हमारे देश में ही नहीं, पूरे विश्व में दिल की बिमारियों से पीड़ित लोगों का आंकड़ा काफी बड़ा है। ऐसे में इस बीमारी से छुटकारा पाने की पहली शर्त है अपने कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखना। आइए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखने के लिए आप क्या कर सकती हैं।
ट्रांस फैट से बनाएं दूरी
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर उसे नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव और आहार में सुधार करना बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ बेहद कारगर उपाय भी हैं, जिनसे आपको न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल कम करने में, बल्कि उसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में भी आसानी होगी। फिलहाल हेल्दी लाइफस्टाईल की शुरुआत होती है, हेल्दी और बैलेंस्ड फूड से। इसके लिए जरूरी है कि आप रेड मीट, फुल-क्रीम डेयरी उत्पादों, बेकरी आइटम्स, और तले हुए खाद्य पदार्थों में पाए जानेवाले ट्रांस फैट से दूरी बना लें। ट्रांस फैट कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का मुख्य कारण होता है, जो इन खाद्य पदार्थों के अलावा पैकेज्ड स्नैक्स, फ्रोजन फूड्स और मार्जरीन जैसे उत्पादों में भी पाया जाता है। ऐसे में इनसे भी दूरी बना लेने में ही भलाई है।
अपनाएं हेल्दी और बैलेंस्ड फूड
इन खाद्य पदार्थों की बजाय आप यदि ओट्स, बीन्स, फ्लेक्ससीड, सेब, जौ, और ब्राउन राइस जैसे फाइबर-युक्त आहार लेती हैं, तो आपका खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) कम होने लगता है। इन खाद्य पदार्थों के अलावा यदि आप ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर सैल्मन, टूना, मैकरल जैसी फिशेस, फ्लैक्ससीड, अखरोट और चिया सीड्स अपने आहार में शामिल करती हैं, तो शरीर के अंदर दिल को प्रभावित करनेवाला खराब कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित होने लगता हैं। गौरतलब है कि अखरोट के साथ आप बादाम, और अन्य नट्स भी खा सकती हैं, क्योंकि इनमें हेल्दी फैट्स होते हैं और वे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार भी हैं।
अपना वजन नियंत्रित करें
वजन बढ़ने पर हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी बढ़ जाता है, इसलिए वजन को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि अपनी दिनचर्या में बैलेंस्ड फूड के साथ आप एक्सरसाइज को भी शामिल कर लें। यदि आपका वजन ज्यादा है तो डॉक्टर से परामर्श लेकर जितनी जल्दी हो इसे कम करने का प्रयास करें। रोजाना कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि को शामिल करके आप कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार कर सकती हैं। इसके लिए आप ब्रिस्क वॉक के साथ रनिंग, साइकिलिंग, स्वीमिंग या योग जैसी गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। हर रोज एक्सरसाइज करने से HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) का लेवल बढ़ता है और LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) का लेवल कम होता है।
धूम्रपान और शराब से नाता तोड़ें
धूम्रपान करने से HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम होता है और कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। वहीं धूम्रपान छोड़ने से HDL का स्तर बढ़ जाता है और दिल की बीमारी का रिस्क कम हो जाता है। इसके अलावा यदि आप शराब पीती हैं, तो इसका सेवन सीमित मात्रा में करें। अधिक शराब के सेवन से शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। शराब और सिगरेट के साथ कोशिश करें कि आप तनाव पर भी प्रतिबंध लगाएं क्योंकि लंबे समय तक तनाव की स्थिति में रहने से आपके शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंस हो सकता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग, गहरी सांसें लेना या हल्की-फुल्की गतिविधियां करें।
दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें
यदि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बहुत बढ़ गया है और यह भोजन और एक्सरसाइज से भी कम नहीं हो रहा तो आप खुद से दवाइयां लेने (सेल्फ मेडिकेशन) की बजाय डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर आपकी शारीरिक स्थिति और अन्य बीमारियों के अनुसार आपको कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए स्टेटिन्स या अन्य दवाइयां देंगे। इसलिए जरा सी परेशानी लगते ही आप डॉक्टर से संपर्क करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पीती रहें। अधिक पानी पीने से आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों का निष्कासन होता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में मदद मिलती है। इसके अलावा जहां तक हो सके रिफाइंड शुगर और उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे सफेद ब्रेड, पास्ता, और केक न खाएं, या बेहद कम खाएं, क्योंकि इनका अधिक सेवन आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के साथ ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा को भी बढ़ा सकता है।
भोजन को कई हिस्सों में बांटकर खाएं
