शरीर के लिए जिंक कितना जरूरी है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकती हैं कि इससे आपको बुढ़ापे का एहसास समय से पहले होने लगता है। आइए जानते हैं, आपके शरीर के लिए जिंक क्यों जरूरी है और आप इसकी पूर्ती कैसे कर सकती हैं।
शरीर के लिए महत्वपूर्ण है जिंक
आपके शरीर की इम्युनिटी में सुधार करने के साथ जख्मों को ठीक करने, बालों को घना और चमकदार बनाने, आपकी स्किन और आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए जिंक बेहद जरूरी पोषक तत्व है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान और बचपन में शरीर के सही विकास के लिए भी जिंक बेहद जरूरी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिंक को आप संतुलित भोजन और सप्लीमेंट से ही पा सकती हैं, लेकिन कई बार पौष्टिक भोजन लेने के बावजूद आपका शरीर इसे अच्छी तरह एब्जॉर्ब नहीं कर पाता और इसकी कमी से आपके शरीर में कई घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके आप जिंक की कमी से आसानी से निपट सकती हैं, लेकिन उससे पहले जरूरी ये जानना है की जिंक की कमी को आप कैसे पहचानेंगी।
जिंक की कमी के लक्षण
जिंक एक ट्रेस मिनरल है, और आपका शरीर ठीक से काम करे, इसके लिए जिंक बेहद जरूरी है। अगर आपको पर्याप्त मात्रा में जिंक नहीं मिलता है, तो आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे, कमजोरी महसूस होने के साथ बार-बार दस्त होना, भूख कम लगना, लगातार वजन कम होना, इम्युनिटी कमजोर होना, मानसिक स्वास्थ्य पर असर होना, स्वाद और गंध पहचानने में परेशानी होना, घाव भरने में वक्त लगना और बालों की समस्या जैसी समस्याएं होने लगती हैं। विशेष रूप से न्यूरोलॉजी फंक्शन सही तरीके से काम करे इसके लिए जिंक बेहद जरूरी है। यही वजह है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को जिंक की सही मात्रा लेने की सलाह दी जाती है, जिससे उसके होनेवाले बच्चे को जिंक की कमी का सामना न करना पड़े। गौरतलब है कि गर्भावस्था में जिंक एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह भ्रूण के समुचित विकास में मदद करता है। विशेष रूप से ब्रेस्ट फीडिंग करनेवाली महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है कि वे अपने आहार में सामान्य से अधिक जिंक शामिल करें।
जिंक के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां
आम तौर पर आपका शरीर जिंक का निर्माण नहीं करता, बल्कि आपको संतुलित भोजन और सप्लीमेंट के जरिए ही अपने शरीर को जिंक की उचित मात्रा देनी पड़ती है, लेकिन एक तथ्य यह भी है कि कई बार सही भोजन और सप्लीमेंट भी आपके शरीर को जिंक की उचित मात्रा एब्जॉर्ब करने से रोक देती है। इनमें विशेष रूप से क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे डाइजेशन से जुड़ी बीमारियां हैं, जिसके कारण आपका शरीर जिंक को अच्छी तरह से एब्जॉर्ब नहीं कर पाता। कई बार फलियां जैसे शाकाहारी प्रोटीन सोर्स भी जिंक को एब्जॉर्ब होने से रोक देती हैं। इसके अलावा शराब की लत से जूझ रहे लोगों के शरीर में भी जिंक की कमी हो सकती है, क्योंकि शराब आपके शरीर को जिंक एब्जॉर्ब करने नहीं देती। हालांकि इसकी दूसरी वजह यह भी है कि शराब की लत से पीड़ित लोग अक्सर संतुलित आहार नहीं लेते, जिससे पर्याप्त जिंक उनके शरीर में नहीं जा पाता।
जिंक के फायदे
दस्त की समस्या को दूर करने में जिंक बेहद प्रभावशाली है। विशेष रूप से छोटे शिशुओं को दस्त होने पर जिंक की खुराक देने की सलाह दी जाती है। इंफेक्शन को रोकने और गहरे घावों को जल्दी भरकर स्किन सेल्स में सुधार करने में भी जिंक का कोई जवाब नहीं है। जिंक एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा पुरुषों में रिप्रोडक्शन और सेक्सुअल इश्यूज में भी जिंक बेहद कारगर है। सिर्फ यही नहीं महिलाओं को हड्डियों की समस्याओं से छुटकारा दिलाने, उन्हें स्वस्थ रखने और हड्डियों के पुनर्निर्माण में भी जिंक की भूमिका अहम होती है। विशेष रूप से ऑस्टियोपोरोसिस से जूंझ रहे मरीजों के लिए जिंक किसी वरदान से कम नहीं है। जिंक के सेवन से कई प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को भी कम किया जा सकता है। सर्दी खांसी और जुकाम की समस्या को कम करने में भी जिंक बेहद मददगार है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए भी जिंक बेहद जरूरी है।
