योग के विज्ञान के जादू को देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोगों ने माना है। यही वजह है कि आज हर कोई अपनी जिंदगी में योग को शामिल कर रहा है। वज्रासन योग का एक प्रसिद्ध आसान है। जानकारों की मानें तो खाने के बाद किया जाने वाला यह एकमात्र आसन है और यह अपने नाम की तरह वज्र को भी पचा सकता है। हम सभी जानते हैं कि सारी बीमारियों की शुरुआत ही पेट से होती है। अगर आपका पेट स्वस्थ है, तो आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा। शरीर मजबूत बनाने के साथ-साथ यह मानसिक स्वास्थ्य से भी सुधार लाता है।
वज्रासन क्या है
वज्रासन घुटनों को मोड़कर पैरों पर बैठकर किया जाने वाला आसान है। वज्र का अर्थ होता है कोई कठोर वस्तु और पौराणिक कथाओं की मानें तो यह देवताओं के राजा इंद्र का अस्त्र है। वज्रासन भी अपने नाम के अनुरूप हमारे शरीर को फायदा पहुंचाता है। यह साधारण मुद्रा वाला आसन, जिसे डायमंड पोज भी कहा जाता है। वह बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है।
वज्रासन करने का सही तरीका
इस आसन को करने के लिए आप फ्लोर पर योगा मैट बिछाकर बैठ जाइए और अपने घुटनों को मोड़ लीजिए। इस पोजिशन में आपके पैरों के नीचे के हिस्से दिखेंगे। अपने पैरों के अंगूठों को आपस में मिला लें, लेकिन एड़ियों को अलग कर लीजिए। एड़ियों के बीच में आपको बैठना है। इस तरह से बैठना है कि आपके पैरों का नीचे वाला हिस्सा आपके बैठने के बाद भी दिखाई दे। बैठने की मुद्रा आपकी ऐसी हो, जिसमें आपका स्पाइन और गर्दन एकदम सीधी हो। हाथों को घुटने के ऊपर रख लीजिए। वज्रासन के दौरान सांसों की गति सामान्य रूप से चलती रहनी चाहिए।
आप चाहे तो इस आसन को टीवी देखते हुए, अपने लैपटॉप पर काम करते हुए कर सकती हैं, लेकिन आप अगर इस आसन के साथ मेडिटेशन करना चाहती हैं, तो शोर-शराबे से दूर एकांत में इसे करें ताकि आप अपने सांसों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें। इस आसन को आप शुरुआत में 2 से 5 मिनट से शुरू कर सकती हैं और फिर दस मिनट तक बढ़ाते हुए आप 30 मिनट तक इसे कर सकती हैं। बस आपको इसमें अभ्यस्त होने की जरूरत है। आप इसे पूरे दिन में दो से तीन बार कभी भी कर सकती हैं। वज्रासन से वापस आने के लिए उसी विधि का प्रयोग करेंगे। जिस प्रकार से इस आसन में आए थे। पहले दाएं घुटने को दाएं पैर से ले जाते हुए सीधा करेंगे। ऐसे ही बाएं पैर को भी सीधा कर लेंगे। वज्रासन के लिए कोई खास समय नहीं होता है, लेकिन भोजन के बाद इसके अभ्यास का सबसे फायदेमंद माना जाता है। भोजन के बाद दस मिनट ही सही, लेकिन इसका अभ्यास किया जाना चाहिए। वज्रासन को कभी भी फर्श पर ना करें। हमेशा दरी, मैट या किसी दूसरे पतले कपड़े पर करें। इससे घुटने, टखनों और एड़ियों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है। शुरुआत में इस आसन को करते हुए जांघो, घुटने और एड़ियों में थोड़ा दर्द हो सकता है, लेकिन यह स्वाभाविक है। धीरे -धीरे अभ्यास करने से मांसपेशियों में लचीलापन आएगा और यह समस्या भी दूर हो जाएगी।
वज्रासन से शरीर को मिलते हैं ये फायदे
