फ़र्ज़ कीजिए, आप अपने पति के साथ अपने किसी क़रीबी की हाउस वार्मिंग पार्टी में गई हैं कि अचानक आपके पति के चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए हैं. ऐसा इसलिए हुआ हो क्योंकि उस पार्टी में उनकी एक्स गर्लफ्रेंड नज़र आ गई है और आपको बुरा न लगे इसलिए वह पूरी तरह से असहज स्थिति में आ गए हों. ठीक इसी तरह, आप कहीं पहाड़ों पर घूमने गई हों और वहां अचानक एक मैगी स्टॉल पर आपकी मुलाक़ात आपके पूर्व प्रेमी से हो जाए, अब ऐसे में आपके पति का असहज होना भी बहुत अजीब होगा. दरअसल, एक इंसान के भीतर अपनी पूर्व प्रेम कहानियों को लेकर, इस क़दर असहजता होती है कि वे अपने हमसफ़र के सामने उन्हें फ़ेस नहीं करना चाहते हैं. जबकि ज़िंदगी के ये रिश्ते भी आपके लिए बेहद ख़ास होते हैं और ज़िंदगी के अनुभव से जुड़े होते हैं, फिर उनसे नज़रें क्यों चुराना? या फिर ऐसा महसूस करना कि आपने कोई पाप किया था सरासर ग़लत है. फ़िल्म करीब करीब सिंगल में बहुत ही सहजता से इस रिलेशनशिप की ख़ूबसूरती को तनुजा चंद्रा ने दर्शाया है. फ़िल्म मेरी प्यारी बिंदु में भी निर्देशक ने एक अच्छा नज़रिया दिया है. तो आख़िर क्या करें, जिससे आपके एक्स के सामने आने के बाद भी आपकी शादीशुदा ज़िंदगी में कोई दरार न आए . आइए,आपको बताएं.
मुंह मोड़ना नहीं, एक स्माइल देना अच्छा
हम अपनी छोटी सी ज़िंदगी में बहुत अधिक प्रेशर लेकर चलते हैं. हमें कई लोगों से गिले शिकवे होते हैं. और इन सबके बीच हम यह भूल जाते हैं कि स्माइल एक ऐसी चीज़ है, जो बड़ी से बड़ी परेशानी का हल निकाल सकती है. ज़िंदगी में एक बार बस इसे अपना लेनेभर की ज़रूरत है. ख़ासतौर से जब आपका सामना आपके लाइफ़ पार्टनर के सामने, अपने एक्स से हो, आपको ऐसे में नज़रें चुराने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि अपने एक्स से बड़े ही आत्मविश्वास के साथ अपने लाइफ़ पार्टनर को मिलवाइए और उन्हें देख कर स्माइल कीजिए, इससे दोनों को ही संतुष्टि होगी कि आप अपनी ज़िंदगी में ख़ुश हैं.
तुलना की कोई जगह नहीं होनी चाहिए
कोई भी रिश्ता जितना जटिल होता है, परेशानियां उतनी बढ़ती जाती हैं. क्यों, कैसे, कहां, कब जैसे सवाल जवाब रिश्तों में न करना ही बेहतर होता है. अपने दिमाग़ में ही अगर आप पहले से कई बातें लेकर बैठे रहेंगे तो आप हर स्थिति में ख़ुद को असहज ही महसूस करेंगे. ज़ाहिर है, आप ख़ुद कॉम्प्लेक्स के शिकार हों और अगर आपकी पत्नी या आपके पति की एक्स आ जाए तो आप उन्हें देख कर और हो परेशान . इसलिए चीजों को बेवजह कॉम्प्लेक्स न बनाएं. मन में कॉम्प्लेक्स आने की एक बड़ी वजह यह हो सकती है कि आप जब अपने लाइफ़ पार्टनर के एक्स को देखते या देखती हैं तो आप उनके फ़िज़िकल अपीयरेंस से ख़ुद की तुलना करने लगते या लगती हैं कि आप उनसे दिखने में अच्छी या अच्छे हैं या नहीं. यह सरासर ग़लत है. हर इंसान अपने आप में अलग और ख़ूबसूरत होता है. किसी और से तुलना कर के ख़ुद को दुखी करना और उनकी तरह बनने की कोशिश करना ज़रूरी नहीं है. पिछली रात पार्टी में जबसे आपने अपनी पत्नी के फ़िट एक्स या पति की फ़िटनेस फ्रीक एक्स को देखा, तो जान लें कि अचानक जिम में समय बिताने से कुछ नहीं होगा. और ऊपरी तौर पर नज़र आने वाली चीज़ें बहुत अस्थाई हैं. ज़रूरत है कि अपनी कंपैनियनशिप को स्ट्रॉन्ग बनाया जाए. आप जैसे हैं बेस्ट हैं, यह बात आपको अपने लाइफ़ पार्टनर को भी हमेशा महसूस कराते रहना होगा.
