क्या आपने कभी सोचा है कि आपको खुद का ध्यान रखने के लिए एक डायरी लिखनी चाहिए। जी हां, डायरी लिखने का बचपन वाला दौर अब जा चुका है, लेकिन इस अच्छी आदत को आप अपनी सेहत के लिए इस्तेमाल करेंगे, तो इससे आप सेल्फ केयर का एक बड़ा नियम सीख सकते हैं। निजी और प्रोफेशनल जिंदगी के बीच की दौड़ा भागी में हम यह भूल जाते हैं कि हमारे पास एक बड़ी जिम्मेदारी खुद को भी संभालने की है, क्योंकि अगर हम ठीक रहेंगे, तभी हम अपने आस-पास मौजूद लोगों की सुरक्षा कर पायेंगे। उनका ध्यान रख पायेंगे। आपको यह हमेशा याद रखना है कि आपका एक खास रिश्ता खुद के साथ भी है और इसे मजबूत करने के लिए सेल्फ केयर डायरी जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि आपको सेल्फ केयर डायरी में क्या जरूरी बातें लिखनी है।
किसी भी किताब की पढ़ी हुई पक्तियां
किताबों से अच्छा साथी कोई दूसरा नहीं हो सकता है। इसलिए यह कोशिश करें कि रात में सोने से पहले या फिर पूरे दिन में 10 या 15 मिनट का समय निकालकर अपनी पसंद की किसी भी किताब के कुछ पन्ने हर दिन पढ़ें। इसके बाद अपनी सेल्फ केयर डायरी में उन पन्नों को पढ़ने के बाद जो बातें समझ आती हैं या फिर आपको जो लिखी हुई बात याद रहती है, उसे अपनी सेल्फ केयर डायरी में नोट करें। कोशिश करें कि आप ऐसी किताबें पढ़ें जो कि सकारात्मक हो। इससे आपको जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होगा। नकारात्मक विचार आपसे दूर रहेंगे।
खुद से करें बातें
हम हमेशा जीवन में किसी न किसी दोस्त की तलाश करते हैं, जिससे बात करके हम अपने मन को हल्का करते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि आप खुद से बात करके भी अपने मन की उलझनों को सुन सकते हैं और समझ सकते हैं। इसलिए आप अपनी सेल्फ केयर डायरी में उन बातों को भी जरूर लिखें, जिसे लेकर आपकी कोई उलझन है। कई बार लिखते-लिखते वो सारी बातें भी स्पष्ट होने लगती है, जिसे लेकर दुविधाएं बनी रहती हैं। खुद से बाते करके आपको खुद को समझने का अवसर मिलता है साथ ही खुद को लेकर आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
पूरे दिन में हुई सकारात्मक घटनाओं का जिक्र
हर दिन हमारा जुड़ाव कई सारी नकारात्मक और सकारात्मक घटनाओं से जरूर होता है, लेकिन हमें अपने साथ उन्हीं बातों को रखना चाहिए जो कि सकारात्मक हैं। कभी-भी नकारात्मक लोगों और बातों को अपने विचारों के जरिए अपने साथ वापस नहीं लेकर आना चाहिए। साथ ही सकारात्मक हुई घटनाओं और बातों का जिक्र आपको अपनी सेल्फ केयर डायरी में जरूर नोट करना चाहिए। फिर घटना आपकी दोपहर की चाय का लाजवाब स्वाद क्यों न हो या फिर किसी से हुए एक छोटी सी मुलाकात।
बचपन के किसी खुशनुमा किस्से को करें सप्ताह में एक बार याद
बचपन हमेशा हमारा सुखद होता है। बचपन की कई सारी यादें होती हैं। स्कूल जाने से लेकर मोहल्ले में खेलने तक। इन सारी यादों को आप हर सप्ताह अपनी सेल्फ केयर डायरी में जरूर नोट करें। बचपन के किसी एक किस्से को सप्ताह में एक बार याद कर पुराने दिनों के सुखद अहसास से मानसिक सुकून की तरफ बढ़ें। बचपन के साथ आपको अगर अपने कॉलेज के दिनों की कोई बात या फिर दोस्तों के साथ किसी यात्रा का कोई किस्सा भी याद आता है, तो उसे जरूर लिखें। एक वक्त के बाद यह सारी यादें ही आपके जीवन में सकारात्मकता फैलाने का काम करेंगी।
हर सप्ताह पढ़ें अपने पूरे सप्ताह की लिखी हुईं बातें
इसी के साथ हर सप्ताह या फिर महीने में एक बार जरूर अपनी इस सेल्फ केयर डायरी को पढ़ें और यह समझने की कोशिश करें कि कैसे आपने अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को हर दिन शामिल किया है और साथ ही आप अपने बीते हुए दिनों से भी कुछ सीख ले सकती हैं। इसलिए अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि आप खुद के लिए सेल्फ केयर डायरी जरूर बनाएं।