एक खुशहाल जिंदगी के लिए दिल का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। दिल का स्वास्थ खराब होने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याएं होने लगती हैं। आंकड़ों के मुताबिक हृदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक दुनिया भर में होनेवाली मौतों की अहम वजह है। आनुवंशिकी और उम्र जैसे कुछ जोखिम कारकों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, लेकिन आजकल लोग कम उम्र में ही दिल संबंधी बीमारियों के शिकार बन रहे हैं, जिसकी वजह लापरवाही और खराब लाइफस्टाइल है। ऐसे में इनसे जुड़े जोखिम कारकों को नियंत्रित या संशोधित कर दिल को स्वस्थ रखकर हृदय रोग से दिल को बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ खास बातें, जिन्हें अपनाकर आप अपने दिल का हाल सुधार सकते हैं और लाइफस्टाइल के कारण होने वाली बीमारियों से खुद को बचा सकती हैं।
नींद लें पूरी
दिल के दौरे की रोकथाम के लिए पर्याप्त नींद पहला स्टेप है। नींद की कमी से उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह की संभावना बढ़ जाती है। ये स्थितियां हृदय रोगों के खतरे को और बढ़ा सकती हैं। औसतन, एक वयस्क को प्रति रात सात घंटे की गहरी नींद की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आपका नींद चक्र स्वस्थ हो। यदि आप किसी नींद संबंधी परेशानियों का अनुभव करती हैं, तो आप इसका तुरंत इलाज करवाएं।
खानों की आदतों में करें सुधार
एक स्टडीज के अनुसार गलत खानपान ही शरीर की आधी बिमारियों की वजह बनता है।यही वजह है कि अस्वास्थ्य खाने की आदतों को आज ही छोड़ दें। अपने आहार से उच्च सोडियम (कम नमक वाला आहार), रिफाइंड चीनी और सैचुरेटेड फैट को कम करने के लिए अपनी खाने की आदतों में सुधार करें। पोषण और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्वस्थ खान-पान आपके शरीर को स्वस्थ हृदय के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करने में मदद करता है। अपने खान-पान में जैविक भोजन, जैसे कि फल, सब्जियां और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर, शरीर की सूजन कम होती है, अच्छे आंत बैक्टीरिया के स्तर में वृद्धि होती है और पाचन में सुधार होता है। ये सभी कारक रक्त में सुधार करते है। डॉक्टर्स की मानें, तो हेल्दी हार्ट के लिए मैग्नीशियम और पोटेशियम सबसे जरूरी है। गौरतलब है कि आहार के माध्यम से आसानी से मैग्नीशियम की पूर्ति की जा सकती है। साबुत अनाज और गहरी हरे पत्तेदार सब्जियां मैग्नीशियम का अच्छे स्रोत हैं। कम वसा वाले दूध और दही में भी मैग्नीशियम होता है। बीन्स और फलियां (जैसे सोयाबीन, बेक्ड बीन्स, दाल और मूंगफली) और नट्स (जैसे बादाम और काजू) का सेवन करके भी मैग्नीशियम प्राप्त कर सकते हैं। आहार के माध्यम से पोटेशियम प्राप्त करने के लिए पत्तेदार साग, बीन्स, नट्स, डेयरी खाद्य पदार्थ और स्टार्च वाली सब्जियों का सेवन किया जा सकता है। सूखे मेवे (किशमिश, खुबानी), बीन्स और दालें, आलू, पालक, ब्रोकोली, एवोकाडो और केले इस पोषक तत्व के अच्छे स्रोत हैं।
खुद को हमेशा हाइड्रेट रखें
पानी शरीर के लिए उतना ही जरूरी है, जितना कि सांस और पानी की कमी से इंसान को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, साथ ही हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए रोजाना कम से कम दो लीटर पानी जरूर पिएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो और आप स्वस्थ रहें, आपका दिल मजबूत बने।
बैठें कम चलें ज्यादा
स्वस्थ रहने, बीमारियों से बचने और उम्र बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। एक स्टडीज के अनुसार वयस्कों को हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज या 75 मिनट की तेज तीव्रता वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। यदि आप पहले से ही सक्रिय हैं, तो आप और भी अधिक लाभ के लिए अपनी तीव्रता बढ़ा सकते हैं। यदि आप अभी सक्रिय नहीं हैं, तो कम बैठने और अधिक चलने से शुरुआत करें।
धूम्रपान से करें तौबा
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह बात सिगरेट के पैकेट से लेकर फिल्मों की स्क्रीन में भी नजर आने लगा है। सिगरेट पीने से अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे हृदय की धमनियों में तनाव पैदा होता है और यह हृदय रोग और स्ट्रोक के प्रमुख कारणों में से एक है। जब आप धूम्रपान करना बंद कर देते हैं, तो आपके ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार होता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है।
तनाव से बचें
रोचेस्टर मेडिकल सेंटर विश्वविद्यालय द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रोनिक तनाव या लंबे समय तक तनाव हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है. तो, अपने तनाव के स्तर को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें.
