उन महिलाओं के लिए गर्भावस्था में अधिक सावधानी बरतनी जरूरी होती है , जिनका वजन कम है या फिर जो शारीरिक तौर पर कमजोर है। आइए जानते हैं विस्तार से इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ सोनिया चंदनानी से।
important things do not be neglected during pregnancy know expert opinion
गर्भावस्था के दौरान न करें लापरवाही, जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का अत्यधिक ध्यान रखने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है। जानकारों का मानना है कि गर्भावस्था के समय कोई भी महिला अपने जीवन को सामान्य तरीके से जी सकती है। गर्भावस्था कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक महिला के जीवन की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है, वैसे तो गर्भावस्था के दौरान हर महिला की सेहत सबसे जरूरी है, लेकिन उन महिलाओं के लिए गर्भावस्था अधिक सावधानी बन जाती है, जिनका वजन कम हैं या फिर जो शारीरिक तौर पर कमजोर है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ सोनिया चंदनानी से।
कमजोर महिलाओं के लिए सावधानी
वजन में कम महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान खुद का अधिक ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वजन में कम महिलाओं के लिए प्रीमैच्योर डिलीवरी और लो बर्थ वेट बेबी और मिसकैरेज की भी संभावनाएं होती हैं। सबसे जरूरी है कि मेडिकल जांच के जरिए यह जानना चाहिए कि आखिर वजन कम क्यों है। ध्यान दें कि प्रोटीन से भरपूर डायट प्लान को अपने खान-पान में शामिल करें। कम से कम 2000 से 2500 कैलरी से पूर्ण भोजन का सेवन करें।
घबराहट और डिप्रेशन का शिकार
स्त्री रोग विशेषज्ञ सोनिया चंदनानी कहती हैं कि वजन में कम महिलाओं को गर्भावस्था में अपनी डायट को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। अचानक डायट को बढ़ाने से अपच की समस्या हो सकती है। कमजोर महिलाओं को हर सप्ताह अपने वजन की जांच करनी चाहिए। इसके साथ थायरॉईड, डायबिटीज,एचआईवी की भी जांच अहम है। गर्भावस्था के समय महिलाएं घबराहट और डिप्रेशन से भी जूझती हैं, जो कि दिमागी तौर पर बीमार करता है। इसलिए मानसिक तौर से भी खुद को मजबूत रखना जरूरी है।
योग और फिटनेस
विशेषज्ञ सोनिया चंदनानी बताती हैं कि गर्भावस्था में महिलाओं के लिए योग भी अहम भाग है, लेकिन योग जानकार के निगरानी में। इसके साथ प्रेग्नेंट महिला में प्रोटीन और कैल्शियम की जांच करना भी जरूरी है। अल्ट्रा साउंड के जरिए बच्चे का वजन मॉनिटर करना और हर दिन की जांच भी गर्भावस्था की प्रक्रिया का हिस्सा है।
प्रेग्नेंसी के बाद भी रखें ख्याल
विशेषज्ञ सोनिया चंदनानी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि बच्चे के जन्म के बाद भी हर महिला को खुद के खान-पान को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। सबसे अधिक पोषण से पूर्ण खान-पान को डायट में शामिल करें। फाइबर युक्त फल और सब्जियों के सेवन के साथ पानी को पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए और आराम करना न भूलें।
प्रेग्नेंसी के बाद ऐसे करें खुद का डायट प्लान
सोनिया चंदनानी कहती हैं कि प्रेग्नेंसी के बाद खाने में सबसे जरूरी मेथी और गुड़ के पानी को मिलाकर 6 से 7 गिलास पूरे दिन पीना चाहिए। नाश्ते में 1गिलास दूध, उपमा और दलिया या फिर सब्जी से भरा हुआ पराठा खाना चाहिए। नाश्ते के 2 घंटे के बाद सूप, ज्यूस या फिर दाल का पानी पीना चाहिए। दोपहर के खाने में सलाद, रोटी-सब्जी, खिचड़ी और दलिया का सेवन करें। ध्यान दें कि रात में सोने से तीन से चार घंटे पहले भोजन कर लें। रात को सोने से पहले दूध और फल का सेवन करें। रात के खाने में रोटी-सब्जी और दलिया या खिचड़ी खा सकती हैं। प्रेग्नेंसी के बाद खुद को फिट रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज भी जरूरी है। डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन बी12 , विटामिन डी और भी जरूरी प्रोटीन का सेवन नियमित करना चाहिए।