बच्चों को एक जिम्मेदार, आत्मनिर्भर और सहयोगी इंसान बनाने के लिए घर के काम सिखाना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं, किस तरह कुछ तरीके अपनाकर आप भी अपने बच्चों को धीरे-धीरे घर के काम सिखाकर न सिर्फ उन्हें जिम्मेदार, बल्कि आत्मनिर्भर बना सकती हैं।
बच्चों को उनके उम्र के अनुसार काम दें
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बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उन्हें घर के कामों को करने के लिए प्रेरित करने का सबसे सरल और पहला तरीका है कि आप उन्हें उनकी उम्र और क्षमता के अनुसार छोटे-छोटे काम दें। उदाहरण के तौर पर यदि आपके बच्चे छोटे हैं तो उन्हें आप उनके खिलौने समेटने को कह सकती हैं। यदि आपके बच्चे थोड़े बड़े हैं तो आप उन्हें टेबल सेट करने को कह सकती हैं। इसके अलावा यदि आपके बच्चे टीनएजर्स हैं तो आप उन्हें खाना बनाने में मदद करने को कह सकती हैं। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि इन कामों को आप उनकी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। जैसे हर शाम टेबल साफ करना या हर रविवार को कमरे की सफाई करना। इससे न सिर्फ उन्हें इन कामों की आदत हो जाएगी, बल्कि वे इसे गंभीरता से भी लेंगे। हां, जब वे काम काम पूरा कर लें तो उनकी मेहनत की तारीफ करें, जिससे वे प्रोत्साहित हों और काम को अच्छी तरह जिम्मेदारी से करना सीखें।
बच्चों के लिए मजेदार बनाएं
संभव हो तो बच्चों को घर कामों में दिलचस्पी दिलाने के लिए काम को थोड़ा खेल जैसा बनाएं। म्यूजिक लगाएं या टाइमर सेट करें ताकि बच्चे जल्दी-जल्दी काम करें। यदि आपके पास एक से अधिक बच्चे हैं तो आप एक छोटी सी प्रतियोगिता भी करवा सकती हैं कि किसका काम जल्दी खत्म होता है। घर के कामों में बच्चों का योगदान लेने से पहले या उन्हें घर के कामों में इन्वॉल्व करने से पहले उन्हें ये जरूर सिखाएं कि घर के कामों की जिम्मेदारी सभी की है, इसलिए सबका योगदान भी जरूरी है। परिवार एक टीम की तरह है, जहां सभी मिलकर काम करते हैं। इससे उनमें सहयोग की भावना का निर्माण होगा। आम तौर पर अक्सर देखा गया है कि बच्चों को काम बोलकर कई लोग खुद ही सारे काम करने लगते हैं, क्योंकि वे कामों को ठीक से नहीं कर रहे थे। यदि आप भी उनमें से हैं तो ऐसा न करें। बच्चों को काम सिखाने के लिए मुंह से कहने की बजाय आप उन्हें प्रैक्टिकल करके दिखाएं, जैसे कपड़े तह करना, बर्तन धोना या खाना पकाना। अपने काम करने का तरीका उन्हें सिखाकर उन्हें करने का मौका दें। इस तरह वे बेहतर ढंग से सीखेंगे।
कामों के जरिए टाइम मैनेजमेंट सिखाएं
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किसी भी काम को करने के लिए टाइम मैनेजमेंट का सही ज्ञान होना बेहद जरूरी है। उदाहरण के तौर पर अपने बच्चों को बताएं कि उन्हें अपने स्कूल, खेल और घर के कामों को कैसे संतुलित करना है। इससे वे जीवन में न सिर्फ टाइम मैनेजमेंट को समझेंगे, बल्कि हर काम के लिए वक्त निकाल पाएंगे। इसके अलावा बच्चों पर घर के कामों की जिम्मेदारी डालते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि एक साथ उन पर घर के कामों का बोझ डालने की बजाय थोड़ा-थोड़ा करके उन्हें घर के कामों के प्रति जिम्मेदार बनाएं। उदाहरण के तौर पर जब आपको लगे कि वे किसी काम में निपुण हो गए हैं तो आप उन्हें और काम सौंप दें। आप चाहें तो उनके लिए कामों की एक लिस्ट बनाकर किसी बोर्ड या नोटबुक पर भी लिख सकती हैं। इसके अलावा इन कामों के पूरा होने के बाद उन्हें ग्रेड देना न भूलें, जिससे बच्चे अपनी प्रगति देख सकें।
बच्चों के लिए कमाई का जरिया बनाएं
