पेरेंटिंग जीवन को नई दिशा और नई सीख देती है। कई बार पेरेंटिंग रिश्तों को मजबूत करने का भी काम करती है, लेकिन बात जब प्लांट पेरेंट बनने की आती है, तो यह मानवीय रिश्ते को नई मजबूती और पकड़ देकर जाता है। यह भी जान लें कि प्लाट पेरेंटहुड एक ऐसा ट्रेंड हैं, जो कि इन दिनों काफी चलन में है। कई लोग ऐसे हैं जो कि अपने रिश्ते में मजबूती लाने के लिए प्लांट पेरेंटिंग का सहारा ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पौधों के पालन-पोषण का असर रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है। इसलिए अगर आप भी प्लांट पेरेंट बनते हुए अपने आपसी रिश्ते को मजबूत करना चाहती हैं, तो आइए आपको विस्तार से इस बारे में बताते हैं।
पौधों की देखभाल करें एक साथ
पौधों के घर पर आने के बाद उनकी देखभाल ठीक वैसे ही की जाती है, जैसे कोई छोटा बच्चा सामने मौजूद हो। आप दोनों एक साथ मिलकर पौधों की देखभाल करते हैं, तो इससे आपको पौधों से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। पौधों को एक साथ उगाना और उनकी देखभाल करने से अंदरूनी तौर पर जिम्मेदारी की भावना आती है। रिश्ते में जिम्मेदारी की समझ पनपती है। पौधों के बड़े होने की खुशी रिश्ते की आपसी समझ और विश्वास पर भी दिखाई देती है। साथ में पौधों की देखभाल करने से एक साथ होने का, एक दूसरे के लिए मौजूद रहने का एहसास भी आता है।
पौधें से सीखें रिश्ते में गिर कर खड़े होने का गुण
पौधों से हमें यह भी सीख मिलती है कि कैसे मौसम के साथ उनमें हर तरह के बदलाव आते हैं, लेकिन वे अपनी महक और सुंदरता को नहीं खोते हैं। पौधे में से गिरे हुए पीले पत्ते भी अपने अकेले होने की बात को खूबसूरती से बयान करते हैं। पौधें यह बताते हैं कि रिश्ते में एक वक्त ऐसा भी आएगा, जब आप खुद को किसी पड़ाव पर गिरा हुआ पायेंगे, लेकिन आपको उस वक्त पौधे में मौजूद अपने उन पत्तों को देखना है, जो बदलते हुए मौसम के बीच भी डट कर खड़े हैं। ठीक इसी तरह आपको भी अपने रिश्ते को बुरे दौर के दौरान उस वक्त को याद करना है, जब आप एक दूसरे के लिए खड़े रहे हैं। अपने जीवन के हौसले भरे वक्तों को याद कर बुरे वक्त को बस गुजर जाने देना है।
प्रकृति पर करें भरोसा
प्रकृति के हर बदलते हुए दौर को भी पौधे खुशी-खुशी अपनाते हैं। पौधें सिखाते हैं कि प्रकृति यानी कि समय पर भरोसा करें और उसे अपना काम करने दें। ठीक इसी तरह पौधें यह भी सिखाते हैं कि किसी भी चीज के विकास को जबरदस्ती बढ़ाया नहीं जा सकता है। जैसे पौधों के बढ़ने में वक्त और धैर्य लगता है, ठीक इसी तरह रिश्ते में भी समझ, विश्वास और प्यार को बढ़ाने में वक्त लगता है। पौधा यह सिखाते हैं कि रिश्ते को वक्त और धैर्य देने की आवश्यकता है।
पौधों से करें मन की बात मिलेगी सकारात्मकता
मन की बात करने के लिए पौधों से अच्छा साथी कोई दूसरा नहीं होता है। पौधे यानी की प्रकृति और जब प्रकृति के बीच बैठकर एक दूसरे से मन की बात करेंगे, तो सकारात्मकता का संचार आपके रिश्ते पर भी पड़ेगा। आपके रिश्ते में सुकून और ठहराव आएगा। प्लाट पेरेंटिंग के दौरान पौधों के साथ बिताया हुआ हर वक्त आपके रिश्ते को भी हरा-भरा कर जाता है। आपके रिश्ते में सुधार और प्रगति लाने के साथ हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी प्लांट पेरेंटिंग जरूरी है।