शराब का सेवन न करें
अधिक मात्रा में शराब का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इससे ब्लडप्रेशर और हृदय संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। ज्यादा शराब पीने से दिल कमजोर पड़ सकता है। इसलिए दिल को मजबूत रखने के लिए या तो शराब का सेवन बिल्कुल कम कर दें या बंद कर दें तो ज्यादा बेहतर है।
वजन को रखें मेन्टेन
अपने शरीर के वजन को हमेशा बनाये रखें। यदि आपका वजन अधिक है या आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो वजन तुरंत कम करें। कम कैलोरी खाने और अधिक एक्सरसाइज से शुरुआत करें। आप अपना बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जांच सकते हैं। मोटापा दिल की बीमारियों को विकसित करने के अहम कारणों में से एक है क्योंकि ये ब्लड में शुगर, ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाते हैं।
रक्तचाप की हो जांच
आपको हर दो साल में कम से कम एक बार अपना रक्तचाप जांचना चाहिए। यदि आपके पास उच्च रक्तचाप या हृदय रोग के लिए अन्य जोखिम कारक हैं, तो इसका खासा ख्याल रखें। उच्च रक्तचाप, जिसे उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है, आमतौर पर इसका कोई लक्षण नहीं होता है। इसलिए नियमित आधार पर इसकी जांच कराना महत्वपूर्ण है। यदि आपको उच्च रक्तचाप है, तो आपका चिकित्सक के परामर्श की जरूरत होगी।
अपने कोलेस्ट्रॉल की करें निगरानी
आपको हर चार से छह साल में अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण करवाना चाहिए। यदि आप जानते हैं कि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल है या उच्च कोलेस्ट्रॉल का पारिवारिक इतिहास है, तो आपको उन स्तरों की अधिक बार जांच करानी पड़ सकती है। अपने चिकित्सक से इस बारे में बात करें कि आपको यह सरल रक्त परीक्षण कब करवाना चाहिए। दिल को स्वस्थ रखना है तो कोलेस्ट्रॉल पर खासा ध्यान रखने की जरूरत है। वरना वह दिल के स्वास्थ्य को बिगाड़ देगा।
मधुमेह का करें प्रबंधन
यदि आपको मधुमेह है, तो नियमित रूप से अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करें। आप अपने मधुमेह का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपके रक्त शर्करा( ब्लड शुगर) को नियंत्रण में रखने में मदद के लिए जीवनशैली में बदलाव की सलाह दे सकते हैं। अपने मधुमेह का प्रबंधन करने से हृदय रोग को रोकने में मदद मिल सकती है
अपनी दवाएं जरूर लें
जो लोग उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल या मधुमेह के लिए दवा लेते हैं, उन्हें अपने डॉक्टर्स के निर्देशों का हमेशा पालन करना चाहिए। उन निर्देशों का पालन करने से आपको चिकित्सीय स्थितियों को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है, जिससे हृदय रोग को रोकने में मदद मिल सकती है।