एलो वेरा एक औषधिय पौधा है। आयुर्वेद में इसे संजीवनी पौधा भी कहा जाता है। सबसे खास बात है कि यह हर घर में बहुत आसानी से उगाया जा सकता है। इसके पौधे को ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं होती है, लेकिन इसके फायदे इतने सारे हैं कि आप इसे गिनते -गिनते थक जाएंगी। यह सौंदर्य प्रसाधन से लेकर सेहत तक यह हर किसी में बेहद लाभकारी है। आइए जानते हैं एलो वेरा और उससे जुड़े फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से।
एलो वेरा के औषधीय गुण
जानकारों की मानें तो हमारे शरीर को 22 अमीनो एसिड और 8 दूसरे जरूरी एसिडस की जरूरत होती है। अकेले एलो वेरा इन सभी जरूरतों को पूरा कर सकता है। इसके साथ ही इसमें बहुत ही जरूरी फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं, जिनमें एचसीएल कोलेस्ट्रॉल, कैम्पेस्टेरॉल और बी-सिटोस्टेरोल शामिल हैं, जो शरीर को कई प्रकार की एलर्जी, अपच से बचाते हैं। रिसर्च से पता चला है कि एलो वेरा में एंटीऑक्सिडेंट औरएंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो इस पौधे को औषधीय रूप से काफी खास बनाते हैं। इसकी वजह है कि यह घावों को भरने और त्वचा की समस्याओं का इलाज करने में मदद कर सकता है। एंटी-बैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ही एलो वेरा विटामिन बी1, बी2, बी6, बी12 से भी भरपूर होता है।
एलो वेरा के फायदे
त्वचा और बालों की खूबसूरती को है बढ़ाता
एलो वेरा पूरे शरीर को खूबसूरत बनाने में बहुत कारगर है। बालों से शुरुआत करें तो इसके जेल को बालों में लगाने से यह चमकदार और मजबूत बनाता है, जबकि इसका जेल चेहरे पर मुंहासे, दाग- धब्बे, आंखों के नीचे काले घेरे, धूप से त्वचा को झुलसने से बचाता है। यह फटी हुई एड़ियों के लिए भी बहुत लाभकारी है।
सेहत को भी है संवारता
एलो वेरा सिर्फ आपकी त्वचा को बेहतर नहीं बनाता है, बल्कि आपके हेल्थ का भी खास ख्याल रखता है। सेहत की आधी परेशानियां पेट से ही शुरू होती है, जिनमें कब्ज एक अहम समस्या है। कब्ज को दूर करने में एलो वेरा जूस बहुत फायदेमंद होता है। इसका फाइबर और लैक्सटिव मेटाबॉलिज्म को ठीक कर बोवेल मूवमेंट को तेज करता है, जो कब्ज, एसिडिटी सहित पेट से जुड़ी दूसरी समस्याओं को भी दूर करने में कारगर है। एलो वेरा के सेवन से हमारे रोग प्रतिरोध की क्षमता भी बढ़ती है, क्योंकि यह हमारी कोशिकाओं में साइटोकिन्स और नाइट्रिक ऑक्साइड के लेवल को बढ़ाता है। यह बीपी और शुगर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें हाइपोग्लाइसेमिक, हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल होता है, जो ब्लड शुगर को कम करने और बीपी को नियंत्रित कर सकता है, जिनके जॉइंट्स या शरीर में दर्द रहता है। उसमें भी एलो वेरा जूस फायदा पहुंचाता है। एलो वेरा अपने जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि यह घावों को भरने और त्वचा की समस्याओं का इलाज करने में भी मदद कर सकता है। बहुउपयोगी एलो वेरा दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारियों को रोकने में भी सर्वोत्तम है। एक शोध में शोधकर्ताओं ने 100 प्रतिशत शुद्ध एलो वेरा जूस की तुलना माउथवॉश के सबसे अहम घटक क्लोरहेक्सिडिन से की है। एलो वेरा जूस के सिर्फ चार दिन के उपयोग में ही दांतों में फर्क दिखने लगेगा।
वातावरण को बनाता है शुद्ध
एलो वेरा का पौधा सिर्फ हमारी त्वचा को ही नहीं, बल्कि हवा को भी शुद्ध करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। यह हवा से कार्बनिक यौगिकों को लेता है और उसमें मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है और प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करता है।
एलो वेरा का जूस कैसे बनाएं
एलो वेरा का जूस सेहत से भरपूर माना जाता है, लेकिन बहुत लोग इसके स्वाद की वजह से इसे अपनी नियमित रूटीन का हिस्सा चाहकर भी नहीं बना पाते हैं। आइए जानते हैं एलो वेरा जूस बनाने की ऐसी विधि जो गुणकारी होने के साथ-साथ स्वाद से भी भरपूर है। इसके लिए आइए जानते हैं कि क्या हो आपकी सामग्री
इसके लिए आपको चाहिए, एक एलो वेरा का पत्ता, एक कटोरी पानी, मिक्सर ग्राइंडर, छानने के लिए एक कपड़ा, आधा कटा हुआ नींबू और एक टेबलस्पून काला नमक
