क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है, जो कि किसी एक खास धर्म से नहीं जुड़ा है। क्रिसमस उजाले का त्योहार है, जिसकी चमक धर्म और जाति की सीमा को पार कर जाती है। क्रिसमस में होने वाली गतिविधियां कहीं न कहीं इंसानियत की सीख देती है। साल के अंत में क्रिसमस का जश्न हमें यह सीख देता है, पूरा साल के उतार-चढ़ाव को भूलकर हमें नए साल की तरफ बढ़ना चाहिए। केक खिलाने की परंपरा से लेकर सीक्रेट सांटा के खेल तक, क्रिसमस हमें इंसानियत को धन्यवाद देने का और इंसानियत को जीवित रखने का सुनहरा संदेश देती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
एक दूसरे को तोहफे देना
क्रिसमस अपने उपहारों को लेकर जाना जाता है। जहां पर सब एक दूसरे को तोहफे देते हैं। क्रिसमस के इस रिवाज से इंसानियत की यह सीख मिलती है कि देने से खुशियां आती हैं। एक दूसरे के प्रति सकारात्मकता का भाव आता है। क्रिसमस का त्योहार खुशियां बांटने का त्योहार है। जहां पर बड़ा या छोटा नहीं देखा जाता। यह भी नहीं देखा जाता है कि दिया गया तोहफा कितना बड़ा या कितना छोटा है। यह तोहफा केवल अपने करीबी लोगों को नहीं दिया जाता है, बल्कि अनजान लोगों को भी तोहफे बांटकर खुशियां बांटी जाती है। इंसानियत का यह पाठ पढ़ाया जाता है कि देने से आप किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं।
अंधकार से उजाले की तरफ
क्रिसमस में लाइट यानी कि उजाले का महत्व है। क्रिसमस ट्री से लेकर सड़कों और घरों के आस-पास रास्तों पर चमकती लाइट हमें यह संदेश देती है कि कैसे हम अपने आस-पास के माहौल में खुशियों का उजाले से भरा हरा-भरा पेड़ लगा सकते हैं। हम इस खुशियों वाली हरी-भरी ट्री से अपने जीवन में भी सद्भावना और प्यार की हरियाली ला सकते है।
सीक्रेट सेंटा बनाना
क्रिसमस में एक खास रिवाज सीक्रेट सांटा को लेकर भी है। आफिस हो या दफ्तर, हर जगह पर सीक्रेट सांटा खुशियां बांटने जरूर आता है। सीक्रेट सैंटा से इंसानियत की यह सीख देता है, कि किसी के लिए कुछ करने और उसके जीवन में कुछ समय की मुस्कान फैलाने के लिए किसी पहचान, शक्ल या फिर पैसे की जरूरत नहीं होती है। इसी वजह से सीक्रेट सांटा में किसी अनजाने से मिले तोहफे की कीमत किसी परिचित से मिले तोहफे से कई अधिक हो जाती है।
दया,करुणा और उदारता
क्रिसमस की त्योहार अपने रिवाजों से हमें यह सीखाता है कि किस तरह समाज में दया, करुणा और उदारता का प्रचार और प्रसार करना चाहिए। जिस तरह से क्रिसमस ट्री हमारे सामने उम्मीदों का पेड़ बनकर आती है, ठीक इसी तरह हमें अपने मन के अंदर भी आत्मविश्वास, सद्भावना के साथ सकारात्मकता की हरियाली से भरी ट्री को हमेशा रखना चाहिए, जिसकी चमक को हमेशा हमें अपने मन के भीतर बरकरार रखना चाहिए। क्रिसमस का त्योहार हमें यह सीखाता है कि हमें आने वाले कल पर यकीन रखना चाहिए। हर उस चीज पर विश्वास करना चाहिए, जो हमारे आस-पास के माहौल में उजाला भरती है। साल के अंत में क्रिसमस की मौजूदगी में आने वाले साल के लिए उम्मीद और खुशियों से देखने का हौसला देती है।
रिश्तों को मजबूत बनाना
क्रिसमस के मौके पर एक दूसरे को केक बांटना या फिर एक दूसरे के साथ जश्न मनाना रिश्तों को मजबूत बनाने की सीख देता है। क्रिसमस हमें इस बात का संदेश देता है कि किस तरह हमें खुद से प्यार करना चाहिए। प्यार और खुशी से हम अंधकार में रोशनी भर सकते हैं।