यह हमारी मांसपेशियों को मजबूत करता है, खासकर पेट, पीठ और जांघों की मांसपेशियों पर विशेष तौर पर काम करता है। इसके करते हुए पैर के बल बैठा जाता है और जिससे पेट, पीठ और जांघों की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। अगर आप पेट संबंधित परेशानियों से जूझ रही हैं जैसे पाचन की समस्या, कब्ज या गैस की परेशानी है, तो वज्रासन के पास उसका हल है, क्योंकि यह पाचन संबंधित आसनों में सबसे बेस्ट माना जाता है। यह आसन बॉडी पोश्चर को ठीक करने में भी बहुत सहायक है, क्योंकि इस आसान को करते हुए हमारे कंधे और रीढ़ की हड्डी सीधी होती है। रीढ़ की हड्डी सीधी होने से मस्तिष्क में खून का प्रवाह अच्छे से होता है। उच्च रक्तचाप की परेशानी को भी यह आसन नियंत्रित करता है और शुगर को भी कंट्रोल करता है। यह आपके शरीर के वजन को भी कम करता है। यह दिमाग को शांत करता है और आपकी एकाग्रता को भी बढ़ाता है, जिससे आपको नींद भी अच्छी मिलती है। अगर आपके शरीर के निचले हिस्से में हमेशा दर्द रहता है, तो यह उसको भी कम करने में कारगर है। मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द के लिए भी यह असरदार है। इसके साथ ही मासिक धर्म की अनियमित को भी दूर करता है। अगर आपको लगता है कि आपकी बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी की कमी है, तो आज ही इस आसान को अपने रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाएं। आपको फर्क कुछ हफ्तों में ही देखने को मिल जाएगा।
वज्रासन एडवांस पोज
वज्रासन में एडवांस पोज सुप्त वज्रासन को माना गया है, जिसमें आप अपनी लोअर बॉडी के साथ-साथ अपर बॉडी को भी स्ट्रेच करते हैं। वज्रासन में बैठे अब अपने हिप्स से अपने पैरों से निकाल लें। वज्रासन में आप पैरों पर बैठते हैं और सुप्त में पैर हिप्स से सटे हुए जमीन पर रहेंगे। कोहनियों का सहारा लेते हुए आप धीरे -धीरे पीछे की ओर झुके। कोहनियों को जमीन पर लिटाए और पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैर मुड़े ही रहने दें। अब दाहिने हाथ से बाएं और बाएं हाथ से दाएं कोहनी को पकड़े और उसी पोज में हाथों को जमीन पर ले जाकर पीछे टिकाए। ब्रीदिंग को नॉर्मल ही रखें। नॉर्मल पोज में आने के लिए कोहनियों का सहारा लेकर पहले ऊपर उठे और फिर अपने पैरों को भी फैला लें।
किसे करना चाहिए वज्रासन
अगर अपने काम की वजह से आपको अधिकतर समय तक बैठे रहना पड़ता है और आप चाहकर भी जॉगिंग या रनिंग नहीं कर पा रही हैं, तो बैठे-बैठे इस आसान को करिए और आप फर्क कुछ ही दिनों में देख सकती हैं। सिर्फ बैठकर काम करने वालों के लिए नहीं, बल्कि अगर आपको दिन के कई घंटे अपने काम के लिए आपका स्टैंडिंग मोड ऑन रखना पड़ता है, जिससे रात में आपकी मांसपेशियों में दर्द होता है, तो यह आसन आपके लिए भी है। अगर आपका पेट जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन आपके पास जिम में जाने का समय नहीं है, तो इस आसान को करके आप अपने पेट और जांघों को कम कर सकती हैं, क्योंकि इस आसन के अभ्यास से बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) में सुधार आता है। अगर आप मानसिक परेशानी से जूझ रही हैं, तो यह आसन आपके लिए बहुत लाभदायक हो सकता है, क्योंकि यह आसन मेडिटेशन और ध्यान करने के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।
किसे नहीं करना चाहिए वज्रासन
अगर आप घुटनों की परेशानी से जूझ रहे हैं या फिर आपने घुटनों का ऑपरेशन करवाया है, तो आपको इस आसन से दूर रहने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह आसान यूं तो अच्छा माना जाता है, लेकिन डॉक्टरी परामर्श के बाद ही इसे शुरू करने में समझदारी होगी। अगर आप आंतों की किसी समस्या से ग्रसित है,अल्सर या हर्निया या और भी कोई दूसरी समस्या तो
प्रशिक्षित योग गुरु की सलाह लेकर ही इसे शुरू करें। स्लिप डिस्क की परेशानी हो या हड्डियों से जुड़ी कोई और दिक्कत इस आसन को करने से पहले योग गुरु की सलाह जरूर लें।
तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि शरीर को स्वस्थ रखने के वज्रासन बहुत फायदेमंद है, बस इसे थोड़ी सावधानियों को ध्यान में रखकर करने की जरूरत है।