आपकी दोस्तों की पूरी महफिल जमी हुई है और आपने अचानक कोई ऐसी बात कह दी, जो आपके दोस्त को बिल्कुल पसंद नहीं आयी, ऐसे में आपको शायद इस बात का पता न चले, लेकिन कई बार दोस्तों को ऐसी बातें मजाक में भी कहना भारी पड़ सकता है, क्योंकि आपकी हर बात किसी के लिए अच्छी हो ऐसा नहीं हो सकता है। अमूमन हम जब मजाक करने के मूड में होते हैं, तब हम यह भूल जाते हैं कि हमारी छोटी सी बात भी किसी को बुरी लग सकती है, हम तो बस मजे-मजे में बातें करते जाते हैं। कभी हम मजाक में कई बार तू पागल है क्या, या मेंटल है क्या जैसी बातें भी कह जाते हैं। हमें इस बात का एहसास नहीं होता कि हमारी छोटी सी बात से उन्हें कितनी तकलीफ हो सकती है। दरअसल, इस बात का ख्याल रखना हमें हर रिश्ते में जरूर चाहिए कि आपकी किसी मजाक में कही बात का असर, किसी पर गलत तरीके से न पड़े। इस बारे में हमें सेवी वेलनेस सर्विस की साइकोलॉजिस्ट एक्सपर्ट किरण गवलानी विस्तार से बता रही हैं
मेंटल है क्या, कभी न कहें
किरण कहती हैं इस बात पर विश्वास करना बेहद कठिन है, मगर यह सच है कि क्रेजी, मेंटल जैसे शब्दों के साथ आज भी एक स्टिग्मा जुड़ा हुआ है, और इसकी सबसे वजह यह है कि हमें मेंटल हेल्थ को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है। भले ही हम खुद को प्रगतिशील मानें, लेकिन जो लोग मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से जुड़े हैं, खुद को हमेशा छोटे या कम आंकते हैं, खासतौर से आमलोगों की तुलना में। तो जब हम बहुत कैजुअल होकर, कुछ शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे अगर किसी की विचारधारा किसी और की विचारधारा से मेल नहीं खाती है तो हम उस व्यक्ति को क्रेजी कह देते हैं। तो, ऐसे में जब आप किसी को क्रेजी कहते हैं, तो अक्सर यह शब्द उस व्यक्ति को अमानवीय बना देता है और जैसे ही हम ऐसा करते हैं, उस व्यक्ति से हमारा कनेक्ट होना मुश्किल हो जाता है।
मोटी हो इतना मत खाया करो
किरण इस बारे में कहती हैं कि वर्तमान दौर में जो हमारी आस-पास की दुनिया है और जो एक वर्चुअल दुनिया है, वह हमेशा हमें खुद पर संदेह करने के कारण देती रहती है। खासतौर से हमारे लुक को लेकर। इन दिनों हर तरह के लोगों की बॉडी शेमिंग होती रहती है। दरअसल, हमें इस बात का एहसास भी नहीं होता है कि जब हम किसी को बॉडी शेम करते हैं, वह इंसान खुद में अपनी पहचान को लेकर खुद पर ही सवाल खड़े करने लगते हैं। इसका मतलब है कि हम एक व्यक्ति को उसके लुक से और उसके फिजिकल अपीयरेंस से जज करने लगते हैं। इसकी वजह से उस व्यक्ति को खुद पर से विश्वास उठने लगता है। वह अपने बारे में बुरी बातें सोचने लगते हैं, अपने नजरिये के बारे में बुरी बातें सोचने लगते हैं। इसलिए ऐसी सोच को बदलने की बेहद जरूरत है।
प्यार में भी मजाक नहीं
किरण कहती हैं कि कई बार आपने अच्छी सोच और नजरिये के साथ अपनी बात कही हो, लेकिन सामने वाले को वह बात फनी नहीं लग सकती है। दरअसल, कोई बात जो आपको अच्छी लगे, जरूरी नहीं कि सामने वाले को भी सही ही लाए, यह तथ्य बदला नहीं जा सकता है कि हम सभी अलग होते हैं और सभी के अपने-अपने नजरिये होते हैं और हर किसी के अनुभव भी अलग होते हैं। इसलिए कभी-कभी मजाक में या कटाक्ष में कही गई बात या मजाक लोगों को बुरी लग सकती है। कई बार ऐसा भी होता है कि आप कुछ हास्य बातें कह जाते हैं, वह आपकी अतीत की यादों को ट्रिगर करते हैं, जैसे कि कोई पुरानी यादें या घटनाएं। तो इससे भी कई बार दुख पहुंचता है। इसलिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है कि आप किसी की इमोशन के साथ खिलवाड़ न करें, उनका मखौल न बनाएं।
न दिखाएं ओहदा
एक बात का और खास ख्याल रखना चाहिए कि कभी भी आप अपने चाहने वालों के बीच आपका ओहदा या पैसा न दिखाएं, आप कोई शो ऑफ न करें, ऐसा करने से भी सामने वाले के मेंटल हेल्थ पर पूरी तरह से असर पड़ता है। मजाक में भी अगर आपने ऐसा कह दिया कि तेरी औकात नहीं इसे खरीदने की तो इस बात का बुरा असर होगा।
किसी पुरानी बात का मजाक
यह भी सच है कि कई बार जब आप अपने सामने वाले के बारे में सारी बात जानते हैं, तो उनके बारे में मजाक से कोई ऐसी बात निकाल देते हैं, जिससे उनको तकलीफ होती है, जैसे उनका किसी ने मजाक बनाया हो या फिर वह किसी कारण से ठगे गए हों या बेवकूफ बने हों, इन बातों का भी मजाक बनाना सही नहीं होता है।