आप चाहें तो बच्चों को घर के कामों में रूचि बनाए रखने के लिए उन्हें उनके द्वारा किए गए छोटे-छोटे कामों के लिए कुछ पॉकेट मनी भी दें सकती हैं। इससे न सिर्फ वे प्रेरित होंगे, बल्कि वे मेहनत की अहमियत को भी समझेंगे। साथ ही कम उम्र से ही वे पैसे को मैनेज करना भी सीख जाएंगे। यदि आप पैसे नहीं देना चाहतीं तो आप उनके लिए कोई छोटा सा गिफ्ट, उनकी पसंद का खाना या उन्हें उनकी पसंद की किसी जगह पर ले जाकर भी उन्हें पुरस्कृत कर सकती हैं। जैसा कि अभी हमने ऊपर बताया कि बच्चों को काम देने से पहले उन्हें खुद उस काम को करके दिखाएं, उसी तरह जब आप कोई काम कर रही हों तो उन्हें अपने साथ रखें, जैसे कपड़े धोते समय उन्हें बताएं कि कैसे कपड़ों की छंटनी की जाती है, या खाना पकाते समय उन्हें मसाला निकालने को कहें। हालांकि हो सकता है इस दौरान उनसे कुछ गलती हो जाए, लेकिन आप उनके प्रति धैर्य कायम रखते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। इससे वे बिना तनाव के सारी चीजें खुशी-खुशी सिखने का प्रयास करेंगे। यकीन मानिए इस तरह वे न सिर्फ घर के काम सीखेंगे, बल्कि धैर्य भी सीखेंगे।
बच्चों के लिए रोल मॉडल बनाएं
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बच्चों को घर के काम करने के लिए प्रेरित करने का सही तरीका है कहानियां। संभव हो तो उन्हें उनकी उम्र के बच्चों या रोल मॉडल की कहानियां सुनाएं, जो घर के कामों में मदद करते थे और आज अपने जीवन में सफल हैं। इससे उन्हें प्रेरणा मिलेगी और वे समझेंगे कि सफल होने के लिए पढ़ाई-लिखाई के साथ यह स्किल भी बेहद जरूरी है। साथ ही उन्हें यह भी बताएं कि घर के काम करने से परिवार के सभी सदस्यों का काम हल्का हो जाता है। इससे बच्चों में दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करने और मदद करने की भावना विकसित होगी। इसके अलावा घर के कामों में आप उनकी क्रिएटिविटी की भी मदद ले सकती हैं। उदाहरण के तौर पर टेबल सजाते समय उनका इनपुट लें। आप चाहें तो सब्जियां काटते समय भी उन्हें अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का मौका दे सकती हैं।
छोटा बच्चा जानके बहलाना
कई बार बच्चों को छोटा बच्चा कहकर दरकिनार कर दिया जाता है लेकिन सच तो यह है कि कुछ बातों को वो बड़ों से बेहतर समझते हैं और उसे बड़ी खूबसूरती से सुलझा भी लेते हैं। ऐसे में घर के कामों के दौरान, बच्चों को किसी समस्या का हल निकालने के तरीके पूछें। अगर वे कहीं फंस जाते हैं, तो उन्हें गाइड करें कि इसका दूसरा तरीका क्या हो सकता है। हालांकि कुछ काम बच्चों के लिए आसान नहीं होते, क्योंकि उनमें धैर्य का अभाव होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि घर के कुछ कामों में ज्यादा समय लगता देख वे चिढ जाते हैं। ऐसे में बच्चों को समझाएं कि कोई भी काम तुरंत सही नहीं होता, बल्कि उसे सही तरीके से करने के लिए समय और अभ्यास की जरूरत होती है। उन्हें यह भी बताएं कि घर के काम करना एक जरूरी लाइफ स्किल है, जो भविष्य में भी उनके काम आ सकती है। उदाहरण के तौर पर बड़े होने के बाद यदि उन्हें घरवालों से दूर किसी और शहर में नौकरी करनी पड़े तो ये स्किल उन्हें बिना किसी की मदद के खुद का ख्याल रखने में बहुत काम आ सकते हैं।
अपने प्रॉजेक्ट्स में शामिल करें
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आप चाहें तो बच्चों को घर के छोटे-मोटे प्रॉजेक्ट्स में भी शामिल कर सकती हैं, जैसे बगीचे की सफाई, पौधों की देखभाल या फर्नीचर की सेटिंग बदलना। इससे उनकी प्रैक्टिकल स्किल्स बढ़ेंगी, और उनमें काम के प्रति रुचि भी बनेगी। आप चाहें तो उन पर छोटे-मोटे कामों की जिम्मेदारियां सौंपने की बजाय कुछ लंबे समय तक की जिम्मेदारियां भी सौंप सकती हैं, जैसे हर रोज पौधों को पानी देना, कूड़ा बाहर रखना इत्यादि। आप चाहें तो घर के कामों के लिए एक दिन ऐसा भी चुन सकती हैं, जब घर के सभी सदस्य मिलकर कुछ खास काम करें, जैसे घर की गहरी सफाई या बगीचे की सफाई। आप चाहें तो इसे ‘फैमिली डे’ जैसा रूप देकर बच्चों को काम के साथ-साथ परिवार के साथ समय बिताने का मजेदार तरीका कह सकती हैं। इस ‘फैमिली डे’ में हल्का सा ट्विस्ट देकर आप सिर्फ बच्चों को मिलकर टीमवर्क की तरह काम करने की भी सलाह दे सकती हैं, जैसे भाई-बहनों को साथ मिलकर घर, किचन या गार्डन की सफाई करने देना। टीमवर्क के जरिए उन्हें काम में ज्यादा मजा आएगा और वे अपने कम्फर्ट जोन से निकलकर कुछ नया करेंगे। हालांकि घर के काम करते समय उन्हें सुरक्षा का महत्व भी सिखाएं, जैसे नुकीले औजारों से कैसे काम करना है, या सफाई करते समय रसायनों को कैसे इस्तेमाल करना है। इससे उनमें सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी आएगी।