भारतीय संस्कृति की यह खूबी रही है कि यहां पहनावे से लेकर हर रूप में विविधता नजर आती रही है, ऐसे में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि फैशन की दुनिया में किस शहर ने फैशनेबल दुनिया में क्या योगदान दिया है, जो एक शहर से निकल कर पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुए।
बनारस की बनारसी साड़ियां
विश्व भर में अगर जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुईं तो वे हैं बनारसी साड़ियां। बनारसी साड़ी मुगल काल के दौरान अस्तित्व में आई जब मुस्लिम कारीगरों और शिल्पकारों ने बनारस को अपनी संस्कृति के साथ अच्छी तरह से मिश्रित जगह के रूप में चुना और वहां रेशम बनारसी साड़ियों की बुनाई शुरू कर दी, पूरे विश्व में बनारस की साड़ियां शादियों के समय में दुल्हन की पसंदीदा साड़ियां बन जाती हैं। बनारसी साड़ियां अपने हथकरघा, सोने या चांदी से बने जरी के काम और शुद्ध प्राकृतिक रेशम के कारण प्रसिद्ध हैं, भारत का ऐसा कोई राज्य नहीं होगा, जहां दुल्हन की पहली पसंद बनारसी साड़ी न हो। इसलिए इसे भी हर क्षेत्र की पसंदीदा ट्रेंड में से एक माना जाएगा।
पंजाब की मोजरी जूतियां, पटियाला ड्रेस
पंजाब की मोजरी जूतियां बेहद लोकप्रिय हैं, पंजाब में पटियाला ड्रेस के साथ मोजरी की स्टाइलिंग हमेशा पसंद की गई हैं, पटियाला ड्रेस हमेशा से सदाबहार ही रहा है। पटियाला भी ट्रेडिशनल लुक की बात करें, तो हमेशा ही लोकप्रिय रहे हैं। पटियाला की बात की जाए, तो मुख्य रूप से सलवार के लुक को पटियाला लुक्स दिए गए हैं और उन्हें बेहद खूबसूरती से लोकप्रिय बना लिया गया है, इसके अलावा मोजरी जूतियां भी पंजाब की ही देन है, जो अब सेलिब्रिटीज में भी काफी लोकप्रिय है।
लखनऊ चिकनकारी
लखनऊ की चिकनकारी पूरे भारत में लोकप्रिय है, हर सेलिब्रिटीज के पास ऐसी चिकनकारी ड्रेसेज हैं ही। हर रंग के लखनऊ चिकनकारी का भी अपना इतिहास रहा है, चिकनकारी दरअसल, महीन कपड़े पर सुई-धागे से विभिन्न टांकों द्वारा की गई हाथ की कारीगरी की कला है। विशेषकर यह नवाबों के शहर लखनऊ की कला कहलाती है। एकदम अलग पहचान होने के कारण ही, इसे विदेशों में भी बेहद पसंद किया जाता है। चिकन शब्द फारसी भाषा के चाकिन से बना है। चाकिन का अर्थ है- कशीदाकारी, जिस प्रकार मुगल काल ने भारत की कला, संगीत और संस्कृति को समृद्ध किया और देश को ताजमहल और लाल किले जैसी अनेक इमारतें दीं, उसी प्रकार चिकनकारी भी मुगलों की ही तहजीब की विरासत मानी जाती है। फुलकारी दुपट्टे भी पंजाब से ही लोकप्रिय हुए हैं।
बंगाल की जामदानी साड़ी
मिथिला पेंटिंग के जैकेट्स, भागलपुरी प्रिंट की साड़ी, सलवार सूट, जामदानी साड़ी और भी ऐसे कई परिधान हैं, जिनकी पारंपरिक खूबसूरती फैशन की दुनिया में सदा छाई रहती है, इंटरनैशनल मार्केट से बहुत अधिक इंस्पायर होने के बावजूद भारत के कई ऐसे फैशन डिजाइनर हैं, जो फैशन की दुनिया में अपनी लोक संस्कृति, उसकी परंपराओं को दर्शा रहे हैं और उन्हें खूब पसंद भी किया जा रहा है, यह साड़ियां पश्चिम बंगाल से आई हैं।
कश्मीर की पश्मीना शॉल
पश्मीना शॉल लद्दाख की पसंदीदा स्टाइल की शॉल है, जो काफी पसंद किये जाते रहे हैं। कश्मीर की गलियों से निकल कर ये शॉल अब लोगों तक पहुंच चुके हैं। पश्मीना शॉल हमेशा ही ट्रेंड में रहते हैं, यह पूरी तरह से कश्मीर से शुरू होकर पूरे भारत में पसंद किया जा रहा है। यह ट्रेंड सेटर है।
भागलपुरी सिल्क और मधुबनी पेंटिंग प्रिंट्स
बिहार के भागलपुर की जो खूबसूरत सिल्क है, वह भी पूरे भारत में पसंद किये हैं और हमेशा ही पसंद किये जाते रहेंगे। मधुबनी प्रिंट्स के भी जैकेट्स और साड़ियां खूब पसंद किये जाते हैं। पूरे भारत में इसे खूब पहना भी जाता है। इसके अलावा, बिहार के लाह मोतिहारी में बनती हैं और ये चूड़ियां भी काफी पहनना पसंद करती हैं।
जयपुरी फैशन
राजस्थान की चूड़ियां, कपड़े और ज्वेलरी भी हमेशा ही लोकप्रिय रही हैं, यहां से कई लोग पूरे भारत में खरीदारी करके ले जाते हैं।