विटामिन डी एक पोषक तत्व है, जिसे हम खाते हैं और एक हार्मोन, जो हमारे शरीर बनाता है। यह एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो लंबे समय से शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने और बनाये रखने में मदद करने के लिए जाना जाता है, आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।
क्या है विटामिन डी
विटामिन डी एक पोषक तत्व है, जिसे हम खाते हैं और एक हार्मोन जो हमारे शरीर बनाता है। यह एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो लंबे समय से शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने और बनाए रखने में मदद करने के लिए जाना जाता है, दोनों ही हड्डी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा भी विटामिन डी की भूमिका हमारे शरीर में बेहद अहम है। ये विटामिन हड्डियों, दांतों, मसल्स, स्किन और बालों के विकास में अहम भूमिका निभाता है। हमारे ब्रेन से लेकर आंखों के लिए नर्वस सिस्टम और इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए बेहद उपयोगी है। बॉडी में इस जरूरी पोषक तत्व की कमी होने पर मांसपेशियों में थकान रहती है,हड्डियों में दर्द, ज्वाइंट पेन,बार-बार संक्रमण का खतरा,पीठ दर्द,हड्डियों को नुकसान और तनाव पैदा होता है। इस विटामिन की कमी होने से इम्युनिटी कमजोर होने लगती है और इंसान थका-थका और बीमार महसूस करता है। एक रिसर्च से यह बात भी सामने आयी है कि विटामिन डी कैंसर कोशिका वृद्धि को कम कर सकता है, संक्रमण को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
विटामिन डी की कमी के कारण
विटामिन डी की कमी एक आम वैश्विक समस्या है। आंकड़ों की मानें, तो दुनिया भर में लगभग 1 अरब लोगों में विटामिन डी की कमी है। शरीर में विटामिन-डी का लेवल में कमी के कुछ मुख्य कारणों के बारे में जानते हैं। -अधिकतर समय तक कमरे में हम रहते हैं। घर हो या ऑफिस हम चार दीवारी में ही खुद को रखते है, जिससे सूरज की रौशनी से भी हम दूरी बना लेते हैं और सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अहम स्रोत में से एक माना जाता है। डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध, दही और मक्खन का सेवन कम करना या नहीं करना भी विटामिन डी की कमी की एक वजह है।
अच्छे खान-पान से हम खुद को दूर रखते हैं, लेकिन गलत खान-पान हमारी डेली रूटीन में शामिल हो गया है। फास्ट फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन करना भी विटामिन डी की कमी को बढ़ावा देता है। गलत खानपान के साथ-साथ गलत जीवन शैली भी इसकी कमी का कारक बनता है। देर रात तक जगना और फिर सुबह समय पर नहीं उठना। यह जीवन शैली बहुत हद तक सूरज की रोशनी से हमें दूर कर देता है। शाकाहारी लोगों में विटामिन डी की कमी का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उन्हें खान-पान में पोषक तत्व नहीं मिल पाता है।
विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियां
विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों का घनत्व (बोन डेंसिटी) कम हो सकता है और तो और हड्डियां आसानी से टूट भी सकती हैं। इसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा भी पैदा हो सकता है। विटामिन डी की कमी से मांसपेशियों की दिक्कतें पैदा होती हैं।जो हमेशा थका हुआ महसूस करवाने के साथ-साथ कई बार बहुत पीड़ादायक भी साबित हो सकती है। -बच्चों में विटामिन डी की गंभीर कमी से सूखा रोग होता है। रिकेट्स के लक्षणों में शामिल हैं। मस्तिष्क मुलायम हो जाता है, हड्डियां असामान्य रूप से बढ़ती हैं और शिशु को बैठने और रेंग कर चलने में समय लग जाता है। कई बार झुकी हुई या मुड़ी हुई हड्डियों के कारण गलत विकास पैटर्न की भी समस्या हो जाती है। विटामिन डी की कमी इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित करती है, जिस वजह से आप बार-बार बीमार भी पड़ सकती हैं । इसके साथ ही आपकी छोटी चोट भी भरने में काफी समय लें सकती है।
विटामिन डी की कमी से आपको सांसों की समस्या हो सकती है। दरअसल, इससे आपका इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो सकता है। साथ ही सांस की नली में संक्रमण का डर भी रहता है। जिससे अस्थमा की बीमारी भी हो सकती है क्योंकि विटामिन की कमी से आपका शरीर संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता है। विटामिन डी की कमी त्वचा और बालों के लिए भी बेहद हानिकारक है। यह बालों के झड़ने की वजह बन सकता है तो त्वचा पर उम्र से पहले झुरियों की समस्या ला सकता है। इस विटामिन की कमी मानसिक तौर पर भी आघात पहुंचाती है। कई शोध में यह बात सामने आयी है कि विटामिन डी की कमी कई बार डिप्रेशन की वजह भी बन सकता है, जिससे नींद न आने से लेकर चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी शामिल है। रिसर्च में यह बात भी सामने आयी है कि विटामिन डी की कमी की वजह से कई बार हमारी बॉडी ब्लड शुगर, ऑटो इम्यून डिसऑर्डर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी से भी ग्रसित हो सकती है।
खान-पान से पाएं विटामिन डी
अगर आप भी बॉडी में इस विटामिन की कमी महसूस कर रही हैं तो अपनी लाइफस्टाइल में इस आदत और डायट में इन फूड्स को शामिल करना शुरू दें। एक्सपर्ट्स की मानें तो शरीर को रोजाना 600 UI विटामिन डी की जरूरत होती है। आप घर में धूप में बैठकर और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर कमी को खत्म कर सकते हैं। रोजाना 30 मिनट के लिए सुबह 11बजे तक की धूप में जरूर बैठें। आप बालकनी या छत पर बैठ कर अपने हाथ, पैरों और चेहरे को धूप दिखाएं। इससे शरीर को भरपूर विटामिन डी मिलेगा। दूध और उससे बने उत्पादों में पोषक तत्वों का पॉवर हाउस शामिल होता हैं। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन, विटामिन बी, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन के, विटामिन ई, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन और कई तरह के खनिज और वसा मौजूद होती है, जो बॉडी को हेल्दी रखती है। रोजाना के खान-पान में इसे शामिल करें। प्रोटीन से भरा अंडा विटामिन डी देता है। इसके पीले हिस्से में फैटी एसिड, फैट और विटामिन डी होता है। आप इसे खाकर विटामिन डी की कमी पूरी कर सकते हैं। शाकाहारी लोगों में मशरूम से विटामिन डी की कमी खत्म की जा सकती है। एक स्टडी के अनुसार इंसानों की तरह मशरूम भी धूप से विटामिन डी बनाता है, जिसे खाकर फायदा उठाया जा सकता है। मांसाहारी लोगों के लिए विटामिन का भरपूर स्रोत मछली है। अपने खाने में साल्मन और टूना फिश को शामिल करें। रिसर्च की मानें तो रोजाना 1 चम्मच लिवर ऑयल का सेवन करने से भी विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। सिर्फ 1चम्मच लिवर ऑयल से विटामिन डी की डेली नीडिस का 56 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो जाता है। साबुत अनाज और पत्तेदार सब्जियां भी विटामिन डी का बहुत अच्छा स्रोत हैं।