जिंक से भरपूर शाकाहारी प्रोटीन सोर्स
कई ऐसे नेचुरल फ़ूड प्रोडक्ट्स हैं, जिन्हें आप अपने डाइट में शामिल करके जिंक की कमी से छुटकारा पा सकती हैं और इनमें पहला नाम आता है मशरूम का। मशरूम में जिंक की अच्छी मात्रा पायी जाती है। मशरूम के अलावा मूंगफली में जिंक के साथ आयरन, पोटैशियम, फोलिक एसिड, विटामिन ई और मैग्नीशियम की भी अच्छी मात्रा होती है। तिल को भी जिंक का अच्छा सोर्स माना जाता है। तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फोलिक एसिड और बी कॉम्प्लेक्स भी होता है। साथ ही दही में भी जिंक की अच्छी मात्रा होती है, इसे खाने से न सिर्फ आपका पेट हेल्दी रहता है, बल्कि आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। यदि आपको जिंक की कमी है और आप दवाइयों की बजाय कुछ घरेलू नुस्खे आजमाना चाहती हैं, तो इसके लिए लहसुन सबसे बेहतर विकल्प है। हर रोज लहसुन की एक कली सुबह खाली पेट खाने से आपकी जिंक की समस्या खत्म हो सकती है, क्योंकि लहसुन में विटामिन ए, बी और सी, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं। आप अपनी डाइट में सफेद छोले शामिल करके भी अपने शरीर में जिंक की मात्रा बढ़ा सकती हैं। छोले में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। न्यूट्रिशियस सीड्स की बात करें तो वॉटर मेलन के बीजों में जिंक के साथ पोटैशियम और कॉपर की भरपूर मात्रा होती है। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स में काजू और सब्जियों में सेम, बीन्स या दूसरी फलियां खाएं। काजू में जहां जिंक के साथ कॉपर, विटामिन K, विटामिन A और फोलेट पाया जाता है, वहीं सब्जी की फलियों में पर्याप्त मात्रा में जिंक पाया जाता है।
शरीर में जिंक की मात्रा
एक्सपर्ट्स के अनुसार पुरुषों को जहां प्रतिदिन 11 मिलीग्राम जिंक की जरूरत होती है, वहीं महिलाओं के शरीर को प्रतिदिन 8 मिलीग्राम जिंक की जरूरत होती है। हालांकि प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 11 से 12 मिलीग्राम जिंक की जरूरत होती है। यदि आयु वर्ग के अनुसार जिंक की मात्रा का आकलन करें तो जन्म से लेकर 6 महीने की उम्र के बच्चों को प्रतिदिन 2 मिलीग्राम, 7 महीने से 3 वर्ष की उम्र के बच्चों को 3 मिलीग्राम, 4 से 8 वर्ष के बच्चों को 5 मिलीग्राम, 9 से 13 वर्ष के बच्चों को 8 मिलीग्राम, 14 से 18 वर्ष के टीनएज लड़कियों को 9 मिलीग्राम और 14 से 18 वर्ष के टीनएज लड़कों को 11 मिलीग्राम जिंक की आवश्यकता होती है। इसके अलावा वयस्कों को अपने डॉक्टर के परामर्श पर प्रतिदिन 40 मिलीग्राम जिंक की खुराक लेनी चाहिए। ध्यान रहे यदि आप लंबे समय तक जरूरत से ज्यादा जिंक लेती हैं, तो आपके शरीर में कॉपर का स्तर कम होने के चांसेस हैं, जिससे आपकी न्यूरोलॉजी फंक्शन डैमेज हो सकती है।
अन्य दवाइयों के साथ जिंक का रिएक्शन
जिंक का सेवन करते समय आपको इस बात का विशेष ख्याल रखना होगा कि कुछ दवाइयां आपके शरीर में जिंक के स्तर को कम कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, थियाजाइड ड्यूरेटिक्स या क्लोरथालिडोन और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड दवाइयों को लंबे समय तक लेने से आपके शरीर में जिंक की मात्रा कम हो सकती है। इसके अलावा जिंक के साथ क्विनोलोन या टेट्रासाइक्लिन दवाइयां लेने से दवा कम प्रभावी हो सकती है और आपके शरीर को जिंक एब्जॉर्ब करने से रोक सकती है। फिर भी आप इसे लेना चाहें तो इस बात का ख्याल रखें कि आपकी इन दवाइयों और जिंक के बीच कम से कम 4 से 6 घंटे का गैप हो। रुमेटॉइड गठिया के इलाज में प्रभावी पेनिसिलामाइन दवाई को जिंक के साथ लेने से दोनों का प्रभाव कम हो सकता है। फिर भी आप इन्हें लेना चाहती हैं तो ख्याल रखें कि इन दोनों दवाइयों के बीच में कम से कम 2 घंटे का गैप हो। हालांकि आप चाहें तो इस विषय में अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से भी सलाह ले सकती हैं।