सोया मिल्क मौजूदा दौर में गाय के दूध का विकल्प बनता जा रहा है। खासकर जिन्हें लैक्टो चीजों से एलर्जी है या फिर जो वेगन हैं, लेकिन सोया मिल्क अपने भरपूर मिनरल्स और प्रोटीन की वजह से हमारे शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। आइए जानते हैं उन फायदों को।
त्वचा को बनाए रखता जवां
सोया मिल्क त्वचा को मजबूत बनाने वाले कोलेजन और इलास्टिन को संरक्षित करने में मदद कर सकते हैं, जो अक्सर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कम हो होने लगते हैं। स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि बीस की उम्र में हमारी त्वचा के वे गुण जो इसे चिकनी और झुर्रियों से मुक्त बनाते हैं, मतलब शरीर में मौजूद कोलेजन और इलास्टिन कम होने लगते हैं। अधिकांश महिलाओं में यह बात आम है। रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि सोया के अर्क असमान त्वचा की स्थिति में सुधार करने और उम्र बढ़ने के संकेतों से लड़ने में मददगार साबित हुआ है। सोया एक्सट्रेक्ट एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों दोनों से भरपूर होता है ,जो हमारी त्वचा के लिए जबरदस्त लाभ पहुंचाता है। यही वजह है कि एंटी एजिंग के ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इसका जमकर इस्तेमाल किया जाता है।
बालों की चमक भी है बढ़ाता
सोया मिल्क प्रोटीन से भरपूर होता है, जो स्वस्थ बालों के विकास के लिए आवश्यक है।इससे बाल चमकदार बनने के साथ-साथ हमेशा हाइड्रेट भी रहते हैं। इसमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।जिससे बालों के साथ-साथ स्कैल्प भी हेल्दी होता है।
हड्डियों की कमजोरी को करता है दूर
सोया मिल्क में बहुत अच्छी मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है, जो मजबूत हड्डियों के निर्माण और रख-रखाव के लिए आवश्यक है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है, एक ऐसी स्थिति जहां हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनके आसानी से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। सोया दूध पीने से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के विकास को रोकने में मदद मिल सकती है। एक कप सोया दूध में लगभग 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो हमारी दैनिक जरूरत का लगभग 30 प्रतिशत होता है। सिर्फ यही नहीं, सोया मिल्क कैल्शियम के साथ -साथ विटामिन डी का भी समृद्ध स्रोत है, जो शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है।
स्तन कैंसर के रिस्क को करता है कम
स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। आंकड़ों की मानें तो 25 प्रतिशत यह कैंसर दूसरे किसी भी कैंसर के मुकाबले औरतों में होता है। हालांकि स्तन कैंसर का कोई एक कारण नहीं होता है,लेकिन जीवनशैली के साथ-साथ खान-पान जोखिम को कम करने या बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कई स्टडीज से पता चला है कि सोया मिल्क के सेवन से महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, सोया मिल्क में आइसोफ्लेव होता है, जिसमें कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं क्योंकि यह हमारे शरीर में मौजूद सेल्स के ग्रोथ में बहुत अहम भूमिका निभाता है।
वेटलॉस में भी आगे
सोया मिल्क उच्च प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है। जिस वजह से सोया मिल्क को वजन घटाने के लिए भी काफी माना जाता है। उच्च प्रोटीन और फाइबर बीएमआई पर काफी प्रभाव डालता है और मोटापे को रोकने में मदद के लिए जाना जाता है। सोया मिल्क का सेवन करने से आप अपनी मांसपेशियों को बनाए रखते हुए एक्स्ट्रा किलो से भी छुटकारा पा सकती हैं। सोया मिल्क से दिन भर आप एनर्जेटिक भी महसूस करेंगी, क्योंकि अपनी गुणवत्ता की वजह से आपको अपना पेट ज्यादातर समय भरा हुआ ही लगेगा।
दिल को देता है मजबूती
सोया मिल्क में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड की उपस्थिति के कारण, सोया दूध आपके कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम का समर्थन करने में मदद कर सकता है। ह प्लाज्मा लिपिड स्तर में सुधार करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता है।
मेनोपॉज में भी मददगार
सोया मिल्क में पाया जाने वाला आइसोफ्लेवोंस मेनोपॉज के दौरान रात में आने वाले पसीने और हॉट फ्लैशेस को कम करने में मदद कर सकता है, जिसका सामना कई महिलाएं मेनोपॉज के दौरान करती हैं। सोया मिल्क की मात्रा कम से काम 500 ग्राम होनी ही चाहिए।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
सोया मिल्क को अपने खान-पान में किस तरह से शामिल किया जा सकता है ?
