एक जिंदगी और उसकी ख्वाहिश ! इसे पूरे करने का ख्वाब हर महिला देखती है, लेकिन बहुत कम ऐसी महिलाएं होती हैं, जो कि अपने सपने को उड़ान दे पाती हैं। अक्सर ऐसा कहाजाता है कि उम्र के तीसरे पड़ाव पर पहुंचने के बाद जिंदगी की धूप में पके हुए बाल हमारे हौसले को कम कर देते हैं। लेकिन मुंबई की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेट एकेडमी की सभी प्लेयर्सअपने जज्बे से इसे झूठलाती हुई नजर आती हैं। दरअसल, इस क्लब की फाउंडर मयूरा अमरकांत ने केवल 3 प्लेयर के साथ इस एकेडमी की स्थापना की थी। आज 300 प्लेयर्स कीमहिला टीम के साथ इनका ध्यान केवल खेल के जरिए खुद की जिंदगी को जीना है, यहां खेलने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। गौर करें तो जिंदगी के क्रिकेट में इन सभी महिलाओंने अपने हौसले की प्रेरणादायक कहानी लिखी हैं। यहां 71 साल की उम्र की दादी मां से लेकर 11 साल की छोटी खिलाड़ी, खेल के मैदान पर चौके और छक्के मारते हुए इस बात कीसीख दे रही हैं कि खेलने के लिए और जिंदगी को सही मायने में जीने के लिए उम्र केवल नंबर का काम करती है। तो चलिए मिलते हैं, सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेट क्लब की फाउंडर मयूराअमरकांत और उनकी टीम की चुनिंदा प्रेरणा स्त्रोत महिलाओं से, जो हमें जिंदादिली से जीने का जज्बा सिखाती हैं।