योग हमारे जीवन को नई ऊर्जा और नई राह दिखाता है। योग की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह हमारे मन को अंदरूनी तौर पर सकारात्मक बनाता है और हमें बाहरी तौर पर स्वस्थ रखने में भी बड़ी भूमिका निभाता है। जानकारों का कहना है कि योग हमारी सेहत के लिए वरदान है। खासकर अगर आप अपने शरीर की त्वचा को सेहतमंद रखना चाहती हैं, तो योग की भूमिका इसमें सबसे खास है। योग में कई सारे ऐसे आसन हैं, जो कि हमारे शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाती है। लेकिन योग में जिस आसन को सबसे अहम ध्यान यानी कि मेडिटेशन को बताया गया है। आइए जानते हैं विस्तार से।
मेडिटेशन से मन होगा शांत
योग इंस्ट्रक्टर अनुष्का बापट इस बारे में कहती हैं कि मेडिटेशन के दौरान मन और शरीर को एक साथ फायदा मिलता है, क्योंकि मेडिटेशन की प्रक्रिया अंदरूनी तौर पर मन के साथ शरीर के विभिन्न अंगों को भी शांत करती हैं। मेडिटेशन यानी कि ध्यान करने से मन शांत होता है। मन शांत होने से शरीर भी ठीक होता है। एनर्जी लेवल बढ़ती है। नकारात्मक विचार कम आते हैं । मेडिटेशन को लेकर उनका यह भी कहना है कि हर इंसान को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। नींद एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां पर शरीर अंदरूनी तौर पर खुद को हीलिंग देता है और ध्यान करते समय हम अपने दिल और दिमाग को संयम में करते हुए मेडिटेशन करते हैं। खुद के विचारों से खुद की सोच से रूबरू होते हैं। एक तरह से खुद से मुलाकात करते हैं और मेडिटेशन के कारण अच्छी नींद आती है, जो कि शरीर की त्वचा को शांत रखने और लंबी उम्र देने में बड़ा सहायता होती है। अनुष्का कहती हैं कि अगर आप अच्छी नींद लेंगी, तभी आपकी उम्र लंबी होगी। आप निरोगी रहेंगे। इसलिए जरूरी मेडिटेशन के जरिए हर दिन अपने मन के साथ शरीर को भी पूरी तरह से चिंता मुक्त रखा जाए।
मेडिटेशन से शरीर की त्वचा को लाभ
अनुष्का यह भी बताती हैं कि मेडिटेशन करने के कारण त्वचा में रक्त का प्रवाह सही तरीके से होता है। साथ ही मेडिटेशन करने से त्वचा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं। साथ ही हमारी त्वचा की कोशिकाओं का स्वास्थ्य बेहतर बनता है। साथ ही अगर त्वचा में किसी भी तरह की समस्या भी होती है, तो मेडिटेशन यानी कि ध्यान लगाने से उसे भी कम किया जा सकता है। यहां तक इससे मानसिक और शारीरिक चिंता भी ठीक होती है। योग का सबसे अहम भाग मेडिटेशन को भी माना जाता है। मेडिटेशन भी एक दवा के तौर पर काम करती है। जब भी आप अंदरूनी तौर पर किसी तरह के दबाव में रहते हैं,तो
मानसिक थकावट
खासतौर पर मानसिक थकावट बढ़ जाती है। मन कई बार अस्थिर हो जाता है। ऐसे में अपना ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता लाने के लिए भी मेडिटेशन जरूरी है। मेडिटेशन से मन की अशांति खत्म हो जाती है।लेकिन जब भी आप ध्यान करें, तो इस बात का ध्यान जरूर रखना कि आप किसी एक्सपर्ट की राय और मार्गदर्शन में ही ध्यान की प्रक्रिया पूरी करें।
तनाव और चिंता खत्म
एक्सपर्ट का मानना है कि मेडिटेशन से तनाव और घबराहट कम होती है। इससे त्वचा की सेहत में बदलाव होता है। हार्मोनल एक्ने की समस्या कम हो जाती है। शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है। इससे आपकी त्वचा हेल्दी हो जाती है। यह भी माना गया है कि आपके शरीर और चेहरे की त्वचा के टोन को बेहतर बनाने में मेडिटेशन काफी फायदा पहुंचाता है। ध्यान यानी कि मेडिटेशन के कई तरह के फायदे होते हैं। इसे योग में बहुआयामी अभ्यास के तौर पर जाना जाता है।
नकारात्मकता को दूर करता है
योग में मेडिटेशन के जरिए आप हमेशा नकारात्मक विचारों को हमारे करीब नहीं आने देता है। हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया है कि ध्यान करने से सोरायसिस और एक्जिमा जैसे त्वचा के रोगों पर आराम मिलता है। ध्यान एक तरह से हमारे शरीर और दिमाग को संतुलित भी करता है। जिसका बहुत बड़ा फायदा हमारी त्वचा को मिलता है।
ध्यान रखें योग से जुड़ी जरूरी बात
ध्यान रखें कि योग करने के चार से पांच घंटे पहले आपको भोजन या भी नाश्ता कर लेना है। अगर आप सुबह योग करते हैं, तो नाश्ते और चाय का सेवन न करें। मेडिटेशन करने का भी अपना एक नियम है। मेडिटेशन के समय बोलना नहीं चाहिए और साथ ही आपको मन में भी कुछ नहीं बोलना है। केवल शांत रहना और अपनी आंखों को बंद कर लेना है। अगर आप खुद से मेडिटेशन करना चाहते हैं, तो इसका भी एक तरीका है। आपको ध्यान करने के लिए एक आरामदायक और शांत माहौल में बैठना है। आपको इसके लिए सुखासन में बैठ जाना है। आपको अपनी रीढ़, गर्दन और सिर को एक सीधे में रखना है। इसके बाद दोनों आंखों की नजर नोक पर लगानी है। आपको अपनी नजर को बिना हिलाए नाक के सिरे पर ध्यान लगाए रखना है। इसके बाद आप कुछ देर इसी स्थिति और मुद्रा में रहकर दिमाग के विचारों से खाली करने की कोशिश करें। इसके बाद अगर आप रात में मेडिटेशन करना चाहती हैं, तो इसके लिए आपको आंखों को बंद करके अपने माहौल को तनाव मुक्त करना होगा।
गहरी सांस
आपको गहरी सांस लेनी है और फिर छोड़नी है। अपने शरीर को भी साथ में ढीला छोड़ना है। आपको लगाकार अपनी सांस की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करना है और प्रक्रिया को दोहराना है।साथ ही योगासन को लेकर खुद को किसी भी तरह के मानसिक और शारीरिक दबाव में न रखें। योग को शांत मन और स्वस्थ शरीर के साथ ही करें। अगर आपके शरीर में किसी भी तरह की पीड़ा व्याप्त है, तो योगासन न करें। अपने शरीर को सुनें और समझें, इसके बाद ही किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज और योग क्रिया करें। घर पर योगासन करने के दौरान आपको नियमित रहना भी बहुत जरूरी है। योगासन को दिनचर्या का हिस्सा हर दिन बनाएं। योग में सबसे जरूर सास लेने की प्रक्रिया है, ऐसे में कई बार हम घर पर योगासन के दौरान इस प्रक्रिया को अच्छी तरह से नहीं कर पाते हैं।खासतौर पर महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी है कि अपने दिन के 24 घंटे में से थोड़ा सा वक्त जरूर योग के लिए निकालें।यह भी ध्यान रखें कि योगासन होने के बाद खुद को ज्यादा देर तक भूखा न रखें। आप जूस और सेहतमंद नाश्ता करें। योगासन के साथ आप अपने डायट का भी अच्छी तरह से ध्यान रखें।
खुद को समझने के लिए योग का सहारा
योग के सहारे से आपको कई बार खुद को समझने और अपनी भावनाओं से खुद के साझा करने का भी अवसर मिलता है। खासतौर पर जब आप ध्यान लगाते हैं, तो ऐसे में आपको खुद में देखकर आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। .यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि योग हर तरह से हर लिहाज से आपके लिए बेहतर कल का निर्माण करता है। क्योंकि आप सेहतमंद रहेंगे, तभी आप अपना विकास कर पायेंगे। रहा सवाल योग का, तो योग हर लिहाज से हमारे मूड को बेहतर करने का भी काम करता है। दरअसल, योग जो होता है, वह स्ट्रेस (तनाव) हार्मोन के स्तर को कम करके, एंडोर्फिन नामक बेहतर महसूस कराने वाले रसायनों के उत्पादन को बढ़ाकर और आपके मस्तिष्क में अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचा कर आपके मूड को बेहतर बना देता है। इसके अलावा, यह गामा-एमिनोब्यूट्रिक एसिड (जीएबीए) नामक मस्तिष्क रसायन के स्तर को बढ़ाकर मूड को प्रभावित करता है, जिससे आप बेहतर महसूस कर सकती हैं।