गर्मी में बड़े-बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी को घमौरी की समस्या हो जाती है। ऐसे में बड़े किसी न किसी तरीके से खुद की घमौरी की परेशानी को दूर करने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन नवजात बच्चे अक्सर अपनी इस समस्या को नहीं बोल पाते हैं। इसलिए जरूरी है कि नवजात बच्चों को घमौरी की समस्या से दूर रखा जाए। इसके लिए आपको कुछ उपाय करने की जरूरत है, जिसके बाद आप नवजात बच्चों को घमौरी की दिक्कतों से दूर कर सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
जानें क्यों होती है घमौरी
जानकारों का मानना है कि नवजात बच्चों में घमौरियों की समस्या होना एक आम परेशानी हैं। लगभग हर नवजात बच्चे को गर्मी में इस तरह की परेशानी से गुजरना ही पड़ता है। यह जान लें कि घमौरी को केवल घमौरी ही नहीं कहा जाता है, बल्कि इसे रैश और प्रिक्ली हिट भी कहा जाता है। अफसोसजनक यह है कि नवजात बच्चों को भी घमौरी की उन्हीं परेशानियों से गुजरना पड़ता है, जिन दिक्कतों का सामना बड़े बच्चे या फिर महिलाएं और पुरुष करते हैं। इसमें त्वचा पर खास तौर पर लाल रंग के छोटे दाने निकल आते हैं। परेशानी तब और अधिक बढ़ जाती हैं, जब त्वचा पर पड़ना वाले लाल रंग के इन दानों में खुजली होने लगती है। बड़े लोग फिर भी इस परेशानी का सामना किसी न किसी तरीके से कर लेते हैं, लेकिन नवजात बच्चों अपनी इस परेशानी को बयान नहीं कर पाते हैं। नवजात बच्चों को खास तौर पर गर्दन, पीठ की त्वचा की परतों पर घमौरी की परेशानी दिखाई पड़ती है। हालांकि जानकारों का मानना है कि हीट रैश कोई गंभीर समस्या नहीं है, बल्कि इसका इलाज आसानी से घर पर किया जा सकता है। बच्चों में घमौरी होने की समस्या अक्सर धूप या फिर गर्मी से होने वाले पसीने के कारण आती है। अगर थोड़े कई बार कई लेयर्स के कपड़े पहनने से या फिर अधिक एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी करने के कारण भी बच्चे की पसीने की ग्रंथियों में रुकावट आती है। इस वजह से घमौरी के कारण नवजात बच्चों की त्वचा लाल हो जाती है। खुजली बच्चों के लिए सबसे अधिक समस्या जैसे कि चिड़चिड़ापन, अधिक रोना और बुखार जैसी समस्या भी लेकर कई बार आ सकती है।
घमौरी के बाद नवजात बच्चों को होने वाली परेशानी
कई मामले में यह भी देखा गया है कि नवजात बच्चों को घमौरी के कारण अच्छी नींद नहीं आती है और बच्चे काफी समय तक रोते रहते हैं। बच्चों को रात में घमौरी को लेकर सबसे अधिक परेशानी होती है। कई बार खुजली होने के कारण बच्चे अपनी त्वचा को खरोंच लेते हैं और इस वजह से बैक्टीरिया फैलने की भी चिंता बढ़ जाती है।
घमौरी के इलाज की नहीं आवश्यकता?
जानकारों का कहना है कि अधिकतर मामलों में घमौरी का इलाज नहीं किया जाता है, क्योंकि अपने आप 2 से 3 दिन में यह समस्या खत्म हो जाती है। लेकिन नवजात बच्चों को घमौरी की परेशानी से दूर करने के लिए बच्चों के शरीर पर ठंडे पानी के कपड़े से पोछने की क्रिया की जा सकती है। इसके साथ आप बच्चों को रात में सोने से पहले ठंडे पानी के कपड़े से अच्छी तरह से पोंछ कर फिर सुलाएं। इससे बच्चों को रात में अच्छी नींद आती है और घमौरी की खुजली परेशान नहीं करती है।
घमौरी होने पर नवजात बच्चों के साथ सावधानी
घमौरियां होने पर आपको हमेशा नवजात बच्चों को ठंडे वातावरण में रखें, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें एसी के करीब रखें। एसी के करीब अधिक रहने से उन्हें सेहत से जुड़ी दूसरी समस्या हो सकती है। साथ ही आपको गर्मी के मौसम में बच्चों को ठंडे पानी से नहलाना चाहिए। बच्चों को डायपर पहनाने से पहले उस जगह को सूखे कपड़े से अच्छी तरह से हल्के हाथ से साफ करें और फिर पाउडर लगाने के बाद ही डायपर पहनाएं। इसके बाद भी अगर बच्चों को घमौरी से राहत नहीं मिलती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। कई मामले में बच्चों को घमौरी के कारण बुखार और शरीर में दर्द का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे मामले में भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नवजात बच्चे को गर्मी से दूर रखने के लिए अपनाएं यह तरीका
आप नवजात बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए कुछ तरीके का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। देखा जाए, तो यह एक तरीके की सावधानी है, ताकि बच्चों को गर्मी से बचाया जा सके। जानकारों का मानना है कि बच्चों को गर्मी और घमौरी से दूर रखने के लिए ढीले सूती कपड़े पहनाने चाहिए। साथ ही नवजात बच्चों के लिए हल्के बिस्तर का इस्तेमाल करें। बच्चों को गर्म पानी से नहीं नहलाना चाहिए और अधिक से अधिक तरल पदार्थ बच्चों को पिलाना चाहिए। साथ ही बच्चों को घमौरी की खुजली और जलन से बचाने के लिए ठंडे पानी से घमौरी हुई जगह को आप पोंछ भी सकती हैं। बच्चों के घमौरी वाले हिस्से पर किसी भी तरह के तेल न लगाएं। आपका नवजात जिस कमरे में लेटा हुआ है, वहां का तापमान सामान्य रखें। बच्चे को जरूरत से अधिक कपड़े नहीं पहनाएं। आप अधिक गर्मी होने पर बच्चे को बिना कपड़े के भी रख सकती हैं। ज्यादा जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर ही रैशेज क्रीम और पाउडर का इस्तेमाल करें। साथ ही नवजात बच्चे को टाइट कपड़े न पहनाएं।
बच्चों को घमौरी से सुरक्षित रखने के लिए अपनाएं यह भी तरीका
बच्चों को घमौरी से दूर रखने के लिए आप कुछ बातों पर खास तौर पर ध्यान दे सकती हैं। इसमें सबसे पहले बच्चों को भीड़ वाली जगह से दूर रखें। बच्चों को किसी के संपर्क में न आने दें। साथ ही गर्मी के समय बच्चों को दो समय पर नहलाएं। अगर आप बच्चे को नहला नहीं पा रही हैं, तो उनका शरीर गीले कपड़े से पोछकर बच्चे को थोड़ी देर तक बिना कपड़े के सामान्य तापमान पर रहने दें और फिर इसके बाद शरीर के अच्छी तरह से सूख जाने के बाद बच्चे को पहनाने के लिए पतले कपड़े का इस्तेमाल करें।