लाइफ़ पार्टनर को दोस्त बनाएं
आपके लाइफ़ पार्टनर के साथ, कभी ग़लतफ़हमियों को जगह न मिले, इसके लिए ज़रूरी है कि सबसे पहले आप अपने लाइफ़ पार्टनर के सबसे अच्छे दोस्त बनिए. प्यार ज़िंदगी की बेहद ख़ूबसूरत चीज़ है, अगर आपकी पिछली ज़िंदगी में आपके प्रेम प्रसंग रहे हैं तो इसका मतलब नहीं कि आपने कुछ ग़लत किया है. फिर चाहे वह पत्नी हो या पति, आप दोनों को यह बात समझनी होगी कि आप एक दूसरे के बीच ग़लतफ़हमियां न पालें. ऐसा नहीं है कि आपने जो जगह इतने सालों में बनाई है, अचानक किसी एक्स की दस्तक उसको कमज़ोर बना देगी. इसलिए ज़रूरी है कि आप अपने लाइफ़ पार्टनर के साथ दोस्त बन जाएं और उनसे अपनी पिछली ज़िंदगी के बारे में सारी बातें शेयर करें, ताकि कोई अगर ग़लतफ़हमियां क्रिएट करने की कोशिश भी करे, तो ऐसा कर न पाए.
एक दूसरे पर ताने न कसें
यह ठीक है कि आप अपनेलाइफ़ पार्टनर के दोस्त बन गए हैं, लेकिन हर रिश्ते की एक गरिमा होती है. अचानक अगर आप दोनों में से किसी का भी सामना, उनके या उनकी एक्स से हो जाए, तो इस बात को लेकर हर बात पर उन्हें ताने कसना या पुरानी बातों को लेकर उनका मज़ाक बनाना शुरू न करें, इससे एक दूसरे के मन में तकलीफ़ बढ़ सकती है, क्योंकि आप इस बात से अनजान होते हैं कि कुछ बातें उनको चुभ सकती हैं. उनके कुछ पुराने ज़ख़्म ताज़ा हो सकते हैं. इसलिए जरूरी नहीं कि हर पुरानी बात को कुरेदा जाए.
एक मुलाक़ात में नहीं कुछ बुरा
अब मान लीजिए कि आप दोनों में से ही, किसी एक्स का उस शहर में आना हुआ और अचानक आपका आमना-सामना भी हो गया. ऐसे में आपके एक्स ने आपसे कहीं कॉफ़ी या चाय या लंच पर चलने को कह दिया. अब इस बात को लेकर अगर आप अपने लाइफ़ पार्टनर के साथ कलह शुरू कर दें कि वे यह मुलाक़ात क्यों कर रहे या कर रही हैं तो इससे बड़ी बेवकूफ़ी कुछ नहीं होगी. हर रिश्ते का अंजाम शादी नहीं होता है. हो सकता है कि आपके लाइफ़ पार्टनर का जो एक्स है या जो एक्स रही है, वह आपके पति या आपकी पत्नी की कभी अच्छी दोस्त भी रही हो. दोस्त इतने सालों पर एक दूसरे से रूबरू होने पर अगर थोड़ी बातचीत करना चाहते हैं तो इस बात पर हंगामा नहीं होना चाहिए, बल्कि आपको अपने लाइफ़ पार्टनर पर विश्वास करते हुए, उन्हें उनका वह पर्सनल स्पेस देना चाहिए. हो सकता है कि उनके एक्स या उनकी एक्स ने कोई तोहफ़ा दे दिया हो, अब ऐसी भी अजीब सी स्थिति अपने लाइफ़ पार्टनर के लिए न बनाएं कि वह उस तोहफ़े को घर पर न ला पाएं. दरअसल, ज़िंदगी ख़ूबसूरत है, इसे शक़, ताने और छींटाकशी में उलझाने का कोई फ़ायदा नहीं है.