पैरों में फंगल इंफेक्शन त्वचा संक्रमण है, जो आमतौर पर पैर की उंगलियों के बीच शुरू होता है। आइए जानते हैं कि एथलीट फीट होने पर घरेलू चीजों से किस तरह से घर पर इनका इलाज संभव है।
फंगल इंफेक्शन को पहचानें
पैरों में फंगल इंफेक्शन त्वचा संक्रमण है, जो आमतौर पर पैर की उंगलियों के बीच शुरू होता है। यह आमतौर पर उन लोगों में होता है जिनके पैर टाइट-फिटिंग जूतों तक सीमित रहते हुए बहुत पसीने से तर हो जाते हैं। इसे डॉक्टर्स की भाषा में एथलीट फुट भी कहते हैं। इसके लक्षणों में खुजली और पपड़ीदार दाने शामिल हैं। इसके साथ ही त्वचा में जलन की भी समस्या होती है। आइए जानते हैं कि एथलीट फीट होने पर घरेलू चीजें से किस तरह से घर पर इनका इलाज संभव है।
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल में मौजूद रसायन बैक्टीरिया, फंगस को खत्म कर सकता है और सूजन को कम करके त्वचा की एलर्जी रिएक्शंस को कम कर सकते हैं। स्टडी में यह बात सामने आयी है कि यह पैर के नाखून के फंगस और पैरों के फंगल इंफेक्शन के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग प्रभावकारी है। यदि आप टी ट्री ऑयल को पतला करना चाहती हैं, तो इसे नारियल तेल जैसे ऑयल में मिलाएं। आप इसे लगाने के लिए या तो रुई के फाहे का उपयोग कर सकती हैं या यूं ही लगाकर इसे सूखने दे सकती हैं।
साइडर विनेगर
सिरके में मौजूद एसिड, फंगस को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। यही वजह है कि पैरों के फंगल इंफेक्शन में यह काफी प्रभावशाली है। इसके लिए एक टब में एक भाग एप्पल साइडर विनेगर और एक भाग पानी के मिश्रण को मिलाकर अपने प्रभावित पैर को रोजाना 30 मिनट तक भिगो दें और उसके बाद पैरों को अच्छी तरह सुखा लें। आपको कुछ ही दिनों में फर्क नजर आ जाएगा।
लहसुन
यह बात स्टडीज में भी साबित हो गयी है कि लहसुन में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। इसका फायदा अपने फंगल से ग्रसित पैरों को पहुंचाने के लिए आप कर सकती हैं। इसके लिए कुछ लहसुन की कलियों को कुचलकर, उसके पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगा लें। 30 मिनट बाद इसे साफ पानी से धो लें। वैसे अगर आपके घाव खुले हैं, तो इनका इस्तेमाल करने से बचें। वैकल्पिक रूप से आप अपने खान-पान में भी लहसुन की खुराक शामिल कर सकती हैं।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा एक ऐसी चीज है, जो ज्यादातर लोगों के किचन में आसानी से उपलब्ध होती है। यह फंगल से प्रभावित पैरों को ठीक करने का एक प्रभावी तरीका है। स्टडी में पाया गया है कि सोडियम बाइकार्बोनेट यानी बेकिंग सोडा में एंटी फंगल गुण होते हैं और यह त्वचा पर भी बेहद फायदेमंद होता है। ऐसे में एंटी फंगल की समस्या होने पर बेकिंग सोडा में अपने पैरों को कुछ समय के लिए भिगोकर रखें। फर्क कुछ दिनों में आपके सामने होगा। इसके लिए एक बड़ी बाल्टी में हल्का गर्म पानी ले लें। लगभग आधा कप बेकिंग सोडा मिलाकर अपने पैर उसमें डाल दें। दिन में दो बार 15 से 20 मिनट तक पैरों को इस पानी में डुबो कर थोड़ी देर रखें, उसके बाद पैरों को अच्छी तरह सुखा लें, लेकिन उसे धोएं नहीं।
हेयर ड्रायर
यदि फंगस के पास पनपने के लिए आदर्श वातावरण नहीं है, तो वे बढ़ना जारी नहीं रह सकते। फंगस को बढ़ावा पैरों में मौजूद नमी देती है। विशेष रूप से पंजों के बीच की नमी से छुटकारा पाकर आप फंगस को फैलने और बदतर होने से बचा सकती हैं।अक्सर नहाने के बाद पैरों को अच्छी तरह से सुखाने की जरूरत महसूस नहीं होती है और दिक्कत वहीं से शुरू होती है। पैरों के बीच की नमी को सुखाने का सबसे कारगर तरीका हेयर ड्रायर है। नहाने के बाद अपने पैरों को हेयर ड्रायर से अच्छी तरह सुखाकर आप उनसे नमी को हटा सकती हैं। हालांकि इस दौरान खास ख्याल रखें कि आपकी त्वचा न जल जाए।
