अमूमन ये बातें कहते हैं लोग कि आप जहां काम करते हैं या करती हैं, वहां आपके सिर्फ सहकर्मी ही बनते हैं, दोस्त नहीं, लेकिन अगर अपने निजी अनुभव से कहूं, तो अब तक मैंने जितनी भी जगह नौकरी की है, हर जगह एक अच्छी दोस्त बनाई है, जो अब भी जीवन का हिस्सा है, फिर चाहे वह नौकरी शुरुआती दौर में ही क्यों न की हो, ऐसे में यह पूर्ण रूप से आप पर ही निर्भर करता है कि आप किस तरह से किसी भी रिश्ते में निवेश करते हैं और आपका जीने के प्रति नजरिया क्या है। सो, हम यहां आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जो आपको आपकी सहकर्मी को दोस्त बनाने में मदद करेंगी।
जरूरत से ज्यादा प्रोफेशनल रवैया न रखें
दरअसल, कुछ लोग जो यह मान बैठते हैं कि आप सिर्फ अपने ऑफिस काम करने जा रही हैं, वहां सिर्फ काम की ही बातें होनी चाहिए, तो आपका जरूरत से ज्यादा प्रोफेशनल बर्ताव आपको लोगों से खुलने से रोकता है। ऐसे में लोग आपके बारे में यही भ्रम पालने वाले हैं कि आप लोगों में कुछ खास दिलचस्पी नहीं लेते हैं, इसलिए सबसे पहली बात तो यही है कि जरूरत से ज्यादा प्रोफेशनल रवैया सही नहीं है।
समझें सहकर्मी की परेशानियों को
यह एक जरूरी बात है कि आप अपनी सहकर्मी की परेशानियों को एक दोस्त की तरह, एक हमदर्द की तरह समझने की कोशिश करें, न कि बॉस के सामने उनकी खामियां गिनाने में रहें, यह भी आपको आपकी सहकर्मी से दूर करता है और दोनों के बीच एक दीवार बनाने की कोशिश करता है। सो, अपनी सहकर्मी से काम के इतर भी इधर-उधर की बातें करने की कोशिश करें, धीरे-धीरे दोनों के बीच में एक रिश्ता बनेगा और यकीन मानिए इसके बाद आपकी एक अच्छी जोड़ी बनेगी, तो काम भी काफी अच्छे तरीके से होगा।
शेयर करें लंच, पसंद-नापसंद
धीरे-धीरे कोशिश करें कि लंच के समय, अकेले जाकर कैंटीन की कुर्सियों को गिनने की बजाय, अगर अपनी सहकर्मी के साथ लंच करेंगी, तो एक रैपो बनना भी शुरू होता है, फिर धीरे-धीरे एक दूसरे की पसंद-नापसंद को समझने की कोशिश करें, कभी-कभी ऑफिस के बाहर भी कॉफी या डिनर पर जाएं, जहां खुल कर एक दूसरे से बातचीत करें, इससे आपकी नजदीकियां बढ़ेंगी। ऑफिस गॉसिप से बचने की कोशिश करें।
एक-दूसरे की खूबियों को उजागर करें
यह भी एक महत्वपूर्ण बात है, जिससे आप और आपकी सहकर्मी में दोस्ती का रिश्ता बन सकता है, और वह बात यह है कि अपनी सहकर्मी की खूबियों को उजागर करें, इससे संभव है कि उन्हें खुद के बारे में ऐसी कोई बात पता न हो, जो आप उनके बारे में उन्हें बताएं, इससे उनका मनोबल ही बढ़ेगा और धीरे-धीरे आप पर आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। प्रतियोगिता रखें, लेकिन एक हेल्दी तरीके से, यकीन मानिए, इससे आप दोनों ही साथ-साथ ग्रो करेंगी। साथ ही अगर आपसे अपनी सहकर्मी ने दोस्त समझ कर कोई बात शेयर की है, तो उसका ढिंढोरा पूरे ऑफिस में न बजाएं, बल्कि उनकी निजता का ख्याल रखें।
ऑफिस में दोस्त बनी तो हमेशा के लिए बनेगी दोस्त
जी हां, हम इस बात पर गौर नहीं करते हैं कि आपका जरूरत से ज्यादा समय ऑफिस में बीतता है, ऐसे में जो लोग हमारे आस-पास होते हैं, उनका बर्ताव, उनका रवैया, स्वभाव, इन सबका हम सब पर काफी फर्क पड़ता है, मानसिक तौर पर, ऐसे में आपके दोस्त अगर यहां बन गए तो समझ लें, वह आपको समझ रही हैं और आपके परिवार वालों से ज्यादा समझ रही हैं, ऐसे में आप हमेशा ही उनसे अपनी कोई भी बात शेयर कर सकती हैं, क्योंकि शायद वह इसे जितने अच्छे से समझेंगी, कोई और न समझें।
भविष्य के खुल सकते हैं रास्ते
आप अगर अपने ऑफिस में किसी को खास दोस्त बनाती हैं, तो जाहिर है कि आपको उनकी खूबियों और कमियों के बार में मालूम होता है, तो ऐसे में जाहिर है कि अगर भविष्य में आप कोई नया स्टार्ट अप शुरू करें या बिजनेस शुरू करें, तो आपको टीम की जरूरत होगी, ऐसे में आप अपनी दोस्त से इसमें शामिल होने को कह सकती हैं, क्योंकि आप दोनों ने एक दूसरे पर विश्वास हासिल कर लिया होता है।