बच्चों को यह जानकारी देना बेहद जरूरी है कि उनके लिए गुड टच और बैड टच क्या है। आइए जानें विस्तार से।
क्यों जरूरी है अलर्ट रहना
इस बात को समझना जरूरी है कि अब बच्चों से जुड़ी ऐसी कई घटनाएं सामने आने लगी हैं, जिनके बारे में आपको जान लेना बेहद जरूरी है। ऐसी चीजों में अगर अलर्ट रहने के बारे में बात करें, तो इसलिए जरूरी है कि छोटे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार, अपहरण और छेड़छाड़ जैसी बुरी और दिल को दहला देने वाली खबरें बिल्कुल सामने आती जा रही हैं। साथ ही यह काफी चिंता का भी विषय हिअ। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि आप अपने बच्चे को सुरक्षित किस तरह से रखें। तो इससे पहले कि चीजें या बातें हाथ से निकल जाएं, बेहद जरूरी है कि बच्चों को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श से अवगत करा दिया जाए। बच्चों को सशक्त जानकारी दी जाए कि उनके लिए क्या सही है और क्या नहीं। इस बात की सख्त जरूरत होती है कि चर्चा होनी जरूरी है। भले ही आप सोचते हों कि आपका बच्चा अच्छे और बुरे स्पर्श और ऐसे अन्य विषयों के बीच अंतर समझने के लिए अभी बहुत छोटा है, लेकिन इन विषयों पर खुल कर बात करना बेहद जरूरी है।
माता-पिता की है अहम भूमिका
माता-पिता की यह अहम भूमिका होती है कि वह अपने बच्चे की स्थिति को बेहतर तरीके से समझ पाएं। इस बात को समझना जरूरी है कि बच्चे को हर तरह से दुनिया की चीजों से अवगत कराया जा सके। इसके लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इसलिए बच्चों की हर प्रतिक्रिया, उनके रिस्पॉन्स, उनके व्यवहार में बदलाव और बाकी जितनी तरह की भी बातें हैं, जो आप अपने बच्चों में देखते हैं, उस पर आपको ध्यान देने की जरूरत है।
हिचक मिटाएं पहले अपनी
इस बात का खास ख्याल रखना आपको जरूरी है कि आजकल हिचक मिटाना माता-पिता को बच्चों से ज्यादा जरूरी है, कई बार आप समझ नहीं पाते हैं कि आपके बच्चों से इस तरह की बातें करें या न करें और फिर इस वजह से कई बार वे बातों को रोक लेते हैं और फिर बच्चे भी धीरे-धीरे दूरी बनाने लगते हैं और फिर होता यही है कि बच्चे मन में बात रख लेते हैं। फिर धीरे-धीरे उनके विकास में चीजें बाधक बननी शुरू हो जाती है। इसलिए बच्चे से पहले अपनी हिचक को मिटाना आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, जिस पर आपको ध्यान देना ही चाहिए।
क्या है गुड टच और बैड टच
इस बात को आपको पूरी तरह से समझ लेना है कि आपको अपने बच्चे को कम उम्र से ही गुड टच और बैड टच के बारे में बता देना है। जी हां, आपको अपने बच्चे को खासतौर से समझाने की जरूरत है कि दोनों में क्या फर्क है। तो ऐसे में अगर आपको कोई टच करें और आपको अच्छा नहीं लगे, तो उसे बैड टच कहा जाता है। खासतौर से अगर कोई इंसान या व्यक्ति आपको आपके प्राइवेट पार्ट पर टच करे और आपको अच्छा न लगे, तो इसके बारे में आपको समझ लेने की जरूरत है कि इसे बैड टच कहा जाता है। खासतौर से कोई अगर गलत तरीके से छूने की कोशिश करें तो, ये बैड टच होता है। इसके अलावा अगर कोई आपको प्यार से टच करें, जैसे कि माथे पर हाथ फेरना या प्यार से गालों को खींचना। ये सभी गुड टच में गिने जाते हैं। बच्चों को जितनी जल्दी इसकी ट्रेनिंग दे देंगे, आपके लिए और बच्चों के लिए उतना बेहतर होगा।
