दिन की शुरुआत हेल्दी हो इसके लिए हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट लें. शोध कहते हैं कि जो लोग नाश्ता करते हैं वो हेल्दी रहते हैं, वो दिनभर ऊर्जा महसूस करते हैं और उन्हें डायबिटीज़ का ख़तरा नाश्ता न करनेवालों की तुलना में कम रहता है.
नाश्ता आपको फ़िट और स्लिम रखने में मदद करता है और वो वज़न नियंत्रण में रखकर आपको मोटापे से बचाता है, क्योंकि नाश्ते से पाचन तंत्र संतुलित रहता है. जो लोग नाश्ता नहीं करते उन्हें दिनभर में जंक फूड और चाय आदि की क्रेविंग ज़्यादा होती है, जिससे वो अधिक कैलोरी का सेवन कर लेते हैं और मोटापे का शिकार होते है.
हमेशा भूख से थोड़ा कम ही खाएं, ताकि पानी के लिए जगह बची रहे. ओवर ईटिंग से बचें क्योंकि अक्सर अपना पसंदीदा खाना देखकर हम ज़्यादा खा लेते हैं, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है.
पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें. यह टॉक्सिंस को बाहर करता है, मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है.
खाने से एक घंटा पहले एक ग्लास पानी में नींबू का रस डालकर पीएं और खाने के फौरन बाद पानी न पीएं. कम से कम आधे घंटे बाद पानी पीएं.
सुबह खाली पेट गुनगुना पानी नींबू के साथ लेना बहुत ही हेल्दी हैबिट है.
रात को हल्का खाना लें और सोने से दो घंटे पहले डिनर कर लें.
हरी सब्ज़ियां ज़रूर खाएं, जैसे- पालक, मेथी, शिमला मिर्च, ब्रोकोली, पत्ता गोभी आदि. ये विटामिन ए, सी, ई, के और कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, पोटैशियम व ज़िंक से भरपूर होते हैं.
अलग-अलग प्रोटीन्स लें. ये आपको बीन्स, नट्स, सीड्स, टोफू, सोय प्रोडक्ट्स में मिलेंगे. प्रोटीन के बेहतरीन सोर्स- फिश, टोफ़ू, सोयाबीन, अंडा, दही, बींस, दालें, ड्राइफ्रूट्स, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां.
ग्रीन टी को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बना लें क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और ये मेटाबॉलिज़्म को बेहतर बनाती है.
फल और सब्ज़ियां फ़ाइबर का अच्छा सोर्स हैं इन्हें ज़रूर अपने डायट में शामिल करें. खीरा, गाजर, सलाद और हरीपत्तेदार सब्जियों में ही फ़ाइबर भरपूर मात्रा में मिलता है. मौसमी फल और सब्ज़ियां ज़रूर खाएं. हर रंग के फल व सब्ज़ियां खाएं. अपने भोजन में वैरायटीज़ रखें, ताकि हर तरह का पोषण आपको मिल सके.
बेहतर होगा कि अपने खाने में ओमेगा 3 और 6 फ़ैटी एसिड शामिल करें, जो आपको सालमन, सार्डिन, हेरिंग, मैकरेल और ठंडे पानी की मछलियों व उनके ऑयल्स से प्राप्त होंगे. ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर फ़ूड
हार्टडीसीज़ से रक्षा करते हैं, मूड को बेहतर बनाते हैं. इनका वेजीटेरियन सोर्स है- सोयाबीन, फ्लैक्सीड ऑयल, कॉर्न व अखरोट.
हेल्दी फैट्स ब्रेन, हार्ट और विभिन्न सेल्स के पोषण के लिए बहुत ज़रूरी हैं. मोनोसैचुरेटेड फैट्स को अपने डायट का हिस्सा बनाएं.
कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर डायट में शामिल करें, जो आपको साबुत अनाज, फल और सब्ज़ियां, ब्राउन राइस, जौ, बाजरा, बींस से प्राप्त होंगे. रिसर्च बताते हैं कि ये ब्लड शुगर व इंसुलिन के लेवल को सामान्य बनाए रखते हैं. इनमें फाइटोकेमिकल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो डायबिटीज़, कोरोनरी हार्ट डिसीज़, कुछ प्रकार के कैंसर और से बचाव करने में मददगार हैं.
