पूरे विश्व में ऐसी कई जगह, कई ईमारत और कई सांस्कृतिक धरोहर हैं, जो महिलाओं के सम्मान की गाथा दर्शाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कुछ ऐसी महान महिलाओं के बारे में।
अहिल्याबाई होल्कर
अहिल्याबाई होल्कर मराठा साम्राज्य की सुप्रसिद्ध महारानी थीं। उन्होंने माहेश्वर पर शासन किया था। उनकी खास बात यह रही कि उन्होंने महारानी होने के बावजूद भोग-विलास की चीजों में नहीं, बल्कि जन कल्याण के काम किये और कई धरोहर को संजोने वाली चीजें भी बनवायीं। उन्होंने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर प्रसिद्ध तीर्थ स्थान बनवाये, कुओं और बावड़ियों का निर्माण करवाया और साथ ही काशी विश्वनाथ में शिवलिंग को स्थापित किया। साथ ही साथ कई तालाब भी बनवाये। बता दें कि उन्होंने कई राज्यों में भलाई के लिए काम किये थे, इसलिए भारत सरकार और विभिन्न राज्यों की सरकारों ने उनकी प्रतिमाएं भी बनवायी हैं सम्मान के रूप में। साथ ही उनके नाम से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
नूरजहां
उत्तर प्रदेश के आगरे में स्थित है एतमादुद्दौला का मकबरा। दरअसल, नूरजहां ने अपने पिता की कब्र का निर्माण उनके निधन के लगभग सात साल बाद 1628 ई में पूरा किया। यह स्मारक चतुर्भुज के केंद्र में है, जो चार बाग डिजाइन में निर्धारित मैदानों से घिरा हुआ है। यह इमारत 149 फीट वर्ग और जमीन से 3 फीट 4 इंच ऊंचे बलुआ पत्थर के मंच पर बनी है।
रानी रश्मोनी
कोलकाता के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से है दक्षिणेश्वर काली मंदिर। आपको जान कर हैरानी होगी कि इस मंदिर की स्थापना भी एक महिला ने ही की थी। रानी रशमोनी ने इस मंदिर की स्थापना उस वक़्त की थी, जब वह वाराणसी की अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रही थीं।
रानी उदयमती
रानी की वाव को गुजरात में बावड़ी वास्तुकला का सबसे बेहतरीन उदाहरण माना जाता है और इसका निर्माण रानी उदयमती ने ही किया था। खास बात यह है कि इसे वर्ष 2014 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। रानी की वाव का निर्माण चौलुक्य वंश के शासनकाल के दौरान किया गया था। यह सरस्वती नदी के तट पर स्थित है।
भैरवी देवी
कर्नाटक में गोकर्ण से लगभग 22 किलोमीटर दूर पर स्थित है मिर्जान किला। माना जाता है कि यह किला 16वीं सदी के सांस्कृतिक गौरव और एक विशिष्ट अतीत का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि किला गेरोप्पा की रानी, जिन्हें 'काली मिर्च की रानी' के नाम से भी जाना जाता है, चेन्नई की भैरवी देवी द्वारा बनवाया गया था। खास बात यह है कि अग्निनिशी नदी किले को घेरती है, इसमें चार प्रमुख प्रवेश द्वार, खाई, छिपे हुए रास्ते और एक नहर है।
बीबी राजी
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित है लाल दरवाजा मस्जिद। इस जगह को लाल दरवाजा मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि यह जौनपुर की सबसे छोटी मस्जिद है और लगभग 1450 ई में इसका निर्माण हुआ था। इसे महमूद शाह शर्की की रानी बीबी राजी द्वारा डिजाइन किए गए एक शाही परिसर के हिस्से के रूप में बनाया गया था। इसे रानी के मंदिर के रूप में बनाया गया था।