कई बार आपकी बोली हुई बातें आपके लिए ही परेशानी का कारण बन जाती हैं और आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पातीं। यही वजह है कि बचपन से बड़े-बुजुर्ग तोल-मोलकर बोलने की सलाह देते आए हैं। हालांकि वर्तमान समय में इस बात का खास ख्याल ऑफिस में रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं ऑफिस कलीग से किन बातों को शेयर करते वक्त सावधानी रखना बहुत जरूरी है।
पर्सनल और प्राइवेट बातें शेयर करने से बचें

यूं तो ऑफिस को दूसरा परिवार कहा जाता है, क्योंकि अपने दिन का अधिकतर समय आप वहां बिताती हैं। फिर भी जिस तरह परिवार की अपनी मर्यादा होती है, उसी तरह ऑफिस की भी अपनी मर्यादा होती है। ऐसे में इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, कि अपने दिल की बात अपने ऑफिस कलीग से शेयर करते वक्त आप न सिर्फ सावधानी रखें, बल्कि कुछ बातों को गलती से भी मुंह से न निकालें। फिलहाल इनमें सबसे पहले आती हैं आपकी पर्सनल और प्राइवेट बातें। अक्सर ऑफिस में कोई ऐसा होता है, जिससे आपकी खास बॉन्डिंग हो जाती है और आप उनसे कोई भी बात शेयर करने में इतनी कम्पफर्टेबल हो जाती है कि कब ऑफिस की गपशप, पर्सनल बातों की शेयरिंग में बदल जाती है, पता ही नहीं चलता। और आगे चलकर आपकी यही कमजोरी आपके लिए घातक साबित होती है। अपनी पर्सनल बातें शेयर करते समय आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आपकी पर्सनल बातें, आपकी निजी संपत्ति की तरह होती है, जिसे दूसरों के साथ शेयर करके आप उससे कभी भी हाथ धो सकती हैं।
फाइनेंस डिस्कशन के अलावा बचें ऑफिस गॉसिप से

पर्सनल बातों के बाद नंबर आता है आपकी फाइनेंशियल रेप्युटेशन की, जिसे गलती से भी दांव पर न लगाएं। आपकी सैलरी, आपका इंवेस्टमेंट और आपका लोन, आपकी अपनी जरूरी जानकारियां हैं, जिन्हें ऑफिस में शेयर करके आप खुद अपनी दुश्मन बन सकती हैं। पैसा ही वह चीज है, जो आपसी रंजिशों के साथ, आपसी कम्पटीशन को भी बढ़ाता है और भविष्य में आपके लिए मुसीबत बन सकता है। हालांकि फाइनेंस के बारे में डिस्कशन आप कर सकती हैं, लेकिन अपनी फाइनेंशियल पोजीशन डिस्क्लोज किए बिना। फाइनेंशियल स्थितियों की तरह ही जहां तक संभव हो अपने मनोभावों को भी यदि आप अपने तक रखें तो बेहतर होगा। उदाहरण के तौर पर यदि आपको अपनी किसी कलीग से या बॉस से परेशानी हैं, तो इसे आप अपने तक ही रखें, क्योंकि आप नहीं जानती कौन, कब दूसरों की गुड बुक में आने के लिए वो सारी बातें उन्हें बता दें, जो आपने उनसे शेयर की है। यह भी हो सकता है कि आपकी सही बात को भी वे गलत तरीके से उन तक पहुंचाएं और आप न चाहते हुए भी सबके सामने अपराधी बन जाएं। ऐसे में मजाक-मस्ती ठीक है, लेकिन ऑफिस के किसी एक कलीग से अन्य कलीग की गॉसिप करने से बचें।
अपने राजनितिक-धार्मिक विचार, अपने पास रखें

आम तौर पर हम अपनी तकलीफें लोगों से यह सोचकर बताते हैं कि वे उन्हें समझेंगे, लेकिन होता ये है कि या तो लोग आपकी तकलीफें समझते नहीं या फिर आपसे उसके एवज में कुछ ऐसा पूछ लेते हैं, जिससे आप असहज हो जाएं। ऐसी ही तकलीफों में आती हैं आपकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जिनके बारे में सिर्फ जरूरी लोगों को ही बताएं, वो भी जरूरी हो तो। इसके अलावा आपकी राजनितिक और धार्मिक सोच क्या है, इससे भी आप लोगों को जितना दूर रखेंगी, उतना ही यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा। दरअसल ये दोनों विषय काफी संवेदनशील विषय माने जाते हैं, जिन पर अधिक तर्कवान होना आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। ऐसे में इन विषयों पर गलती से भी किसी के सामने अपनी राय न रखें, वर्ना तू-तू,मैं-मैं होने के चांसेस बढ़ सकते हैं। या फिर यह भी हो सकता है कि लोग आपके बारे में ऐसी राय बना लें, जिससे आपकी इमेज खराब हो जाए। इन सबके अलावा अपने फ्यूचर प्लांस भी एक-दूसरे से शेयर करना आपके करियर को गुमराह कर सकता है।