अक्सर महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है, जहां पर उन्हें हाथ और पैर की हड्डियों में दर्द की समस्या होती है। घर और परिवार के बीच की जिम्मेदारी संभालते हुए महिलाएं अपनी सेहत को अनदेखा करती हैं। शुरुआती पैर और हाथ में दर्द के इलाज पर अधिक ध्यान नहीं देती है, नतीजा यह होता है कि 40 की उम्र पार करने के बाद महिलाओं के हाथ और पैर में दर्द की शिकायत बढ़ जाती है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। आइए स्त्री रोग विशेषज्ञ सोनिया चदनानी से जानते हैं विस्तार से।
महिलाओं में कमजोर हड्डियों का कारण, हार्मोनल बदलाव

कई मामलों में देखा गया है कि महिलाओं में कमजोर हड्डियां होने की वजह हार्मोनल बदलाव होता है। खासतौर पर मेनोपॉज के दौरान। जब भी महिलाएं मेनोपॉज की तरफ बढ़ती हैं, तो शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटने लगता है। एस्ट्रोजन शरीर में हड्डियों को मजबूत रखने में प्रमुख भूमिका निभाता है। शरीर में एस्ट्रोजन के गिरावट के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। दूसरी तरफ अधिक या कम थायरॉयड हार्मोन का स्तर भी कम या फिर अधिक होने पर भी हड्डियों का स्वास्थ्य पूरी तरह से प्रभावित होता है। यह भी माना गया है कि अगर आप अधिक तनाव लेती हैं, तो हड्डियों पर इसका बुरा असर पड़ता है। इसलिए महिलाओं में हड्डियों की सेहत को बनाए रखने के लिए हार्मोनल बदलाव के साथ-साथ कैल्शियम, विटामिन-डी और अन्य पोषक तत्वों की सही सेवन प्रमुख होता है। हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी होता है।
शरीर में कैल्शियम या विटामिन डी की कमी

महिलाओं के शरीर में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी उनके शरीर की हड्डियों को दर्द की तरफ लेकर जाती है। इसकी वजह से मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जरूरी है कि महिलाएं अपने डायट का अच्छी तरह से ध्यान रखें। कैल्शियम के स्रोत को अपने खान-पान में शामिल करें। दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां,सोया उत्पाद,बादाम और अखरोट के साथ मछली का सेवन आपके शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाता है। विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए अपने खान-पान मं अंडे की जर्दी, मछली, दूध, दही और पनीर को अपने खान-पान में शामिल करें। इसके साथ सुबह की धूप भी लेनी चाहिए।
जेनेटिक समस्या

कई मामलों में यह भी देखा गया है कि महिलाओं में हड्डियों का कमजोर होना जेनेटिक कारणों से भी हो सकता है। अगर परिवार में किसी सदस्य की हड्डियां कमजोर हैं या फिर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर भी कमजोर हड्डियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए आपको चिकित्सक से जांच करानी चाहिए। इस संबंध में खून की जांच के बाद इलाज किया जा सकता है।
आहार और जीवनशैली

आहार में कैल्शियम, विटामिन-डी और प्रोटीन की कमी भी हड्डियों की कमजोरियों का कारण बन सकती है। इन पोषक तत्वों का सही मात्रा में सेवन हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। दूसरी तरफ से नियमित व्यायाम खास तौर पर शरीर को मेहनत करने वाले काम जैसे, दौड़ना या फिर किसी भारी काम को करना भी आपके शरीर को मजबूत बनाता है। इसके अलावा, आपको ध्यान देना है कि शरीर में किसी भी तरह की कोई बीमारी महसूस होती है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
शरीर की गतिविधियां कम होने से हड्डियां कमजोर होना

यह माना गया है कि अगर शरीर की गतिविधियां कम होती हैं, तो इससे भी हड्डियां कमजोर होने लगती है। अगर आपको चलना, दौड़ना या फिर किसी भी प्रकार का वजन उठाना पड़ता है, तो इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। शरीर की गतिविधियों से हड्डियों का व्यायाम होता है। अगर शारीरिक गतिविधियां कम होती हैं, तो हड्डियों तक सही पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए, तो आपको अपने शरीर की हड्डियों को मजबूत करने के लिए खान-पान से लेकर व्यायाम हर चीज का ध्यान रखना जरूरी है।