिनट हाथ-पैर हिलाना और कुछ मिनट के लिए आंख बंद कर लेना योग की परिभाषा नहीं है। योग का मतलब होता है आत्मा का परमात्मा से मिलन। वहीं दूसरी परिभाषा में समझा जाए, तो योग एक तरह से विज्ञान का भाग है, जिसके अनुसार यह शरीर और मन को नियंत्रित कर, जीवनशैली को स्वस्थ करता है। बीते कुछ सालों में योग का चलन बड़ा है। जिम जाने के साथ कई लोग ऐसे हैं, जो घर पर कुछ मिनट के लिए योगासन जरूर करते हैं। अगर योग की सभी मुद्राएं करने का समय न हो, तो सूर्य नमस्कार या फिर प्राणायाम को जरूर अपनी दिनचर्या में शामिल करने की भी सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे योग हमारे जीवनशैली को सकारात्मक दिशा देता है।
कई प्रकार हैं योग के
योग के भिन्न प्रकार और शैलियां हैं। इनके नाम अष्टांग योग, बिक्ररम योग, हठ योग, अयंगर योग, जीवामुक्ति योग, कुंडलिनी योग, आराम योग, पॉवर योग, शिवानंद, विनियोग शामिल है और अगर आप योग को अपनाना चाहते हैं, तो इसके लिए हठ योग और विन्यास योग, कुंडलिनी योग, अयंगर योग, रेस्टोरेटिव योग और बिक्रम योग को शुरुआती अभ्यास के लिए सबसे सही माना गया है।
हठयोग सबसे प्राचीन और लाभदायक
हठ योग का मतलब होता है, शारीरिक मुद्राएं, जो कि योग मुंद्राओं का परिचय देती हैं। बता दें कि हठ योग, योग के इतिहास में सबसे प्राचीन और लोकप्रिय प्रकार है। कई जानकारों का मानना है कि ह का मतलब सूरज और ठ का अर्थ चंद्रमा होता है, जो कि शरीर की ऊर्जा को संतुलित रखता है। इस योग के अंदर कई सारी मुद्राएं की जाती हैं, लेकिन एक ही आसन में अधिक समय तक नहीं रहा जाता है। एक के बाद एक कई मुद्राएं बदली जाती हैं। ज्ञात हो कि सूर्य नमस्कार हठ योग का हिस्सा है, जिसमें तेजी से अपना आसान बदला जाता है।
विन्यास योग से मिलेगी ऊर्जा
विन्यास योग को करने का सबसे बड़ा लाभ शरीर में रक्त प्रवाह के बढ़ने को लेकर होता है। विन्यास योग में भी योग की एक सीरीज को दोहराना पड़ता है, जो शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है। इसमें कई सारे योग आसन सीधे तौर पर शरीर को कई सारे फायदे पहुंचाते हैं, जैसे- फलकासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, चतुरंग दंडासन, ऊर्ध्व मुख श्वानासन,अधोमुख श्वानसन, शवासन शामिल हैं। ज्ञात हो कि इन सभी योग के आसन से शारीरिक गतिशीलता बढ़ना और थकावट को दूर कर शरीर को ऊर्जा देने के साथ शरीर को और भी कई सारे लाभ देता है।
कुंडलिनी योग की खूबी
कुंडलिनी योग की विशेषता यह है कि इसे अपनाने से शारीरिक और मानसिक विकास होता है। इस योग के जरिए मनुष्य के शरीर के 7 चंक्रों को जगाया जाता है। इस योग को करने से चिंता और तनाव से मुक्ति, सकारात्मकता, आनंद, शरीर में हल्कापन, और गति देने के साथ हर दिन जीवन में संतुलन रखने में भी सहायता करता है। हालांकि यह ध्यान रखें कि किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में ही इस योग को करना चाहिए। जानकारों के अनुसार इस योग को करने से पहले कुंडलिनी को जाग्रत करना होता है, जिसके लिए मन और तन को पूरी तरह से तैयार रखना होता है। कुंडलिनी योग में सात चक्र होते हैं, जो कि शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है। आप यह भी कह सकती हैं कि अन्य योग की तुलना में कुंडलिनी योग अधिक आध्यात्मिक है। इसमें लंबी सांस लेना, मंत्रों का उपयोग करना, श्वास मुद्राएं करना शामिल हैं। ध्यान दें कि कुंडलिनी योग करने के दौरान रीढ़ की हड्डी सीधे रखते हुए प्रार्थना के आसन में बैठना चाहिए। कम से कम 3 से 5 मिनट के लिए कुंडलिनी योग को करने की सलाह दी जाती है।
अयंगर योग के फायदे