शोध बताते हैं कि साबुत अनाज का अधिक सेवन करनेवालों का हार्ट अपेक्षाकृत हेल्दी होता है.
दही और छाछ का सेवन करें ये आपको ज़रूरी कैल्शियम भी प्रदान करेंगे. दही नेचुरल प्रोबायोटिक है जो आंतों को हेल्दी रखकर पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है.
सेब, केला और पपीता ज़रूर खाएं. इनमें पोषक तत्व होते हैं.
पपीते में विटामिन ए, बी और सी और कई तरह के एन्ज़ाइम्स होते हैं और रिसर्च बताते हैं कि पपीता खाने से डायजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है.
सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं और ये फाइबर का अच्छा स्रोत भी है और गुड बैक्टीरिया को पनपने में भी मदद करता है.
केले में फाइबर और पेक्टिन भरपूर मात्रा में होता है, जो आंतों के लिए काफ़ी हेल्दी होता है.
डायट में अदरक और लहसुन भी ज़रूर शामिल करें, अदरक पाचन क्रिया को बेहतर करता है, तो वहीं लहसुन मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करता है. वज़न को नियंत्रण में रखकर हार्ट को भी हेल्दी रखता है.
जीरा आंतों को और गर्भाशय को साफ़ रखता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जीरा भूख बढ़ाता है और पेट संबंधी कई समस्याओं से राहत दिलाता है.
हेल्दी सूप्स और सलाद को खाने में नियमित रूप से शामिल करें और बेहतर होगा कि आप खाने के हेल्दी ऑप्शन्स की लिस्ट बना लें, जिसमें ये चीज़ें शामिल करें- पोहा, इडली, सदा डोसा, चिला, उपमा, दाल, सूखा भेल, ओट्स, ब्राउन ब्रेड सैंडविच, ब्राउन राइस आदि.
खाने की आदत में धीरे-धीरे बदलाव लाएं. आप अपनी डायट रातोंरात नहीं बदल सकते. धीरे-धीरे अनहेल्दी चीज़ों को हेल्दी चीज़ों से रिप्लेस करें. हेल्दी स्नैकिंग हैबिट बनाएं.
हेल्दी ऑयल्य यूज़ करें, जैसे- ऑलिव ऑयल, कोकोनट, सरसों का तेल या सनफ़्लावर ऑयल.
रेड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स में सैचुरेटेड फैट्स होता है इनका सेवन कम करें.
बहुत ज़्यादा मीठा और नमक खाने से बचें. अगर मीठा खाने का मन हो तो नेचुरल शुगर से युक्त फ़्रूट्स व सब्ज़ियां खाएं, जैसे- शकरकंद, बीट, कॉर्न और गाजर.
ट्रान्स फैट्स खाना जरूरी है, जो मिलता है स्नैक्स, कैंडीज़, कुकीज़, फ्राइड फुड से.
फ़्राइड चीज़ों को बेक्ड और स्टीम्ड चीजों से रिप्लेस करें.
एक या दो बार ज़्यादा खाने की बजाय अपनी मील्स को 4-6 बार छोटी-छोटी मील्स में बांट लें.
प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड्स अवॉइड करें.
अनहेल्दी कार्बोहाइड्रेट्स, जैसे- मैदा, रिफाइंड शुगर, पॉलिश्ड चावल.
बहुत जल्दी-जल्दी न खाएं. धीरे-धीरे चबा-चबाकर खाएं. तसल्ली से सबके साथ मिलकर खाएं. खाने को एंजॉय करें. हम क्या खाते हैं इसके साथ साथ ये भी मायने रखता है कि हम कैसे और किस भावना से खाते हैं.
एक ही जगह बैठे न रहें, टहलें, लाइट एक्सरसाइज़ करें.
बाहर का खाना जितना हो सके अवॉइड करें. अगर अपनी क्रेविंग्स को संतुष्ट करना है तब भी बेहतर होगा कि घर पर ही कुछ बनाकर खाएं.