बच्चे जब बनें एक्स्ट्रा गतिविधियों का हिस्सा
एक बात का आपको ख्याल रखना जरूरी है कि अगर आप अपने बच्चे को स्विमिंग करने के लिए या ऐसी किसी भी गतिविधि में जोड़ना चाहती हैं, जो एक्स्ट्रा है, तो आपको भी उनके साथ एक्स्ट्रा केयर करने की जरूरत है, जैसे अगर आपका बच्चा स्विमिंग के लिए जा रहा है, तो छोटे बच्चों को बुरे स्पर्श के बारे में बताएं। साथ ही अपने बच्चे को समझाएं कि उनका तैराकी पोशाक या अंडरगारमेंट्स ठीक है कि नहीं और उन्होंने अपने प्राइवेट पार्ट्स को अच्छी तरह से ढक कर रखा है या नहीं। साथ ही अगर उनका ट्रेनर या कोई भी उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश करें, तो आपको ध्यान देना चाहिए और अगर ऐसा हो, तो आवाज उठाना बेहद जरूरी है। उन्हें यह सबकुछ सिखाएं और उनके साथ इतना दोस्ताना व्यवहार रखें कि वे आपसे हर बात आकर शेयर कर दें, उन्हें इसमें कोई परेशानी न लगे। साथ ही उन्हें बताएं कि अगर आपके बच्चे कुछ भी गलत महसूस कर रहे हैं, तो वे जाकर किसी को बताएं और आपसे तो शेयर जरूर करें।
समझाएं न कहना
बच्चों को यह भी समझाना जरूरी है कि अगर उनके कोई पहचान वाले भी अंकल या कोई भी या कोई भी पहचान या अनजान पुरुष हों, उन्हें आवाज उठाना सिखाएं और न कहना सीखें, कोई भी अगर बहलाने या फुसलाने की कोशिश करें, तो उन्हें समझाने की कोशिश करें कि किसी के भी बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। जैसे कि अगर उन्हें कोई पसंद नहीं है, तो आप उनके पास न जाएं, न ही उनके हाथ मिलाने को लेकर हामी भरें और न ही किसी भी रूप में शारीरिक स्पर्श करने की कोशिश करें। यही नहीं, उन्हें यह भी बताएं कि किसी को भी मतलब किसी को भी अपनी तस्वीरें क्लिक करने की अनुमति न दें। उन्हें यह भी समझाएं कि उनके साथ कोई भी जबरदस्ती नहीं कर सकता है। कोई भी उन्हें गले लगाने या चूमने से पहले उससे पूछें, यह नियम होना चाहिए, उन्हें बताएं कि उनके शरीर पर उनका नियंत्रण है और किसी को भी उनकी अनुमति के बिना इसे छूने का अधिकार नहीं है। बच्चे अगर किसी से भी असहज हो रहे हैं, फिर उसके वह पिता ही क्यों न हो या घर वाले लोग ही क्यों न हों, आपको उन्हें समझना होगा। किसी को भी गलत तरीके से उन्हें टच करने का अधिकार नहीं है। इसलिए उन्हें अपने शरीर का उस तरह से उपयोग करने के लिए मजबूर न करें जो वे नहीं करना चाहते।
माता-पिता दें ध्यान
अक्सर ऐसा होता है कि माता-पिता कभी-कभी यौन शब्दों के लिए उपनामों का उपयोग करते हैं, जो अनुचित हैं। ऐसे में शरीर के अंगों के लिए उन्हें अगर कोई टर्म रख देते हैं, लेकिन यह बेहद जरूरी है कि बच्चों को किसी भी तरह के भ्रम में न रखें, क्योंकि सही शब्द आपके बच्चे को अपने शरीर के बारे में सही से समझने में मदद करेंगे। साथ ही किसी के भी सामने कपड़े बदलने जैसी चीजें न करें, बच्चों को इन सभी चीजों के बारे में जानकारी देकर रखना बेहद जरूरी है।