विधि :आपको सबसे पहले एलो वेरा की एक पत्ती को काट लें, लेकिन 20 से 25 सेकेंडस के लिए कटी हुई पत्ती को सीधे किसी बर्तन में रख दें, ताकि पीला तरल पदार्थ उससे निकल जाए, जिसे लेटेक्स भी कहा जाता है। उसके बाद उन्हें साफ पानी से अच्छे से धो लें। धोने के बाद पत्ती से उसके जेल को अलग कर लें। उसके बाद ग्राइंडर जार में एलो वेरा के जेल को थोड़े पानी के साथ पीस लें। पीसने के बाद इसे अच्छे से छान लें, क्योंकि उसमें थोड़े पल्प रह जाते हैं, जो जूस पीते हुए मुंह में आते हैं और स्वाद को कम कर देते हैं। जूस को टेस्टी बनाने के लिए उसमें आधा कटे हुए नींबू का रस डाल दीजिए। स्वाद को और बढ़ाने के लिए आधा टेबल स्पून काला नमक भी डाल दें और इसके बाद तैयार है आपका हेल्दी के साथ टेस्टी एलो वेरा जूस।
एलो वेरा के इस्तेमाल से पहले इन बातों का रखें ध्यान
एलो वेरा बहुत ही फायदेमंद होता है। यह बात हम अक्सर सुनते हैं, लेकिन एलो वेरा को खाने या उसका जूस निकालने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। एलो वेरा की पत्तियों को ऐसे ही तोड़कर नहीं खाना चाहिए। हम गौर करें तो इसे तोड़ने के तुरंत बाद इससे पीले रंग का तरल पदार्थ निकलता है, जिसे लेटेक्स भी कहते हैं। यह हानिकारक हो सकता है। पेट दर्द से उल्टी की समस्या शुरू हो सकती है। इसके अलावा, कई गंभीर बीमारियों की यह वजह बन सकता है। यही वजह है कि एलो वेरा को तोड़ने के तुरंत बाद इस्तेमाल में न लाएं, बल्कि उसे तोड़ने के कुछ मिनटों तक सीधे रख देना चाहिए, जिससे पीला तरल पदार्थ पूरी तरह से बाहर निकल जाए। उसके बाद एलो वेरा को अच्छे से धोकर उसके कांटो को अच्छे से हटाकर जेल को निकाल लें। एलो वेरा का जेल त्वचा और बालों के लिए भी अच्छा होता है। जेल को अगर आप रखकर कुछ दिनों तक इस्तेमाल में लाना चाहती हैं, तो हमेशा किसी कांच के एयर टाइट बर्तन में ही रखकर फ्रीज में रखें। एलो वेरा जेल को बर्फ की तरह जमाकर भी काफी दिनों तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है। एलो वेरा जेल के साथ-साथ उसका जूस भी बहुत ही फायदेमंद है। बाजार में आपको कई एलो वेरा जूस के अच्छे ब्रांड्स मिल जाएंगे, लेकिन घर पर बनाया हुआ ताजा एलो वेरा जूस सबसे अधिक फायदेमंद होगा। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन आप कितनी मात्रा में जूस पीते हैं। यह सबसे अहम है। हमेशा इसे चाय के कप में ही पिए, क्योंकि 30 मिली लीटर की मात्रा आमतौर पर सही मानी जाती है।
एलो वेरा के नुकसान
एलो वेरा के सिर्फ फायदे हैं, ऐसा नहीं है। अति हर चीज की बुरी होती है। अगर आप एलो वेरा का इस्तेमाल अत्याधिक करते हैं, तो इसके साइड इफेक्ट्स से आप बच नहीं सकते हैं। एलो वेरा का जूस ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, लेकिन अगर आप डायबिटीज की मरीज हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप इसे अधिक मात्रा में रोज पी रही हैं, तो आप सावधान हो जाइए, क्योंकि अत्याधिक एलो वेरा जूस डायबिटीज के मरीजों में इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलन को बढ़ा सकता है। लिवर संबंधी परेशानी से जूझ रहे मरीज को भी एलो वेरा जूस से दूरी बनाए रखने की जरूरत है। इसमें पाया जानेवाला बायो एक्टिव कंपाउंड लिवर के डेटॉक्स प्रोसेस में बाधा पहुंचा सकते हैं। इनके साथ गर्भवती और बच्चों स्तनपान करवाने वाली महिलाएं भी डॉक्टर्स की सलाह के बाद ही एलो वेरा जूस को अपने खान-पान में शामिल करें। आमतौर पर हम एक दिन में 30 मिली लीटर जूस का सेवन कर सकते हैं, लेकिन एलो वेरा के सेवन की मात्रा व्यक्ति की उम्र और शारीरिक स्थिति पर भी बहुत हद तक निर्भर करती है, इसलिए विशेषज्ञ की राय लेकर ही इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
एलो वेरा से जुड़े सवाल और जवाब
क्या एलो वेरा जेल को चेहरे से धोने के लिए फेस वॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं?
जानकारों का मानना है कि एलो वेरा जेल को लगाने के बाद उसे पानी से ही हटाएं। केमिकल वाले फेस वॉश के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इससे त्वचा पर एलो वेरा का अच्छा परिणाम नहीं आ पायेगा।
क्या एलो वेरा जूस लिवर के मरीजों को पीना चाहिए?
डॉक्टर्स की सलाह पर ही इसे लिवर के मरीजों को पीना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद बायो एक्टिव कंपाउंड लिवर के डिटॉक्स प्रोसेस को बाधित कर सकता है।
खाली पेट एलो वेरा पीना क्या ज्यादा फायदेमंद होता है?
खाली पेट इसे पीना फायदेमंद हैं, लेकिन गर्भवती महिला या किसी बीमारी से परेशान लोग डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसे शुरू करें।