अमूमन ऐसा होता है कि घर पर मेहमान आ जाएं तो यह बात समझ ही नहीं आती है कि आपके बच्चे उनके सामने कैसे बर्ताव करने चाहिए या फिर वे कहीं और जाएं, तब उन्हें कैसे बर्ताव करना है। ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
किसी के सामने बच्चे को न सुनाएं बातें
एक गलती जो हर पेरेंट्स करने से कभी भी परहेज नहीं करते हैं, वह यह है कि वे अपने बच्चे को कभी भी किसी के सामने बात सुना देने में गुरेज नहीं करते। लेकिन उनको यह बात समझ नहीं आती है कि इससे बच्चों के जीवन पर और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है, वे फिर धीरे-धीरे आपसे दूरी बना लेंगे और आपके साथ कहीं भी आने जाने से दूरी बना लेंगे। कभी किसी मेहमानों के सामने आना भी नहीं पसंद करेंगे। उन्हें हमेशा अलग से समझाने की कोशिश करें और फिर उन्हें यह भी प्यार से समझाएं कि वे क्यों ऐसा कह रहे हैं कि किसी और के सामने किस तरह से बर्ताव करना चाहिए। इससे बच्चे और आपमें रिश्ता बेहतर हो जायेगा और आपके बच्चे भी आपके करीब ही रहना पसंद करेंगे। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों को किसी के सामने भी न डांटें।
जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ा के बोलने की आदत
कई पेरेंट्स को एक समस्या होती है कि वे अपने बच्चों के बारे में किसी के सामने भी बढ़ा-चढ़ा कर और बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और इसकी वजह से काफी परेशानी भी आ जाती है कि कई बार बच्चों को बेस्ट दिखाने के चक्कर में पेरेंट्स उनके बारे में वे बातें कह जाते हैं, जो वे नहीं हैं और फिर अगर मेहमानों के सामने कभी इस बात की पोल खुल जाती है, तो दिक्कत बढ़ जाती है और फिर आपको और आपके बच्चों को शर्मिंदगी का एहसास हो जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि अपनी इस आदत को बदलें।
बच्चे जब जाएं दूसरे के घर
हमें इस बात की चिंता हमेशा होती रहती है कि पता नहीं हमारे बच्चे किसी तरह से और कहीं भी बर्ताव करेंगे। लेकिन फिर अगर वे मेहमानों के घर जाते हैं और ऐसी कोई गलती कर बैठते हैं तो उन्हें डांट खानी पड़ जाती है और साथ ही आपका भी पूरा मूड खराब हो जाता है। इससे अच्छा है कि आप जब बच्चों को अपने संग लेकर जाएं, तो ऐसी चीजें अपने साथ लेकर जाएं कि किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो और आसानी से सब काम हो जाये। बच्चों को कहीं भी साथ लेकर जाएं कि वह पूरी तरह से ऐसे किसी खेल या पढ़ाई में व्यस्त रहे, ताकि वे किसी तरह की बदमाशी न करें। इससे आपको भी पूरे समय बच्चे पर ध्यान देने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आपकी परेशानी भी दूर रहेगी।
बड़ों के बीच न बिठाएं
कई बार बच्चे बड़ों के बीच बैठ कर बोर हो जाते हैं, उन्हें ज्यादा बातें समझ भी नहीं आएंगी, ऐसे में जबरन उन्हें अपने पास ही बिठाने की जिद्द करना सही नहीं होगा, बल्कि बच्चों को अपना स्पेस रखने दें और हर बार बड़ों की बातों में उन्हें शामिल करने की कोशिश न करें। ऐसा करना भी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है, बाद में वे आपके साथ कहीं भी आना-जाना पसंद नहीं करेंगे।
मेहमानों के सामने बुराई न करें
अगर यह बात सही नहीं है कि मेहमानों के सामने बच्चे की जरूरत से ज्यादा तारीफ की जाये, तो यह भी सही नहीं है कि मेहमानों के सामने बुराई की जाये, बच्चों का मन इस बात से भी खराब हो जाता है और फिर मेहमानों के सामने बुराई करना आपके लिए बड़ी दिक्कत ला सकता है, बाद में बच्चा इन बातों को दिमाग में बिठा लेगा और फिर परेशानी यही होगी कि मेहमान भी बच्चों का मजाक बना सकते हैं और फिर बच्चे और अधिक परेशान और शैतान बन सकते हैं।
मेहमानों के बच्चों से तुलना
जी हां, यह सच है कि मेहमानों के बच्चों से तुलना भी आपके बच्चों के दिमाग में घर करने से परेशानी हो सकती है। मेहमानों को भी अगर यह आदत है कि वे अपने बच्चों की तारीफ करते हुए आपके बच्चे की बुराई करने लगते हैं और फिर इससे आपके बच्चे के दिमाग में दस तरह की बातें आ जाती हैं और फिर वे उन लोगों से दोबारा मिलने में परेशान होने लगते हैं और आपकी चाहत नहीं होती है कि मेहमानों के सामने जाएं और लम्बे समय तक उनके दिमाग में वही बातें रह जाती हैं या घर कर जाती हैं। इसलिए इन बातों का ख्याल रखना जरूरी है कि मेहमानों के सामने बच्चों की इस मनोस्थिति का हमेशा ध्यान रखा ही जाये।
बच्चों के लिए है जरूरी महत्वपूर्ण बातें
बच्चों को इस बात के लिए हमेशा तैयार करने की कोशिश करें कि हर नए लोग बुरे नहीं होते या फिर नए लोगों से मिलना-जुलना या बातें करना भी कितना जरूरी है और इन बातों का हमेशा ध्यान रखना कितना जरूरी है कि बच्चे नए लोगों से मिलने से कतराए नहीं, इससे फिर भविष्य में भी ऐसा हो जायेगा कि वे नए लोगों से नहीं मिलेंगे और घबराएंगे, इसलिए उनके मन से इस डर को या हिचक को मिटाने के लिए मेहमानों की आवाजाही बिल्कुल बंद न करें।
समय का ध्यान रखें
यह बात तो बिल्कुल सही है कि आपके घर पर या परिवार में अगर बच्चे हैं, तो उनके समय का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि अगर ऐसा है कि आपके बच्चे को कभी आपकी जरूरत है और आपका इस बात पर ध्यान है कि घर पर आये मेहमानों की खिदमत के लिए क्या तैयारियां की जाये, तो फिर बच्चों को गुस्सा आएगा, साथ ही अगर उनकी परीक्षा का समय है, तब भी आपको समय का ध्यान रखना ही चाहिए। जिस समय आपके बच्चों को आपकी जरूरत है, उस वक्त सिर्फ बच्चों के वक्त की ही कीमत करें, बाकी बातों के बारे में अधिक न सोचें, क्योंकि बच्चों के दिमाग में एक बार अगर यह बात बैठ गई कि आप उन्हें तवज्जो नहीं देना पसंद कर रहे, तो आपके लिए फिर वह प्यार स्नेह नहीं रख पाएंगे और आपसे रुखा बर्ताव करेंगे।