आंखें हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग होने के साथ-साथ सबसे संवेदनशील अंग भी मानी जाती है। दरअसल, आंखों की कई समस्याओं में एक समस्या कंजंक्टिवाइटिस की भी समस्या है, जिसे आमतौर पर आंखों में लालिमा दिखती है, जिसे कई बार पिंक आई या आई फ्लू के तौर पर भी संबोधित किया जाता है। मूल रूप से यह आंखों के सफेद भाग यानी कंजंक्टिवा की सूजन या सूजन है। इसके कारण संक्रामक हो भी सकते हैं और नहीं भी। आइए जानते हैं कि घरेलू उपचारों से आप कंजंक्टिवाइटिस की समस्या को कैसे घरेलू उपचारों और थोड़ी-सी सावधानी बरत कर कैसे ठीक कर सकते हैं।
सेक का प्रयोग करें
एक मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिगोएं। इसे निचोड़ें और अपनी बंद पलकों पर धीरे से दबाएं। जोर से न दबाएं, क्योंकि आप नहीं चाहेंगी कि आपकी आंखों को चोट पहुंचे। यदि कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण एक आंख में ही है, तो इस बात का पूरा ध्यान रखें कि सेक को स्वस्थ आंख से दूर रखें, अन्यथा वह भी संक्रमित हो सकती है। यदि बेहतर महसूस हो तो गर्म पानी का प्रयोग भी कर सकती हैं, लेकिन इसे बहुत अधिक गर्म न करें, जिससे आपकी खराब हो सकती है या आपकी पलकें जल सकती हैं। एक बार में कुछ मिनटों के लिए, दिन में कई बार सेक का प्रयोग करें। इस बात का खास ध्यान रखें कि जिस कपड़े का आप इस्तेमाल कर रही हैं, घर में कोई और उस कपड़े का उपयोग न करे।वरना संक्रमण का खतरा उनको भी हो सकता है।
ठंडे पानी से आंखों पर मारें छींटे
ठंडे या गुनगुने पानी से संक्रमित आंखों पर छींटे करने से भी आपकी आंखों को आराम मिल सकता है। दरअसल, इस प्रक्रिया में उस गंदगी या मलबे को साफ किया जा सकता है, जो आपकी दृष्टि को बाधित कर रही है या आपकी आंखों को खोलना मुश्किल बना रही है। कई डॉक्टर्स की यह भी सलाह होती है कि अगर कंजंक्टिवाइटिस के संक्रमण में आपकी आंखों में लालिमा होने के साथ-साथ खुजली भी है, तो हल्के गुनगुने पानी के इस्तेमाल से भी बचिए, क्योंकि गर्मी से खुजली और भी बदतर हो जाती है। खुजली होने पर आप आंखों में पानी के छींटे करने के लिए ठंडे पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए
कांटेक्ट लेंस से बनाये दूरी
यदि आप कॉन्टेक्ट लेंस पहनती हैं, तो जब तक आपकी आंखों से कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण पूरी तरफ से साफ न हो जाए, तब तक उनके बिना रहें। यदि आपने लेंस पहना हुआ था और उसको उतारने के तुरंत बाद आपको संक्रमण हुआ तो आपको बाद में अपने लेंस और केस बदलने की आवश्यकता हो सकती है। बैक्टीरिया या वायरस वहां रह सकते हैं और आप दोबारा संक्रमित हो सकती हैं, तो कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से पहले दो बार जरूर सोच लें।
मेकअप से भी बचें
मेकअप हर महिला की खूबसूरती को और बढ़ाता है, लेकिन कंजंक्टिवाइटिस के दौरान मेकअप आपके संक्रमण को और बढ़ा सकता है। खासकर आंखों का मेकअप इसलिए आंखों का मेकअप करना तुरंत बंद करें। जब आपकी आंखों में लालिमा हों, तो आंखों का मेकअप करने से बचें। हो सकता है कि इससे आपका संक्रमण न हुआ हो, लेकिन आंखों का मेकअप इसे आपकी स्वस्थ आंखों तक फैलाने में मदद कर सकता है। संक्रमण से पहले उपयोग किए गए सभी आंखों के मेकअप और एप्लीकेटर को बदल दें। वरना वह फिर से आपको संक्रमित कर देंगे।
इम्यून को बढ़ाये
कंजक्टिवाइटिस होने पर इम्यून को बढ़ाने और संक्रमण को रोकने वाले सेहत से भरे फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फलों और सब्जियों को खाना चाहिए। अपने आहार में विटामिन ए, विटामिन बी2 और विटामिन सी से युक्त पदार्थों को शामिल करें।
तुरंत डॉक्टर के पास जाएं
इन घरेलू उपायों को अपनाने के बावजूद यदि आप एक सप्ताह से अधिक समय तक लक्षणों का अनुभव करती हैं या निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण अपनी आंखों या शरीर में विकसित देखती हैं, जैसे आंख से हरा या पीला स्राव होना, आपकी आंख में दर्द। दृष्टि में परिवर्तन जैसे धुंधलापन या डबल दिखना, बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द या चकत्ते पड़ जाना, इनमें से किसी की भी शिकायत होने पर बिना किसी देरी के अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
कंजंक्टिवाइटिस के होने के कारण आमतौर पर क्या होते हैं ?