सोया मिल्क को अपने आहार में शामिल करना आसान है।आप इसे सीधे पी सकती हैं या अपनी कॉफी या चाय में इस्तेमाल कर सकती हैं। सिर्फ यही नहीं आप सोया मिल्क का उपयोग अपने सिरेल या स्मूदी में भी कर सकती हैं। सोया मिल्क का उपयोग पैनकेक, मफिन और केक जैसे व्यंजनों में गाय के दूध के विकल्प के रूप में किया जा सकता है।
सोया मिल्क पीने का सबसे अच्छा समय क्या होता है ?
सोया मिल्क प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है, इसलिए यदि आप वजन कम करने के प्रभाव को और ज्यादा प्रभावी बनाना चाहती हैं, तो आप एक्सरसाइज के 30 मिनट से 1 घंटे बाद इसे पी सकती हैं।
सोया मिल्क किन लोगों को नहीं पीना चाहिए?
सोया दूध एक हेल्थी ड्रिंक है, जिसे कई लोग पसंद करते हैं, लेकिन हर किसी को इसे नहीं पीना चाहिए।पेट और आंतों की समस्या वाले लोगों, गठिया से पीड़ित लोगों, एंटीबायोटिक लेने वाले लोगों और सर्जरी के बाद वाले लोगों को बहुत अधिक सोया मिल्क नहीं पीना चाहिए।
क्या सोया मिल्क को घर में बनाया जा सकता है ?
घर पर बना हुआ सोयाबीन सबसे हेल्दी होता है। इसके लिए आपको सबसे पहले सोयाबीन को 2-3 कप पानी में रात भर भिगो दें। यह सोयाबीन को नरम बनाता है। सुबह उसमें से पानी निकाल दें और सोयाबीन को बहुत अच्छी तरह से धो लें। किसी भी तरह की धूल मिट्टी चिपकी ना हो। इसके साथ ही जितना हो सके फलियों को पानी के अंदर रगड़कर उनका छिलका हटा दें। यदि आप सभी में से हटा नहीं सकती हैं, तो यह ज्यादा बेहतर होगा। छिलके पानी में तैरने लगेंगे।उस पानी से सिर्फ बिना छिलके वाले सोयाबीन निकाल लें और फिर सोयाबीन को 2 कप पानी के साथ ब्लेंडर में डालें। इस मिश्रण के चिकना होने तक पीसे।अब मिश्रण को एक बाउल में निकालकर दो कप पानी के साथ बहुत अच्छे से व्हिसक करें। अब इस मिश्रण को नट मिल्क बैग या किसी दूसरे कपड़े का उपयोग करके छान लें। छाने हुए दूध को एक भारी तले वाले पैन में 20 मिनट तक पकाएं और इस मिश्रण को पैन में चिपकने से रोकने के लिए बार-बार हिलाते रहें। 10 मिनट तक नार्मल हीट पर और बाकी के 10 मिनट गैस की आंच को स्लो रखें।अब ठंडा होने के बाद इसे ग्लास में निकालकर पिए या आप चाहें तो फ्रिज में स्टोर करके भी इसे पी सकती हैं।
सोया मिल्क को कितने दिनों तक स्टोर करके रख सकते हैं ?
दूध को ठंडा करके आप इसे 4 दिनों तक फ्रिज में रख सकती हैं, लेकिन ज्यादा समय तक रखने से उसमे से खट्टी और बासी गंध आ सकती है, इसलिए अगर आपको इसकी ताजगी पर हमेशा विशेष ध्यान रखना है। सोया मिल्क ताजा ही पिएं। यदि आपको खट्टी या बासी से जुड़ी कोई भी लक्षण दिखाई दे तो पेय को त्याग दें, क्योंकि खराब सोया दूध का सेवन करने से मतली, दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षणों के साथ फूड पॉइजनिंग हो सकती हैं।
एक किलो सोयाबीन से कितना लीटर सोया मिल्क बनाया जा सकता है?
रिसर्च की मानें तो करीब एक किलो सोयाबीन से 7.5 लीटर सोया मिल्क बनाया जा सकता है।