कई बार ऐसा होता है कि बहुत ज्यादा खाने या कुछ गलत खा लेने से आपका हाजमा बिगड़ जाता है और आप परेशान हो जाती हैं। आइए जानते हैं पेट से जुड़ी ऐसी समस्याओं से कैसे निपटें।
पेट की समस्याओं का आकलन है जरूरी
यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो आप हल्का भी कुछ खाएंगी तो उससे आपका हाजमा खराब हो जाएगा और आपको बेचैनी के साथ पेट की समस्याएं आ घेरेंगी। दस्त, कब्ज, गैस और जलन और पेट से संबंधित ये कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिनके कारण किसी काम में आपका मन नहीं लगता। कई बार ये परेशानियां इतनी असुविधाजनक हो जाती है कि हम चाहकर भी किसी से इस बात का जिक्र नहीं कर पाते और न ही डॉक्टर से अपनी परेशानी शेयर कर पाते हैं। हालांकि कई बार ये मुद्दे इतने गंभीर भी नहीं होते, जितना हम उन्हें मान लेते हैं। इस तरह के अनुभवों से आप भी कई बार गुजरी होंगी। तो सबसे पहले आपको इस बात का आकलन करना चाहिए कि क्या पेट से जुड़ी ये समस्याएं कभी-कभार कुछ अगड़म-बगड़म खा लेने से होती हैं या किसी एक ही चीज से या फिर कुछ भी खा लेने से आपको ये समस्याएं आ घेरती हैं?
अपना डाइजेशन दुरुस्त रखें
पेट से जुड़ी विपरीत परिस्थितियों में चिकित्सक की मदद लेना जरूरी है, लेकिन उससे भी पहले इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि आपको इस तरह की समस्याओं का सामना ही न करना पड़े। डाइजेशन से संबंधित पेट की समस्याओं को साधारण जीवनशैली से न सिर्फ दूर किया जा सकता है, बल्कि उन्हें होने से भी रोका जा सकता है। डाइजेशन से संबंधित पेट की परेशानियों को दूर करने का सबसे पहला और सरल उपाय है आप एक साथ पेट भरकर खाने की बजाय हर दो घंटों में हल्का आहार लें। इससे न आपकी कैलोरीज बढ़ेगी और न आपको अपच की शिकायत होगी। और हां, जब भी खाएं आराम से खाएं और अच्छी तरह चबाकर खाएं। इससे आपका पेट भरा हुआ महसूस होगा और आप अधिक नहीं खाएंगी। खाने के दौरान पानी न पियें तो बेहतर है, लेकिन भोजन करने के आधे घंटे बाद आप जरूर पानी पिएं। संभव हो तो खाने की तरह बार-बार पानी पीती रहें। इससे आपके शरीर के अंदर जमा टॉक्सिक पदार्थ निकल जाएंगे और आपको कब्ज की शिकायत भी नहीं होगी।
संतुलित आहार के साथ एक्सरसाइज करें
खाने और पीने के अलावा अपने शरीर को सेहतमंद रखने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। ब्रिस्क वॉकिंग के साथ आप चाहें, तो साइकिलिंग या स्वीमिंग भी कर सकती हैं। एक्सरसाइज आप अपनी रुचि अनुसार कर सकती हैं। इससे फायदा यह होगा कि आपका वजन नियंत्रित रहने के साथ, आपका डाइजेस्टिव सिस्टम आपके शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में आपकी मदद करेगा। इस बात का खास ख्याल रखिए कि आपका बढ़ा हुआ वजन आपके शरीर के साथ पेट की कई बीमारियां भी संग लेकर आता है। जहां तक संभव हो अपने वजन पर नियंत्रण रखें और तली-भुनी चीजों से दूरी बनाकर रखें, क्योंकि इन्हें पचाने में पेट पर अतिरिक्त भार पड़ता है। ऐसे खाद्य पदार्थों की बजाय आप फाइबर युक्त भोजन जैसे, फ्रूट्स, बीन्स, साबुत अनाज और ड्राइफ्रूट्स खाएं। इसके साथ दही जरूर खाएं, दही आपके पेट में छिपे किसी भी बुरे बैक्टीरिया से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।
तनाव से दूरी बनाएं
आपको जानकार हैरानी होगी कि शरीर और मन के साथ आपके मस्तिष्क में चल रही तूफानों का सीधा असर आपके पेट पर पड़ता है। दरअसल आपका डाइजेस्टिव सिस्टम, लगभग 100 मिलियन नर्व्स से जुड़ा होता है, जो मस्तिष्क से शुरू होकर इंटस्टाइन पर खत्म होता है। इसका परिणाम यह होता है कि आपकी दिमागी उथल-पुथल से उपजी भावनाएं, आपके दिमाग के साथ आपके शरीर में भी केमिकल लोचा करती हैं और आपको पेट दर्द की परेशानी होने लगती है। इसका सीधा सा मतलब ये है कि अगर आपको पेट की परेशानियों से दूर रहना है, तो आपको तनाव से दूर रहना होगा। अत: जहां तक संभव हो, तनाव से दूर रहें और ध्यान के साथ अच्छी नींद लेने की कोशिश करें।
इग्नोर करने की बजाय चिकित्सक से मिलें
अक्सर ऐसा होता है कि कभी-कभी होनेवाली पेट की छोटी-मोटी बीमारियों को हम अनदेखा कर देते हैं या उसे अपने अनुसार दवाइयों से ठीक करने की कोशिश करते हैं, जो लंबे समय में एक बहुत बड़ी समस्या जैसे, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस), गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (जीईआरडी), अल्सर और पथरी का कारण बन जाती हैं। इसलिए हल्की सी पाचन संबंधित परेशानी आते ही अपने चिकित्सक से संपर्क जरूर करें। इसके अलावा, यदि आपको कुछ भी निगलने में परेशानी हो रही हो, काली उल्टी या उल्टी के साथ खून दिखाई दे, पेट में भयंकर दर्द हो और बिना वजह आपका वजन तेजी से कम हो रहा हो तो अपना डॉक्टर खुद बनने की बजाय जितनी जल्दी हो चिकित्सक से मिलें।