लीडरशिप ऐसी खूबी है, जो कि किसी भी बच्चे में बचपन से आना जरूरी माना जाता है, ताकि अपने भविष्य के प्रति उसका नजरिया सकारात्मक रहें। छोटी-सी उम्र में बच्चों में लीडरशिप की खूबी को लाना आसान काम नहीं होता है, लेकिन आप छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखते हुए भी बच्चों में लीडरशिप की खूबियां ला सकती हैं। लीडरशिप की खूबी बच्चों में आना इसलिए भी जरूरी है कि वे खुद का भविष्य आत्मविश्वास और लीडर वाली सोच के साथ लिख सकें। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप बच्चों में लीडरशिप की खूबी ला सकती हैं।
हार के बाद ही जीत है
कई बार ऐसा होता है, जब हम बच्चों को जीतने के लिए प्रेरित करते हैं, लेकिन इस वक्त यह बताना भूल जाते हैं कि हार भी दूसरी जीत की तरफ जाने का एक मौका देती है। बच्चों को जीत का हौसला देते समय यह भी बताएं कि हार के बाद भी जीत हो सकती है। अपनी हार से सीख लेते हुए हमेशा जीवन के हर मुकाबले के लिए तैयार रहें। जीत और हार से बड़ी चीज साहस, मेहनत और कोशिश होती है। किसी भी प्रतियोगिता में जीत और हार से अधिक खुद पर यकीन करते हुए अपना सौ प्रतिशत देने की चाह होनी चाहिए।
उदाहरण पेश करें
अपने बच्चों के सामने खुद को उदाहरण के तौर पर पेश करें। अपने काम के जरिए यह बताने की कोशिश करें कि कैसे चुनौतियों का सामना धैर्य और समझदारी से करना चाहिए। साथ ही कैसे किसी भी हालात में खुद को संभालना कैसे चाहिए। घर के कुछ जरूरी फैसलों में बच्चों को जरूर शामिल करें। अगर घर पर कोई मेडिकल इमरजेंसी आती है, तो उसमें भी बच्चों को शामिल करें। जैसे आप उन्हें यह कह सकती हैं कि डायरी में डॉक्टर को फोन करो या फिर दवाई देने का काम आप उन्हें दे सकती हैं। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें यह समझ में आएगा कि घबराने से बेहतर समस्या का समाधान निकालना और उसका सामना सकारात्मक तरीके से करना है।
कम्युनिकेशन स्किल को बढ़ावा दें
लीडरशिप की खूबी का अहम हिस्सा कम्युनिकेशन भी होता है। कम्युनिकेशन यानी कि बातचीत। आप अपने बच्चों को बातचीत करने के लिए खुला मंच दें। आप उनके साथ ऐसा बर्ताव न करें कि कोई भी बात आपके पास बोलने से पहले बच्चों को डर लगें या फिर उन्हें झिझक महसूस होने लगे। आप बच्चों से बातचीत के दौरान उनसे ऐसे सवाल करें, जिससे उनके पास बात करने के लिए विषय हो। आप बच्चों के दिलचस्पी के विषय पर उनसे बात करें। इस तरह से उनकी कम्युनिकेशन स्किल बढ़ेगी और बाहरी दुनिया में भी लोगों के सामने बातचीत के दौरान उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
उनके फैसले को सुनें और समझें
लीडरशिप की खूबी का एक अहम हिस्सा सामने वाली की बात सुनना और समझना भी होता है। इसलिए जब भी बच्चा आपसे घर, स्कूल या फिर खेलने से जुड़ी भी कोई बात कहता है, तो उसे सुनने और समझने की कोशिश करें। किसी बात पर अगर आपको लगे कि बच्चे की सोच नकारात्मक है या फिर गलत दिशा में आगे बढ़ रही है, तो उसे शांति से समझाने की कोशिश करें। उनकी पूरी बात सुनने के बाद आप उनका मार्गदर्शन करें।
वॉलेंटियर बनने का दें मौका
आपके बच्चे को स्कूल में वॉलेंटियर बनने का अवसर मिलता है, तो उसके लिए प्रोत्साहित करें या फिर सोसायटी के किसी कार्यक्रम में या फिर घर से जुड़े समारोह में उन्हें वॉलेंटियर बनाएं। इससे बच्चे में लीडरशिप वाली गुण आयेंगे। उन्हें समस्याओं को सुलझाने और उससे निपटने के साथ टीम को संभालने का अनुभव मिलेगा।