कहते हैं बचपन की सीख उम्र भर याद रहती है। बचपन ही जीवन का पहला ऐसा पड़ाव है, जहां से मिली हुई सीख हमारे भविष्य को उज्जवल करती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे के जन्म के एक साल बाद से ही उसकी आदतों को विकास की तरफ मोड़ा जाए। एक साल से लेकर 5 साल की उम्र तक बच्चे गिली मिट्टी के समान होते हैं, उन्हें आप जैसी सीख देंगे, वे उसे ही अपनी आदत में शामिल करते जाते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे एक साल के बाद आप अपने बच्चे का माइंड डेवलप कर सकती हैं।
कहानी में बातचीत
एक साल की उम्र के बाद बच्चे ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। उनका फोकस खेल-कूद में होता है, इसके साथ ही वह बोलने की कोशिश भी शुरू कर देते हैं। आप जब भी कुछ बोलती हैं, तो उनका ध्यान आपके चेहरे की तरफ हो जाता है। ऐसे में बच्चों से बातचीत बढ़ा दें। उनके लिए प्रेरणादायक कहानियों की किताब लेकर आएं। किताब को उनके सामने पढ़ें। खासकर रात को सोने से पहले। इससे बच्चों में प्रेरणादायक कहानी सुनने और पढ़ने की कला भी विकसित होती है। जब भी बच्चे से बात करें, तो कोशिश करें कि हर बात में सकारात्मक बातें शामिल हो।
माइंड वाले गेम खेलें
एक साल की उम्र के बाद खिलौने बच्चे के सबसे अच्छे दोस्त बन जाते हैं। बच्चों का ध्यान खेलने वाली चीजों की तरफ अधिक होता है। इसलिए ऐसे खिलौने का चयन करें, जिससे बच्चों का शारीरिक और दिमागी विकास हो। बाजार में ऐसे कई सारे गेम्स मौजूद हैं, जैसे बिल्डिग ब्लॅाक्स, पजल, मैचिंग गेम्स।
कम्युनेट करें
लगातार बच्चों से बात करनी चाहिए। अपने पूरे दिन की सकारात्मक चीजों का जिक्र करें, साथ ही अगर में किसी प्रकार की बहस हो रही हैं, तो अपने बच्चे को उससे दूर रखें। माना गया है कि लगातार बात करने से बच्चों का मानसिक विकास बेहतर तरीके से होता है। इससे आपके और बच्चे के बीच रिश्ता भी गहरा होता जाता है।
व्यायाम करें
भले ही आपका बच्चा छोटा क्यों न हो, लेकिन व्यायाम शारीरिक विकास के लिए जरूरी है। आप सुबह या फिर रात को सोने से पहले बच्चे के सामने व्यायाम जरूर करें। ऐसा करने से धीरे-धीरे आपका बच्चा भी व्यायाम करने लगेगा, और एक दिन उसे भी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यायाम को शामिल करने की आदत विकसित होती चली जाएगी, जो कि उसके शारीरिक विकास के लिए अहम है।
आउटडोर गेम खेल
घर में बच्चे को मोबाइल देने की बजाए उनके साथ ऐसे गेम खेलें, जो उनकी ऊर्जा को सही दिशा प्रदान करता है। आप अपने बचपन के गेम को इसमें शामिल कर सकती हैं। छुपन-छुपाई, हंट मिस्ट्री, पकड़म-पकड़ाई जैसे कई सारे गेम शामिल करें।