कंजंक्टिवाइटिस का होना अधिकतर वायरल संक्रमण के कारण होता है। यह जीवाणु संक्रमण, एलर्जी रिएक्शन और शिशुओं में अपूर्ण रूप से खुली हुई आंसू वाहिनी(incompletely opened tear duct)
के कारण भी हो सकता है।
क्या कंजंक्टिवाइटिस से आंखों की रोशनी भी बाधित हो सकती है ?
कंजंक्टिवाइटिस से शायद ही कभी आपकी दृष्टि को प्रभावित करती है। घरेलू उपचार या डॉक्टरी चिकित्सा से गुलाबी आंख की परेशानी को कम करने में मदद करती है।
कंजंक्टिवाइटिस से आंखों में क्या जलन और दर्द होता है ?
कंजंक्टिवाइटिस आपकी पलक के अंदर और आपकी आंख के सफेद हिस्से में सूजन और लालिमा का कारण बनती है, जिस वजह से आपकी आंख में भी खुजली और दर्द महसूस हो सकती है।
कंजंक्टिवाइटिस को ठीक होने में कितना समय लग सकता है ?
कंजंक्टिवाइटिस के अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं। दुर्लभ मामलों में, लम्बे समय तक संक्रमण हो सकता है। जिसमें 15 से, कई बार 30 दिनों का भी समय लग जाता है।
कंजंक्टिवाइटिस से किस तरह से बचा जा सकता है ?
अपनी आंखों को अपनी उंगलियों से छूने या रगड़ने से बचें। अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो साफ हाथों से, एक साफ, गीले वॉशक्लॉथ या साफ रुई के फाहों का उपयोग करके अपनी आंखों के आस-पास से किसी भी तरह से आनेवाले स्राव को दिन में कई बार धोएं। उपयोग के बाद रुई के फाहों को फेंक दें।
कंजंक्टिवाइटिस के दौरान क्या रात में समस्या और बढ़ जाती है ?
वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन इन दोनों ही तरह के कंजंक्टिवाइटिस में आंखों से स्राव आमतौर पर सुबह में सबसे अधिक स्पष्ट होता है, जब हम सबसे पहले सुबह उठते हैं। चूंकि आंखें पूरी रात सोने की वजह से बंद रही हैं, इसलिए नींद के दौरान आंखों से स्राव बढ़ जाता है, और आंख बंद करने की वजह से आंखों के आसपास पपड़ी पड़ सकती है, जिससे सुबह आंखों को खोलने में भी बहुत दिक्कत होती है।
कंजंक्टिवाइटिस की समस्या क्या सूरज की तेज रोशनी की वजह से भी हो सकती है ?
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है हालांकि इस बात से इंकार नहीं है कि बहुत अधिक धूप आपकी त्वचा की तरह ही आपकी आंखों के लिए भी खराब हो सकती है, तो आंखों को हमेशा तेज धूप से बचाकर रखें।
कंजंक्टिवाइटिस की समस्या होने से क्या मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ?
हां, इसके साथ ही घर पर रहें और अपने शरीर को आराम दें, ताकि यह तेजी से ठीक हो सके। फिल्मों, वीडियो गेम आदि के माध्यम से अपनी आंखों पर दबाव डालने से बचें। फोन का इस्तेमाल अगर आप सिर्फ बात करने के लिए करती हैं तो भी हमेशा उसे अच्छी तरह से टिश्यू पेपर से इस्तेमाल करने के बाद ही इस्तेमाल करें।
कंजंक्टिवाइटिस की समस्या क्या फिर से हो सकती है ?
यदि आपने थोड़ी राहत के बाद ही इलाज रोक दिया है, तो संक्रमण वापस आ सकता है। यदि कोई वायरस कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन रहा है, तो एंटीबायोटिक ड्रॉप्स मदद नहीं करेंगी। जैसे-जैसे शरीर वायरस से लड़ता है, आंखों का संक्रमण अपने आप ठीक हो जाएगा। यदि आपको एलर्जी कंजंक्टिवाइटिस है, तो आपका डॉक्टर एंटी-एलर्जी आई ड्रॉप या गोली के रूप में दवा लिख सकता है, जिसका पूरा कोर्स करने के बाद ही आपको पूरी तरह से आराम मिल सकता है।
क्या किसी विटामिन की शरीर में कमी की वजह भी कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन सकती है ?
एक स्टडी से पता चला है कि विटामिन डी की कमी और एलर्जी गंभीर कंजंक्टिवाइटिस को बढ़ाती है।
क्या यह इंफेक्शन संपर्क में आने से फैलता है ?
जानकारों की मानें तो संक्रमित व्यक्ति की आंखों में भी देखने से यह प्रभावित कर सकता है, इसलिए इससे दूरी बनाकर रखें। स्विमिंग पूल के इस्तेमाल से लेकर तौलिये और तकिये के इस्तेमाल से भी बचें।