अमूमन कई सेलिब्रिटीज अभिनेत्रियों ने अपनी बातचीत में कहा है कि मेरे लाइफ पार्टनर में मुझे मेरा बेस्ट फ्रेंड नजर आता है, अब चूँकि सेलेब्स की बातों का दर्शकों पर गहरा असर हो जाता है, कई महिलाएं इस बात को सही भी मान लेती है और फिर इसी आधार पर, कई बार वह तब तक अपने जीवनसाथी जो हाँ नहीं कह पाती हैं, जब तक कि उनमें उन्हें अपना दोस्त नजर न आ जाए, करण जौहर की फिल्म में आखिर राहुल ने भी तो कहा है, अगर वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती है, तो वह मैं उससे प्यार कर ही नहीं सकता, क्योंकि प्यार दोस्ती है, लेकिन हम आपसे कहना चाहेंगे कि रियलिटी में जिंदगी फ़िल्मी नहीं होती है, एक जीवनसाथी में एक दोस्त तलाशना गलत नहीं है, लेकिन इसे ही मापदंड मान लेना अपने रिश्ते की, यह बेईमानी है, हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसके बारे में यहाँ विस्तार से बता रहे हैं.
हर इंसान में एक गुण नहीं हो सकते
साइकोलॉजिकल एक्सपर्ट्स इस बारे में एकदम स्पष्ट राय रखते हैं कि जिस तरह हर मर्ज की दवा एक नहीं होती, वैसे ही हर एक इंसान में सारे गुण तलाशना भी पूरी तरह से बेईमानी है. हर इंसान में अच्छे और बुरे दोनों बातें होती हैं, ऐसे में जब आप किसी इंसान से मिलती हैं, तो हो सकता है कि वह आपका भले ही बेस्ट फ्रेंड या दोस्त बन कर नहीं, लेकिन सपोर्ट सिस्टम बन कर, आपका साथ दे. वह भले ही आपके दोस्त की तरह, आपकी हर बात, बिना कहे न समझ सके, लेकिन सपोर्ट की जहाँ जरूरत है, वहां वह खड़े हो जाये, तो इससे भी उस इंसान की अच्छाई को कम नहीं आँका जा सकता है.
दोस्ती के ब्रैकेट में सीमित लोगों को ही करें शामिल
अमूमन हम कह देते हैं कि अरे वह तो मेरा दोस्त है, यह तो मेरा दोस्त है, लेकिन हकीकत यह है कि दोस्ती अपने आप में एक ऐसा कमिटमेंट है, जो लाइफ पार्टनर की कमिटमेंट से भी बड़ा होता है और आपकी दोस्त या आपका दोस्त हमेशा बिना कहे, बातों को समझ लेता है, यही बात आप अरेंज मैरिज में या फिर लव मैरिज में भी अपने लाइफ पार्टनर में यही सब ढूंढेंगी तो यह गलत है, क्योंकि दोस्ती काफी स्पेशल और चुनिंदा लोगों से ही संभव हैं, इसलिए हद से ज्यादा उम्मीद रखना गलत है.
जिम्मेदारी भी होती है पार्टनर्स पर
कई बार हम महिलाएं, अपने लाइफ पार्टनर की जिम्मेदारियों से भी नजरें बचाने लगती हैं, जो कि सही नहीं है, ऐसा नहीं है कि आप जिम्मेदारियां नहीं उठाती हैं, लेकिन कई लड़के ऐसे भी होते हैं, जो एक साथ कई जिम्मेदारियां नहीं उठा पाते हैं और आप ऐसे में उनसे हद से ज्यादा उम्मीदें करेंगी, तो वह आपकी उम्मीदों पर शायद ही खरे उतर पाएं. ऐसे में आपको निराशा ही होगी और रिश्तों में खटास ही आएगी, इसलिए बेहतर है कि रियलिटी चेक करती रहें लाइफ में और हद से ज्यादा उम्मीद न पालें.
अपनी बेस्ट फ्रेंड से हर बात में तुलना
जैसे लड़कों की यह मानसिकता होती है कि वह हर लड़की में अपनी माँ की तलाश करता है और चाहता है कि उनकी बीवी, उनकी माँ की तरह ही ख्याल रखें, वैसे ही कई लड़कियां, अपने लाइफ पार्टनर की हर बात में अपने या अपनी बेस्ट फ्रेंड से तुलना कर देती हैं, ऐसे में कई बार आपके लाइफ पार्टनर को इनसिक्योरिटी भी हो सकती है और आपको भी यह जानना ही होगा, हर इंसान एक जैसा नहीं होता है, आप अगर किसी और से तुलना करती रहेंगी, तो अपने लाइफ पार्टनर की खूबियों पर आपकी नजर ही नहीं जा पाएगी और यह भी आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल सही नहीं, क्योंकि फिर आप कभी एक-दूसरों को जानने की कोशिश कर ही नहीं पाएंगी, बस तुलना में ही फंसी रह जाएंगी.
रोमांस और दोस्ती में कन्फ्यूज न हों
कई पार्टनर्स ऐसे होते हैं, जिनका स्वभाव कुछ ज्यादा ही रूमानी होता है और वह स्वाभाविक रूप से रोमांटिक होते हैं, लेकिन वह कई बार आपकी मन की बातों को कम समझ पाएं और दोस्तों जैसा बर्ताव न कर पाएं, यह भी हो सकता है कि दोस्तों के साथ, जिस लहजे में हम बात करते हैं, उस लहजे में आपके लाइफ पार्टनर बात न करते हों, इस बात का बुरा मानने की बजाय, आपको यहाँ भी समझना होगा कि हर किसी की फीलिंग एक जैसी नहीं सकती है, ऐसे में आप अपनी जिंदगी में जो बेस्ट फ्रेंड है, उससे दोस्ती वाला व्यवहार रखें और अपने लाइफ पार्टनर के साथ सिर्फ रूमानी अंदाज ही रखें, तो इसमें कोई बुराई नहीं है.