अरे इतना भीग गई है, कपड़े बदल ले, नहीं तो, बीमार पड़ जाएगी। घर के दरवाजे पर कदम रखने के साथ भीगी हुई बारिश में हमारा हाल देखकर मां की चिंता बारिश से जुड़ी कई सारी बीमारियों को हमसे दूर रखती थी। अक्सर एक ही रूटीन में रहते हुए हम यह भूल जाते हैं कि बारिश में कैसे मां की बताई हुई हिदायत को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाकर बारिश में खुद की सुरक्षा आसान तरीके से कर सकते हैं। बारिश के मौसम में सबसे अधिक परेशानी भीग कर आने के बाद शुरू होती है। ऐसे में सुबह से लेकर रात तक मां के बताये गए जरूरी टिप्स हैं, जिसे आप फिर से याद करके अपना सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
अदरक वाली चाय या गुनगुना पानी
बारिश में सुबह आंख खुलने के साथ मां या तो अदरक वाली चाय बनाकर देती थी या फिर मेथी दाने का गुनगुना पानी। चिकित्सक भी यह मानते हैं कि दिन की शुरुआत गर्म पानी के साथ करनी चाहिए। बारिश के मौसम में भी अपने दिन के पहले ड्रिंक के तौर पर गुनगुना पानी जरूर पिएं। आयुर्वेद के अनुसार मेथी के दाने के उबालकर उसका पानी गुनगुना होने पर आप उसे पी सकती हैं। रात को भिगोए हुए जीरे के पानी को भी हल्का सा गर्म करके आप इसका सेवन कर सकती हैं। इसके कुछ देर बाद आप अपनी पसंद की चाय या फिर कॉफी का सेवन करें। माना गया है कि मेथी दाने और जीरे का पानी अंदरूनी तौर पर एनर्जी ड्रिंक की तरह काम करता है। साथ ही आयुर्वेद में इसके कई तरह के फायदे भी बताए गए हैं।
गीले कपड़े न पहने
स्कूल से भीगकर घर आने के बाद मां डांटते हुए कहती थी कि रास्ते में कहीं रुक गई होती, पूरा भीगकर घर आयी है। डांटते हुए मां की फ्रिक सूखे तौलिए के साथ हमारे बालों तक पहुंच जाती थी। तुरंत गीले कपड़ों के साथ मां नहाने में भेज देती थी। यही तरीका आपको अभी भी अपनाना है। बारिश के मौसम में सूखे कपड़ों पर भी कई बार नमी लग जाती है। धुले हुए कपड़े जल्दी सूखते भी नहीं है। ऐसे में गलती से भी आप गीले कपड़े न पहनें। बारिश के मौसम में गीले कपड़े पहने से खुजली और अन्य त्वचा संबंधी परेशानी हो सकती है। कपड़ों पर प्रेस जरूर करवाएं। इससे आपके कपड़े को गर्माहट मिल जाती हैं, साथ ही कपड़ों पर बैठी नमी भी चली जाती है। बाहर से भीग कर आने के बाद तुरंत गीले कपड़ों को निकालकर सूखे कपड़े पहने। गीले कपड़ों से आपको त्वचा संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए बारिश में गीले कपड़ों से दूरी जरूरी है।
भीग कर आने के बाद नहाना न भूलें
बारिश में भले ही ठंड से हम कांप क्यों न रहे हों, मां ये जरूर कहती थी कि जाकर हाथ-मुंह पानी से धो लें। इसलिए जब भी आप बाहर से भीग कर आती हैं, तो नहाना न भूलें। अक्सर बाहर से घर आने के बाद जरूरी कामों में व्यस्त हो जाते हैं, ऐसे में गीले कपड़े कई देर तक पहने रखने से नुकसान पहुंचाते हैं। आपको याद होगा कि स्कूल के समय जब भी हम भीगकर आते थे, तो मां सबसे पहले कपड़े बदलकर बाल को सूखे कपड़े से सूखाने की कोशिश करती थीं। आपको भी यही करना है। इससे आप बारिश से जुड़ी बीमारी से दूर रहते हैं। भीग कर आने के बाद गर्म पानी से नहाने से बारिश के पानी की नमी से शरीर की सुरक्षा होती है।
पैर और हाथ का रखें पूरा ध्यान
बारिश में मां के हाथ की गर्म तेल की मालिश याद हैं। हम इसी की बात कर रहे हैं। बारिश में शरीर के सबसे अहम भाग पैर और हाथ का ध्यान रखना न भूलें। बारिश का सबसे अधिक असर भीगने पर पैर और हाथ पर पड़ता है। छतरी हो या रेनकोट पैर और हाथ को भीगने से बचाना मुश्किल होता है। इसलिए जरूरी है कि भीगकर घर आने के बाद पैर और हाथ को पानी से साफ करें और इसके बाद हल्के गर्म तेल से पैर और हाथ की मालिश करें। इससे आपके पैर और हाथ को गर्माहट मिलती है।
तेल मालिश और हल्दी वाला गर्म दूध
मां के हाथ की मालिश भीगकर आने के बाद हल्दी वाले गर्म दूध के साथ पूरे शरीर को गर्माहट पहुंचा जाती थी। इसलिए जरूरी है कि बारिश में घर पहुंचने पर खुद को मां वाला प्यार देना न भूलें, क्योंकि पैर और हाथ के अलावा बारिश में छतरी हो या रेनकोट बालों को भीगने से बचाना मुश्किल होता है। हल्की-सी नमी बालों में रहती है। इसलिए बारिश में भीगकर आने के बाद अपने बालों को जरूर साफ पानी से धोएं। इससे आपके बालों पर बारिश के पानी से आयी हुई नमी हटती है। बाल को धोने के बाद अच्छी तरह से अपने बालों को सूखा लें। जरूरी है कि सप्ताह में 2 बार जरूर गुनगुने तेल की मालिश बालों पर करें।