दोस्ती ऐसा रिश्ता है, जहां पर उम्र कोई मायने नहीं रखती। अगर किसी रिश्ते में मैं बड़ी हूं और तुम छोटी वाला बर्ताव आता है, तो वहां पर दोस्ती नहीं टिकती है, क्योंकि अक्सर ऐसे रिश्ते में आप सामने वाले को समझने की जगह उसे सीखाने की प्रक्रिया में जुट जाते हैं और इससे दोस्ती के रिश्ते में झुकाव आने लगता है। इसलिए बतौर माता-पिता आपको भी अपने बच्चे से दोस्ती करने के लिए कुछ जरूरी बातों का अवश्य ध्यान रखना होगा। अपने बच्चे के बेस्ट फ्रेंड बनने के लिए आपको सबसे पहले यह दिमाग से हटाना होगा कि आपको बतौर माता-पिता नहीं सोचना है। आपको अपनी सोच से उम्र का फासला हटाना होगा। आपको अपने बच्चे की उम्र का बनना होगा, तभी दोस्ती की पहली सीढ़ी आप चढ़ पायेंगी। आइए विस्तार से जानते हैं कि आप कैसे अपने बच्चे की बेस्ट फ्रेंड बन सकती हैं।
जो वादा करें उसे निभाएं
किसी भी दोस्ती की पहली शुरुआत विश्वास से होती है। अपने बच्चे की दोस्त बनने की लिए आपको उस पर यकीन करना होगा और उसे कई चीजों का यकीन दिलाना भी होगा। आपको अपने बर्ताव से यह बताना होगा कि आप पर यकीन किया जा सकता है। बच्चे का यकीन पाने के लिए आप उससे अगर कोई वादा करती हैं, तो उसे निभाने की कोशिश करें। अगर बच्चा आपसे अपनी निजी बातें शेयर करता है, तो उसे किसी और के साथ साझा न करें। साथ ही आप अगर उसके साथ किसी प्रकार की कोई योजना बना रही हैं, तो उसे भी पूरा करें।
जज न करें
दोस्ती के रिश्ते में सामने वाले को जज नहीं किया जाना चाहिए। कभी भी अपने बच्चे के पहनावे या फिर उससे जुड़ी किसी भी चीज का मजाक दूसरों के सामने न बनाएं। उसके किसी भी स्वभाव को जज न करें। उसकी तुलना किसी और से न करें। कभी भी अपने बच्चे से ऐसा न बोलें कि तुम ऐसी हो, तुम्हारा स्वभाव ऐसा है। साथ ही उसे अगर कोई बात आपको समझानी है, तो अपने तरीके में नरमी लाएं। उससे ऐसी भाषा में बात न करें, जो उसे आदेश की तरह लगे। याद रखें कि दोस्ती का पहला मतलब यही होता है कि अपनाना। अगर आप अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करेंगी या फिर मजाक में ही, लेकिन उसकी खिल्ली उड़ायेंगी,तो इससे उसे दुख पहुंच सकता है।
शेयर करें अपनी बातें
बच्चे से दोस्ती करने का यह भी तरीका है कि आप उसे अपना दोस्त मानें। जी हां, आप अपने कार्यालय या फिर दोस्तों से जुड़ी हुई बाते बताएं। ऑफिस से आने के बाद आप यह बता सकती है कि आपके लिए पूरा दिन कैसे बीता। आपने ऑफिस में क्या-क्या किया, यानी कि आप अपने बच्चे के साथ गॉसिप कर सकती हैं। आप अपने अन्य दोस्तों की बात भी बच्चे के साथ साझा कर सकती हैं। इससे आप दोनों के रिश्ते में नजदीकियां आयेंगी। हो सकता है कि बच्चा भी आपके साथ स्कूल या फिर कॉलेज की बातें शेयर करें और आपके रिश्ते में दोस्ती का नया अध्याय शुरू हो जाए।
मांगें अपनी छोटी- छोटी समस्याओं का हल
बच्चों से क्या पूछना, इस सोच को अपने दिल और दिमाग से निकाल दें। दोस्ती करने के लिए केवल खुशियों के पल नहीं बल्कि समस्याओं को भी साझा करना जरूरी है। कहते हैं दुख दोस्तों को करीब लाता है। इसलिए आप अपनी छोटी-छोटी समस्याओं की चर्चा अपने बच्चे से कर सकती हैं। आप उनसे यह भी पूछ सकती हैं कि उन्हें इस समस्या से दूर होने के लिए क्या करना चाहिए। इससे भले ही आपको अपनी समस्या का समाधान मिले या न मिले, लेकिन आप अपने रिश्ते में फिर से विश्वास का दीपक जला सकती हैं। साथ ही आप अपने बच्चे को इसके जरिए यह भी बता सकती हैं कि आपके जीवन में उनकी राय कितनी मायने रखती है।
दोस्त की तरह घूमने जाएं
सबसे जरूरी है कि आप अपने बच्चे के सामने घूमने की योजना बनाएं, लेकिन किसी ऐसी जगह पर न जाएं, जो आपके बच्चे की दिलचस्पी से दूर हो, बल्कि बच्चे के साथ मिलकर घूमने की प्लानिंग करें और बच्चे के साथ एक खास यात्रा की योजना बनाएं। किसी बड़े पार्क में जाने के साथ, ट्रैकिंग या फिर ड्राइव करते हुए किसी दूसरे रोमांचक शहर की यात्रा भी आपके रिश्ते में दोस्ती की जगह पक्की कर सकती है।