सर्दियों के समय में सबसे अधिक मुश्किल नवजात शिशु को लेकर आती है। कई घरेलू तरीके अपनाने के बाद भी यह महसूस होता है कि नवजात शिशु की देखभाल में कोई न कोई कमी रह जा रही है। अधिक ठंड के कारण नवजात शिशु के हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं। रात में खासतौर पर बच्चों की तबीयत का ध्यान देना होता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप नवजात शिशु की देखभाल ठंड में कर सकती हैं।
जरूरत है कंगारू मदर केयर
नवजात शिशु को ठंड से बचाने के लिए आपको कंगारू मदर केयर का तरीका अपनाना चाहिए। जिस तरह कंगारू अपने बच्चे को अपने साथ लेकर हमेशा रखती है, ठीक इसी तरह मां को भी अपने नवजात शिशु को ज्यादा समय अपने पास रखना चाहिए। माता-पिता के शरीर की त्वचा से नवजात शिशु की त्वचा का संपर्क भी नवजात शिशु के शरीर के तापमान को बनाए रखने में सहायता करता है। मेडिकल की भाषा में इसे कंगारू मदर केयर कहते हैं। गोदी में रहने से बच्चों के शरीर में आपके शरीर से गर्माहट मिलती रहती है।
शरीर की त्वचा का रखें ध्यान
बच्चे की शरीर की त्वचा का ध्यान भी रखना जरूरी है। बच्चे की शरीर को मॉइस्चराइज जरूर करें। इससे ठंड से बचने में उन्हें सहायता मिलती है। नवजात शिशु को बिस्तर पर सुलाने के समय हॅाट वाटर बैग से उस जगह को गर्म करके उसके ऊपर शिशु का बिस्तर लगा सकती हैं। बच्चे की शरीर की त्वचा को गर्म रखने के लिए उसके हाथ और पैर में उसे मोजे पहना सकती हैं, क्योंकि ठंड शरीर में हाथ और पैर के जरिए ही पहुंचती है।
हल्के से गर्म तेल की मालिश
नवजात शिशु के लिए तेल की मालिश बहुत ही मायने रखती है। ठंड के मौसम में उनके लिए मालिश पहले से अधिक जरूरी होती है। हल्के से गर्म तेल से मालिश करने से उनके शरीर में गर्मी पहुंचती है। नारियल का तेल और राई का तेल मालिश करने के लिए अच्छा पर्याय है। नाक और नाभि में भी मालिश के समय तेल लगाना चाहिए। इससे बच्चों को ठंड पकड़ने का डर नहीं होता है। रात में सोने से पहले और सुबह से शाम के बीच 2 बार जरूर नवजात शिशु की हल्के हाथ से मालिश करनी चाहिए।
बच्चों को दिखाएं धूप
ठंड के मौसम में धूप बहुत मुश्किल से दिखाई और महसूस होती है, लेकिन जब भी थोड़ा सा मौका मिले और धूप दिखाई दें, तो जरूर नवजात शिशु को धूप दिखाएं। बच्चों को धूप दिखाते समय उन्हें हल्के कपड़े पहनाएं, ताकि धूप का असर उनके शरीर पर सीधे पडे़। इसके अलावा नवजात शिशु को ठंड के समय हल्के गर्म करड़े जरूर पहनाएं, क्योंकि गर्म कपड़े अंदर से नरम होते हैं और नवजात शिशु को किसी भी तरह की तकलीफ नहीं होती है।
गर्म पानी से नहलाएं
बच्चों को ठंड के मौसम में हर दिन नहीं नहलाना चाहिए। उनके शरीर को गर्म पानी की सहायता से पोंछ लेना चाहिए। नहलाते समय भी यह ध्यान देना चाहिए कि उनके नाक और कान में पानी न घूसें। इससे नहलाने के बाद साफ तौलिएं से पानी पोछने के बाद भी नाक और कान के अंदर चले जाते है, जिससे सर्दी होने का डर रहता है। सोते समय बच्चे के हाथ के तलवे पर गर्म तेल जरूर लगाएं। इससे नवजात शिशु को ठंड से बचाने में आसानी होती है।