टैल्कम पाउडर
यदि आपके पास हेयर ड्रायर से सुखाने का समय नहीं है, तो आप अपने तौलिये से पैरों और उसके बीच की नमी को अच्छी तरह से पोंछ कर सूखा लें। जब पैर सूख जाएं, तो पसीने को सोखने में मदद के लिए उन पर टैल्कम पाउडर छिड़क लें। कई फुट पाउडर में टैल्कम होता है और यह पैरों को लम्बे समय तक सूखा रखने में मदद करता है। ऐसे में फंगल इंफेक्शन को कम करने में भी यह मददगार हो सकता है।
पेरोक्साइड और आयोडीन
पेरोक्साइड और आयोडीन का उपयोग आमतौर पर कटने और घावों से होनेवाले इंफेक्शन से बचाव के लिए किया जाता है। एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि पेरोक्साइड को आयोडीन के साथ मिलाया जाए, तो ये अलग-अलग तरह के लगभग 16 तरह के फंगस को खत्म करने में कारगर हो सकता है। दोनों को अलग-अलग इस्तेमाल करने की तुलना में एक साथ इस्तेमाल करना अधिक प्रभावी है। इस उपाय को आजमाने के लिए एक बाल्टी या बड़े कटोरे में आयोडीन घोल और हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिला लें। अब पैरों को सीधे घोल में डुबोएं या अफेक्टेड जगहों पर कॉटन की मदद से इस घोल का इस्तेमाल करें। आपको यह दोनों आसानी से मेडिकल के दुकान में मिल जाएंगी।
सबसे ज्यादा पूछे जानेवाले सवाल
फुट फंगल के शुरुआती लक्षण क्या है?
अपने पैरों पर ध्यान दें। अपने पैरों के तलवों और पंजों के बीच की जगह की जांच करें। अगर वहां फटती, छिलती या पपड़ीदार त्वचा है और आपके पैरों में खुजली होती है, खासकर जूते और मोजे उतारने के तुरंत बाद तो यह फंगल फुट का संकेत है।
पैरों में फंगल इंफेक्शन की रोकथाम के लिए सुझाव क्या है ?
अपने पैरों को साफ और सूखा रखें। स्नान या शॉवर के बाद अपने पैर की उंगलियों के बीच का भाग सुखाएं। अपने पैरों को सूखा रखें, विशेषकर अपने पंजों के बीच में।
अपने नाखूनों को नियमित रूप से काटें और उन्हें छोटा रखें। नेल कटर और अन्य सौंदर्य उपकरणों की नियमित रूप से सफाई करें।
हवादार जूते या सैंडल पहनें। अच्छे मोजे पहनें और नियमित रूप से मोजे बदलें। यदि आपके पैरों में बहुत पसीना आता है, तो दिन में दो बार अपने मोजे बदलें। विशेष रूप से ऐसे मोजे खरीदें, जो प्राकृतिक सामग्री से बने हों, जैसे कि कपास या ऊन, या सिंथेटिक फाइबर ।
लॉकर रूम या सार्वजनिक शॉवर जैसे पब्लिक प्लेस में नंगे पैर चलने से बचें। जब आप घर पर हों तो अपने पैरों को जितना संभव हो सके हवा देने के लिए नंगे पैर जायें।
फंगल फुट होने पर किस बात ख्याल विशेष तौर पर रखें ?
यह महत्वपूर्ण है कि फंगल से प्रभावित पैरों के आसपास इचिंग होने पर खरोंचें नहीं। इससे जलन बदतर हो सकती है और संक्रमण फैल सकता है।
फंगल इंफेक्शन को रोकने के लिए आहार में क्या शामिल करना फायदेमंद हो सकता है ?
जानकारों की मानें तो प्रोबायोटिक शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बहाल करने में मदद करते हैं, जो फंगल संक्रमण से लड़ सकते हैं इसलिए इस दौरान दही, योगर्ट जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लें।
क्या फुट फंगल होने पर पेडीक्योर करवाना चाहिए ?
पेडीक्योर आम तौर पर सुरक्षित होते हैं, लेकिन अगर आपके पैरों पर कोई खुला घाव है तो पेडीक्योर बिल्कुल न करवाएं। अक्सर सलोन में एक ही टब का इस्तेमाल पेडीक्योर के लिए किया जा जाता है, ऐसे में आप अपने इंफेक्शन को बढ़ाने के साथ-साथ दूसरे को भी इंफेक्ट कर सकती हैं।
डॉक्टर से सलाह कब ली जानी चाहिए ?
यदि घरेलू उपचार काम नहीं करते हैं या समस्या 2 सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर या पोडियाट्रिस्ट की मदद आवश्यक हो जाता है, क्योंकि फंगल इंफेक्शन को कई बार टालना आपके लिए बेहद रिस्की साबित हो सकता है।