कई सारे योग आसन से अलग अयंगर योग की रचवा स्वर्गीय योग गुरु बीके एस अयंगर ने की थी। इस योग को करते समय प्राणायम की मुद्रा पर विशेष तौर पर ध्यान रखना होता है। इस योग की सबसे बड़ी खूबी यह है कि अगर आप इसे सही तरीके से करती हैं, तो यह शरीर जल्दी लाभ पहुंचाता है। अयंगर योग में 200 योग आसन और 14 प्राणायम शामिल हैं साथ ही इस आसन की मुद्रा को अधिक देर तक करना होता है। यह शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है। यह योग और भी ज्यादा दिलचस्प होता है, जब इसे बेल्ट, रस्सी, लकड़ी के माध्यम से योग शिक्षक के मार्गदर्शन में किया जाता है। माना गया है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए अयंगर योग का नियमित अभ्यास जरूरी है। इस योग को करते समय सही तरीके से खड़े होना, बैठना और झुकने का ध्यान खास तौर पर रखना होता है।
रेस्टोरेटिव योग से शरीर को मिलेगा फायदा
शरीर को अंदर और बाहर से कई सारे सुखद लाभ देने का काम रेस्टोरेटिव योग के जरिए होता है। जो भी अपने जीवनशैली में ध्यान( मेडिटेशन) को शामिल करना चाहता है, उन्हें रेस्टोरेटिव योग सही रास्ता दिखाता है। यह योग आपके शरीर के लिए थैरिपी की तरह कार्य करता है। मन को शांत करते हुए योग मुद्राओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह योग तनाव और मानसिक अवसाद को कम करने में सहायक है। इस योग से जुड़े आसन करने से फेफड़ों को लाभ मिलने के साथ पाचन भी ठीक रहता है। अनिद्रा को दूर करते हुए यह योग आसन कमर और घुटनों के दर्द से भी राहत दिलाता है। इस योग को पेट और पीठ के बल लेट कर आसान तरीके से किया जाता है। इतना ध्यान दें कि इस योग को करते वक्त शरीर में किसी तरह का अनचाहा खिंचाव नहीं आना चाहिए।
बिक्रम योग सबसे अलग और लोकप्रिय
इस योग की शुरुआत गुरु बिक्रम रॉय चौधरी ने की थी। इसे एक तरह से हॉट योगा भी पुकारा जाता है। इस योग में कमरे के तापमान को शरीर के हिसाब से तय किया जाता है। कमरे की गर्मी के बीच में योगाभ्यास करना पड़ता है। जानकारों के अनुसार इस योग की वजह से शरीर की मांसपेशियों की अकड़न और दर्द से राहत मिलती है। इस योग में कुल 26 मुद्राएं होती हैं, जिसे 90 मिनट में पूरा किया जाता है। इसके साथ ही इसमें सांस से जुड़ा व्यायाम भी किया जाता है। माना जाता है कि इस योग को करने से शरीर और मन का तनाव दूर होता है। साथ ही इस योग के जरिए कैलोरी बर्न भी की जा सकती है।
योग पर एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट के अनुसार योग को सुबह के समय करना बेहतर माना गया है और अगर समय न हो तो शाम को भी योग आसन कर सकते हैं। हर दिन सुबह और शाम योग करने से मानसिक और शारिरिक तनाव कम होता है। याद रखें कि योग व्यायाम करने के समय और खाने के बीच अंतर होना चाहिए। अगर आपने खाना खा लिया है, तो एक घंटे का अंतराल जरूरी है और अगर आप शाम को योग करती हैं, तो इसके लिए दोपहर 3 बजे से लेकर शाम को 5 बजे तक का समय सही है। यह भी जरूरी है कि योग करने के आधे या फिर एक घंटे पहले पानी पी लेना चाहिए। योग के बीच में पानी नहीं पीना चाहिए। साथ ही जब भी आप किसी भी तरह का योगासन करती हैं, तो किसी योग अनुभवी के मार्गदर्शन में ही इसे करें।
ज्ञात हो कि हमारी आधुनिक जीवनशैली की मानसिक और शारिरिक बीमारियों और तनाव के लिए योग अमृत की तरह काम करती है, जिसका असर भले ही देरी से होता है, लेकिन एक स्वस्थ शरीर के साथ सकारात्मक मन की भेंट योग दे जाता है। इसलिए आप भले ही सुबह या शाम केवल 10 मिनट के लिए ही सही, लेकिन एक योग आसन जरूर करें। योग को अपनाने के बाद आप भी इस लोकप्रिय वाक्य पर यकीन करने लगेंगी कि चंद मिनट योगा बड़ा फायदा होगा।
योग से जुड़े सवाल जवाब
योग में सबसे लोकप्रिय आसन प्राणायाम की अवस्थाएं क्या हैं??
प्राणायम के दौरान सांस को अंदर खींचना, सांस को बाहर निकालना और सांस को रोकने की प्रक्रिया की जाती है।
कौन-सा प्राणायाम रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता है??
शीतली प्राणायम के जरिए रक्त को शुद्ध करने में मदद मिलती है, लेकिन योग शिक्षक के मार्गदर्शन के साथ इसे करें।
योग शुरू करने से पहले क्या करना जरूरी है?
योग करने से पहले शरीर में ऊर्जा पैदा करना जरूरी होता है, इसके लिए थोड़ी देर टहलना चाहिए। फिर धीरे-धीरे आसानों का अभ्यास करना चाहिए।