कई बार ऐसा होता है , जब सब के करीब रहने के बाद भी हम अकेला महसूस करती हैं। हम यह सोचने लगते हैं कि हमें समझने वाला और सुनने वाला कोई नहीं है। अपने होकर भी हमारे लिए कोई अपना नहीं है और पार्टी जैसे माहौल में भी आप खुद को अकेला पाते हैं और वक्त के साथ यह अकेलापन आपके लिए तनाव लेकर आता है। इसलिए बेहद जरूर है कि आप यह समझें कि अकेलापन आपके वर्तमान और भविष्य को अंधकार में डाल सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि आप अपने जीवन में अकेलेपन को कैसे पहचान कर इसे दूर कर सकती हैं।
परिवार और दोस्तों के बीच बात करने का मन न करना
कई बार ऐसा होता है, हम अपने अकेलेपन की पहचान नहीं कर पाती हैं। हम अपने आप को काम में इतना व्यस्त कर देती हैं कि हमारे पास यह सोचने का वक्त नहीं होता है कि हम जीवन में अकेले होते जा रहे हैं। परिवार और दोस्तों के बीच रहकर भी हमें किसी से बात करने का मन नहीं करता है। ऐसे में आपको खुद को खोजने की जरूरत है, अगर आप ऐसा नहीं करती हैं, तो आप अकेलेपन का शिकार हो सकती हैं, जो कि आपको तनाव में घेर सकता है। जरूरी है कि आप सेल्फ लव का नियम अपनाएं और आप खुद के अकेलेपन को दूर करने के लिए डायरी लिखना शुरू करें। आप खुद की मन की बातें खुद से लिखकर करें, इससे काफी हद तक आपका अकेलापन दूर होगा।
अकेले बंद कमरे में रहना
अगर आप घर में सबके रहने के बावजूद अकेले बंद कमरे में रहना पसंद करती हैं, तो यह भी एक बड़ी निशानी है, यह समझने की कि आप अकेलेपन का शिकार बन रही हैं। ऐसे में आप अपने किसी शौक पर काम कर सकती हैं। अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए आप चित्रकारी, पेंटिंग या फिर कुकिंग जैसे कई ऐसे काम कर सकती हैं, जो कि आपको मानसिक तनाव से दूर रखने में मदद करता है। आपके लिए यह भी समझना जरूरी है कि आप अकेले रहकर किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकाल सकती हैं, बल्कि अकेले रहने का चुनाव कर आप अपने आप को अंधकार के हवाले कर रही हैं, जिसका नतीजा आपके खिलाफ होगा।
लोगों से संपर्क खत्म कर देना
कई बार आप लोगों से बात करना बंद कर देती हैं। किसी का फोन आने पर आप फोन उठाना और दोस्तों और परिवार वालों से बात करना पसंद नहीं करती हैं। यह भी अकेलेपन को स्वीकार करने की एक निशानी है। आपको लोगों से संपर्क में रहना चाहिए। दोस्तों या फिर परिवार के किसी करीबी से बात करने पर आप खुद को निजी और प्रोफेशनल जिंदगी के मानसिक तनाव से दूर रख सकती हैं। याद रखें कि लोगों को अनदेखा करते हुए आप अकेलेपन के साथ अपने जीवन में नकारात्मकता से भी संपर्क बनाती हैं, जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए गलत फैसला है।
हमेशा नकारात्मक सोचना
जाहिर-सी बात है कि अकेलेपन में रहकर आप खुद के लिए हमेशा नकारात्मक ही सोचती हैं, जो कि आपके वर्तमान और भविष्य को खतरे में डालता है। नकारात्मकता की चप्पल पहनकर आप अपने वर्तमान और भविष्य को भी नकारात्मकता की सीढ़ी पर पहुंचाने लगते हैं। यहां तक कि आप अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन में कई जगहों पर असफलता को पाने लगते हैं, जो कि आपके निजी विकास में रुकावट बनती है। अकेलेपन के कारण आप हर चीज और हर इंसान में केवल नकारात्मकता देखती हैं, जिससे आप अपने उन रिश्तों को भी खो देते हैं, जो कि आपके जीवन को सकारात्मक रूप देते हैं।
आत्मविश्वास की कमी और तनाव
अकेलापन कभी भी आपको प्रकाश की तरफ नहीं लेकर जाता है। अकेलापन इस बात की निशानी है कि आप में आत्मविश्वास की कमी है और आप कहीं पर भी अपना सौ प्रतिशत दे नहीं पाती हैं। आप खुद को दूसरों के मुकाबले हारा हुआ और विफल महसूस करती हैं, जो कि आपके मानसिक तनाव के ग्राफ को बढ़ाता जाता है और आत्मविश्वास में कमी के कारण आप दूसरों से पीछे चले जाते हैं और अकेलेपन के और भी करीब होते जाते हैं।