एक साथ अधिक मात्रा में भोजन करने से शरीर पर दबाव बढ़ता है और इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ सकता है। यही वजह है कि आम तौर पर डॉक्टर्स दिन में 4-5 बार छोटे-छोटे हिस्सों में भोजन करने की सलाह देते हैं। थोड़ी मात्रा में भोजन करने के अलावा जरूरी है कि भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाएं, जिससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल सके। इससे वजन भी नहीं बढ़ता और कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है। हालांकि रात के खाने पर विशेष ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है, इसलिए रात के खाने को हल्का और संतुलित रखें। जहां तक संभव हो भारी या ऑयली भोजन से बचें, क्योंकि यह डाइजेशन को धीमा करके शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा देता है। हां, भोजन के बाद इस बात का खास ख्याल रखें कि आपके भोजन और सोने के बीच 2-3 घंटों का अंतराल हो, जिससे भोजन अच्छी तरह से डाइजेस्ट हो और आपको नींद भी अच्छी आए।
ग्रीन टी और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल
इन खाद्य पदार्थों के अलावा अपने भोजन में हल्दी और आंवले के साथ अपनी दिनचर्या में ग्रीन टी को शामिल करके भी आप कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा पा सकती हैं। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हर रोज 1 या 2 कप ग्रीन टी पीने से आपके शरीर में LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम हो सकता है। ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है, जिससे वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। इसी के साथ एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) भी दिल के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने और LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मदद करता है। इसका उपयोग आप खाना पकाने या सलाद में ड्रेसिंग के रूप में भी कर सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अन्य जादुई खाद्य पदार्थ
आंवला न सिर्फ आपका कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है, बल्कि आपके लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार करता है। ऐसे में आंवले का जूस या पाउडर नियमित रूप से लेने से कोलेस्ट्रॉल लेवल में जादुई बदलाव आता है। इसके अलावा हल्दी में पाया जाने वाला कर्कुमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। आप चाहें तो हल्दी को किसी भी तरह अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं या फिर उसे दूध में मिलाकर हल्दी दूध भी पी सकती हैं। इन खाद्य पदार्थों के अलावा प्रोबायोटिक्स और फर्मेंटेड फूड्स, जैसे दही, केफिर, और किमची भी आपके लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं। ये आपके इंटेस्टाइन को बेहतर बनाकर आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करते हैं। गौरतलब है कि हर रोज थोड़ी मात्रा में प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है, बल्कि इससे आपका डाइजेशन भी बेहतर होता है।
प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और सप्लीमेंट्स का उपयोग
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए आप डॉक्टर की दवाइयों के साथ कुछ प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और सप्लीमेंट्स का उपयोग भी कर सकती हैं, जिसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते। इसके अलावा आप कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक कुछ घरेलू चीजों, जैसे मेथी, लहसुन, हल्दी, अलसी या आंवला का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। मेथी के बीजों में फाइबर और सैपोनिन्स होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। आम तौर पर मेथी के दानों को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट लिया जाता है। इसी तरह अलसी, ओमेगा-3 फैटी एसिड का समृद्ध स्रोत है, जिसके बीज या तेल के सेवन कोलेस्ट्रॉल कम होता है। लहसुन का सेवन कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के साथ दिल के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। आप चाहें तो इसे कच्चा भी खा सकती हैं या फिर अपने भोजन में भी शामिल कर सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए हुए नए आविष्कार
हाल ही में कुछ नई दवाइयों के साथ नई खोजें की गई हैं, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करने में मददगार साबित हो सकती हैं। इनमें पहली दवाई है, Bempedoic Acid (Nexletol). इसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए विकसित किया गया है, जो स्टैटिन (एक आम कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा) को सहन नहीं कर पाते। एक बहुत बड़े स्तर पर हुए अंतर्राष्ट्रीय परीक्षण में, इस दवा ने खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को 20-25% तक कम करते हुए दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों में 13% की कमी दिखाई है। माना जा रहा है कि यह दवा 2026 तक बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी। इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण नया इलाज PCSK9 इनहिबिटर की भी खोज हुई है। क्लिनिकल ट्रायल्स में LDL को 50-60% तक कम करनेवाले लेरोडाल्सिबेप की तरह इसका भी लोगों को बेहद इंतजार है। यह दवा विशेष रूप से उन मरीजों के लिए लाभकारी हो सकते हैं, जिन्हें मौजूदा दवाओं से पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा।