घी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है, लेकिन अगर उसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो आइए जानें किन-किन तरीकों से कर सकती हैं घी का उपयोग।
घी कैसे बनता है
घी को शुद्ध मक्खन को उबालकर धीरे -धीरे बनाया जाता है। प्राचीन काल से इसका इस्तेमाल होता है। यह भोजन को बनाने साथ-साथ पके हुए भोजन में भी शामिल किया जाता है, जिससे यह खाने में स्वाद के साथ -साथ स्वास्थ्य को भी बनाता है। आयुर्वेद में तो घी को औषधीय का दर्जा दिया गया है।
घी के फायदे क्या है
घी का नियमित इस्तेमाल करने से यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है। देशी घी हमारे दिल को भी मजबूत रखता है, क्योंकि इसमें लिनोलेइक एसिड होता है, जो दिल से जुड़ी बीमारियों को कम करने में कारगर होती हैं। देशी घी में ब्यूटिरिक एसिड भरपूर होता है। यह एसिड बीमारी से लड़ने वाली कोशिकाओं को मजबूत करता है। जिससे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिन लोगों को भूख कम लगती है या अनिद्रा की शिकायत है। वो अपने खान-पान में एक चम्मच घी रोज शामिल करें, फर्क कुछ हफ्तों में ही आपको महसूस होने लगेगा। घी में ओमेगा 3 फैट और ओमेगा 6 की मात्रा बहुत होती है, जिससे यह वजन घटाने में भी कारगर होता है। रोजाना देशी घी में मिश्री मिलाकर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। देशी घी को खानपान में शामिल करने से बैड कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है। पीसीओएस से बचने के लिए भी यह बहुत कारगर होता है। घी खाने से आपका दिमाग तेज होता है और मेमोरी में भी सुधार आता है।
घी में मौजूद पोषक तत्व
कैंसर, हाइपरएक्टिविटी, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के खतरे को घी कम कर देता है। घी में एंटी एजिंग के गुण होते हैं। यही वजह है कि इसे खाने के साथ -साथ लगाने में भी इस्तेमाल कर सकती हैं। ड्राई स्किन वालों के लिए घी किसी वरदान से कम नहीं है। यह आपकी त्वचा को नर्म और मुलायम बनाने के साथ-साथ झुर्रियों से भी दूर रखेगा। ड्राई स्किन के साथ -साथ यह ऑयली स्किन के लिए भी फायदेमंद है,बस आपको घी की कुछ बूंदों में बराबर मात्रा में दही मिलाना है और फिर उसे चेहरे पर लगाना है। यह मुंहासे के निशान को खत्म करने में बहुत कारगर है। सिर्फ त्वचा के लिए ही नहीं, बल्कि इसमें मौजूद विटामिन ई के गुण हमारे बालों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह उन्हें मजबूत बनाता है और खुजली से भी दूर रखता है।
घी स्वाद के साथ-साथ सेहतमंद भी है। इसके पोषक तत्व की बात करें, तो सिंपल शब्दों में से सुपरफूड कह सकते हैं। एक छोटे चम्मच घी में 120 कैलोरी, 9 ग्राम सैचुरेटेड फैट, 35 मिलीग्राम कॉलेस्ट्रॉल होता है। इसके साथ ही विटामिन ए, ई, डी की प्रचुर मात्रा होती है। घी में ओमेगा 3, ओमेगा 6,और फैटी एसिड का गुण भी शामिल होता है।
घी का कैसे करें इस्तेमाल
किसी भी खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप तेल के बजाय घी का इस्तेमाल करें। यह स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन फैसला साबित होगा। आप अपनी चावल और खिचड़ी को टेस्टी के साथ-साथ हेल्थी देशी घी को मिलाकर बना सकती हैं। घी का इस्तेमाल आपका अपनी सब्जी, दाल को तड़का लगाने के लिए भी कर सकती हैं। रोटियों के स्वाद को घी बढ़ा देता है, तो अपनी रोटियों में घी लगाकर भी आप अपने खाने में शामिल कर सकती हैं। दूध में भी घी डालकर पीना बहुत फायदेमंद है। इसे बड़े ही नहीं, बल्कि छोटे बच्चे भी पी सकते हैं। आप अपनी सुबह की चाय या कॉफी में एक चम्मच घी मिलाकर उसे एक एनर्जी ड्रिंक में बदल सकती है, जो आपको पूरे दिन एनर्जी से भरपूर रखेगा। सिर्फ भोजन ही नहीं, बल्कि शरीर पर भी घी लगाने के कई सारे लाभ हैं। घी को नाभि में लगाने का जिक्र आयुर्वेद में भी है। इसके साथ ही आप घी से बने डीआईवाई (DIY) हैक को अपनाकर अपने होंठ, चेहरे और बालों की खूबसूरती को पा सकती हैं।
घर पर कैसे बनाए घी
घर का बना घी हमेशा ही बाजार के मुकाबले सबसे हेल्दी होता है, इसलिए कोशिश करें कि आप घर पर ही बनाएं। आइए जानते हैं घर पर घी बनाने की विधि। सबसे पहले कम से कम आठ दिनों तक घर पर आने वाले दूध को उबालकर ठंडा करके, उससे मलाई निकाल लें। दूध से निकाली गयी मलाई को आप फ्रीज या फ्रीजर में इकट्ठा करके रखें। जिस दिन आपको घी बनानी हो, मलाई को फ्रीज से एक या दो घंटे पहले निकालकर रख लें, ताकि मलाई नरम हो जाए। उसके बाद एक बर्तन में सारी मलाई को निकालकर उसे अच्छे से मिक्स करना है। ठंडी होने की वजह से मलाई आसानी से मिक्स नहीं होगी, तो मथनी का इस्तेमाल कर इसे अच्छे से मथ लें। दस से पंद्रह मिनट मथने के बाद मट्ठा और मक्खन निकलना अलग-अलग होता है। अब इसमें हम बर्फ मिला हुआ पानी या चिल्ड पानी डाल देंगे। ध्यान देने वाली बात है कि चूंकि अभी गर्मियों का मौसम है, इसलिए हम इसमें ठंडे पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ठंड का मौसम होता, तो हम इसमें गर्म पानी का इस्तेमाल करते थे। इस प्रक्रिया से मक्खन जल्दी से निकल आएगा। आप पानी डालने के बाद भी मथनी से मक्खन को मथना जारी रखें। अब हम हाथ से मक्खन निकालकर उसके हल्के हाथों से दबाते हुए, जो भी मट्ठा उसके अंदर हो उसे निकालते हुए,उसके गोले बना लेंगे। इस गोले को हम ठंडे पानी के एक बर्तन में डाल देंगे, ताकि मक्खन पिघले नहीं। अब इस मक्खन के गोलों को निकालकर गैस पर चढ़ी हुईं कड़ाही में डाल देंगे। गैस की आंच धीमी रखेंगे। लगातार मक्खन को एक कड़छी के माध्यम से चलाते भी रहना है। मक्खन पूरा पिघल जाने के बाद आप पाएंगी उसमें अभी भी मट्ठा है। ऐसे में अब आपको थोड़ी देर तक और पकाना है, जब तक घी ऊपर और मावा नीचे न बैठ जाये। मावा को डार्क भूरा होने तक पकाती रहें। अगर आप सुगंधित और दानेदार घी पाना चाहती हैं, जब घी पूरी तरह से बन जाए, तो उसमें पान का पत्ता तोड़कर डालें और उसे भी पांच मिनट तक घी के साथ पका लें। ठंडा होने के बाद घी को मावे के खुरचन से अलग करने के लिए उसे छान लें। उसके बाद एयरटाइट कंटेंनर में भरकर रख दें।
रूम टेम्प्रेचर पर इसे रखें और कई महीनों तक आप इस शुद्ध और हेल्दी घी का इस्तेमाल कर सकती हैं।
घी के साइड इफेक्ट्स
कुछ चीजें हेल्दी होने के बावजूद सभी के लिए नहीं होती हैं, ऐसा घी के साथ भी है। घी यूं तो पाचन के लिए परफेक्ट माना जाता है, लेकिन आप पहले से ही पाचन संबंधित परेशानी से जूझ रहे हैं, तो घी आपकी परेशानी को बढ़ा सकता है। घी के सेवन से उनको भी बचने की जरूरत है, जो डेयरी प्रोडक्ट को लेकर संवेदनशील हैं,
अगर आप प्रेग्नेंट हैं और आपने जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ा लिया है, तो आपको अपनी डायट में घी शामिल नहीं करना चाहिए। लिवर से जुड़ी समस्या जैसे सिरोसिस, हेपेटाइटिस से जूझ रहे लोग घी का सेवन करने से बचें। बुखार या सर्दी -जुखाम से पीड़ित हैं, ऐसे में भी घी खाने से बचना चाहिए। अगर आपकी लाइफस्टाइल में फिजिकल वर्क न के बराबर है, तो घी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डायबिटीज के मरीज डॉक्टरों की सलाह के बाद ही इसे अपने खान-पान में जोड़ें।
हालांकि यह बात गौरतलब है कि घी के साइड इफेक्ट्स गिने चुने हैं, लेकिन उसके सेवन के फायदे अनगिनत हैं। अगर आपकी डायट में घी शामिल नहीं है, तो आज से ही देशी घी को अपनी डायट में शामिल कर लें और फर्क आप कुछ ही हफ्तों में महसूस करने लगेंगी, क्योंकि यह स्वादवर्धक होने के साथ-साथ औषधीय रूप से और आध्यात्मिक लाभ के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
बाजार से खरीदा हुआ घी असली है या नकली पहचान कैसे करें?
असली घी के पहचान के यूं तो काफी तरीके हैं, लेकिन सबसे आसान तरीका पानी का इस्तेमाल करके किया जा सकता है। इसके लिए एक गिलास में सबसे पहले पानी ले लें और उसे एक चम्मच घी में डालें, अगर घी पानी के नीचे बैठ जाता है, तो वह नकली घी है, अगर पानी के ऊपर तैरने लगे, तो समझिए घी असली है।
गाय या भैंस के दूध से बनी घी में से कौन सी बेहतर होती है?
आयुर्वेद में गाय के घी को सर्वोत्तम माना गया है।यह शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं।
गाय और भैंस के घी में अंतर कैसे कर सकती हैं?
इनके रंग से हम इसमें अंतर को पहचान सकती हैं। गाय के दूध से बना घी हल्का पीला होता है, जबकि भैंस के दूध से बना घी सफेद होता है।
घी कितनी मात्रा में खाना फायदेमंद होता है?
पूरे दिन में दो से तीन चम्मच आप अपने खान-पान में शामिल कर सकती हैं।
घी खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
सुबह खाली पेट ब्लैक कॉफी में डालकर और रात में हल्दी मिले दूध में एक चम्मच घी डालकर खाना भी काफी फायदेमंद होता है।