पिछले कुछ सालों में इको-सिस्टम और एनिमल क्रुएल्टी के खिलाफ उठती आवाजों की वजह से ऐसी कई चीजें अस्तित्व में आ रही हैं, जो टिकाऊ होने के साथ-साथ रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करने योग्य भी हैं। इन्हीं में एक नाम शामिल है वीगन लेदर का। आइए जानते हैं वीगन लेदर से जुड़ी खास बातें।
वीगन लेदर के अलग-अलग प्रकार

बीते कुछ वर्षों में वीगन लेदर काफी पॉप्युलर हो चुका है और इसका श्रेय जाता है उन्हें जिन्होंने हमारे इको-सिस्टम के साथ एनिमल क्रुएल्टी के खिलाफ भी आवाज उठाई है। यह उन्हीं का नतीजा है कि गैनी, स्टेला मेकार्टनी, बालेंसीगा और गुच्ची जैसे नामी विदेशी लेबल भी वीगन लेदर से बने कई ऑप्शंस के साथ इसे प्रमोट कर रहे हैं। हालांकि लेदर की तरह ही वीगन लेदर भी लक्जरी आइटम की श्रेणी में आते हैं, जिनकी उचित देखभाल बेहद जरूरी है। इसके अलावा ये भी जानना जरूरी है कि अलग-अलग प्रकार के मिलनेवाले वीगन लेदर के देखभाल का तरीका भी अलग-अलग होता है, लेकिन उससे पहले ये जानना जरूरी है कि वीगन लेदर है क्या? दरअसल वीगन लेदर का निर्माण बहुत सारी चीजों का उपयोग करते हुए की जाती है, जिनमें पीयू (पॉलीयूरीथेन), पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड), अनानास के पत्ते, कॉर्क और सेब के छिलकों के साथ अन्य फलों के कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि एनिमल लेदर की तुलना में इसे बनाने का तरीका बहुत अलग होता है। साथ ही इसे उन्हीं की तरह चमक और रंग देने के लिए इन पर कोटिंग की जाती है।
वीगन लेदर की खासियत

वीगन लेदर बनाने के लिए पौधों और फलों के साथ फंगी और बैक्टीरिया का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिससे उन्हें एनिमल लेदर की तरह बनावट और फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है। हालांकि एनिमल लेदर की तुलना में इनमें कम एनर्जी और कम रिसोर्सेस लगता है और वे टिकाऊ भी बनते हैं। फिलहाल फंगी और बैक्टीरिया से बननेवाले लेदर की ये शुरुआत है, लेकिन माइसेलियम मशरूम रूट लेदर, रीशी, सेलियम और बैक्टीरिया बेस्ड लेदर, वीगन लेदर इंडस्ट्री में क्रांति ला सकते हैं। इसके साथ ही पॉलीयूरीथेन लेदर, जिसे आप पीयू लेदर के नाम से जानती हैं, वीगन लेदर का सबसे कॉमन स्वरूप है। इसे कपड़े की तरह फ्लेक्सिबल पॉलीमर की कोटिंग करके एनिमल लेदर की तरह दिखने जैसा बनाया जाता है। आम तौर पर पीयू लेदर का इस्तेमाल कपड़े, हैंडबैग और फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। ढ़ेर सारे रंगों के साथ फिनिश में मिलनेवाला यह पीयू लेदर काफी हल्का और टिकाऊ होता है। इसके अलावा पॉलीविनाइल क्लोराइड, जिसे आप पीवीसी लेदर के नाम से जानती हैं, वीगन लेदर का एक और सिंथेटिक ऑप्शन है, जो दिखने में हूबहू एनिमल लेदर जैसा दिखता है। वीगन लेदर पर पीवीसी की एक परत चढ़ाकर इसे मजबूत और टिकाऊ बनाया जाता है, जो वाटर रेसिस्टेंट होने के साथ फायर रेसिस्टेंट भी होता है। वैसे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पीवीसी निर्माण में क्लोरीन का उपयोग किया जाता है, जो हमारे इको-सिस्टम के लिए अच्छा नहीं है।
वीगन लेदर की नियमित देखभाल

वीगन लेदर से बनी चीजों को थोड़ी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में समय-समय पर उनकी जांच करती रहें और दाग-धब्बों के साथ यदि आपको छोटी-मोटी समस्याएं नजर आएं, तो उन्हें अनदेखा करने की बजाय जल्द से जल्द उनकी मरम्मत करवा लें। इससे आपकी चीजें लंबे समय तक ज्यों की त्यों बनी रहेंगी। वीगन लेदर से बने फुटवियर, बैग और अन्य चीजों को साफ करने के लिए कॉटन के मुलायम कपड़े को पानी या हल्के साबुन के घोल से भिगोकर उन्हें हल्के हाथों से पोंछ लें। कठिन दागों के लिए आप चाहें तो वीगन लेदर के लिए बने स्पेशल क्लीनर का इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर अपने लोकल ड्राई क्लीनर से भी कॉन्टैक्ट कर सकती हैं। लेकिन हां, इन पर गलती से भी हार्ड केमिकल से बने क्लीनर का उपयोग न करें। याद रखिए, कॉर्क फैब्रिक से बने बैग और फुटवियर को साफ करने के लिए आप साबुन-पानी के घोल का इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन अनानास या कैक्टस जैसे दूसरे लेदर के लिए आप लेदर क्लीनर का ही इस्तेमाल करें।
सफाई के साथ कंडीशनिंग भी है जरूरी

गौरतलब है कि ट्रेडिशनल लेदर की तरह वीगन लेदर को भी कंडीशनिंग की जरूरत पड़ती है। विशेष रूप से सिंथेटिक लेदर को सॉफ्ट बनाने और उन्हें टूटने से बचाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए कंडीशनर की जरूरत पड़ती है। इसके लिए कंडीशनर को किसी मुलायम कपड़े में लेकर धीरे-धीरे कपड़े को गोलाकार गति में रगड़ें। वैसे कुछ प्रोडक्ट के लेबल या उनकी वेबसाइट्स पर उसे साफ करने की चीजों का ब्यौरा भी दिया गया रहता है। ऐसे में नारियल तेल या किसी अन्य तेल से उन्हें क्लीन करने या उनकी चमक बढ़ाने की गलती न करें। इसके अलावा पीवीसी और पीयू लेदर की तुलना में कुछ लेदर ऐसे भी होते हैं, जो गहरी कंडीशनिंग की मांग करते हैं। कंडीशनिंग के अलावा हैंडबैग और जैकेट के उचित रखरखाव के लिए पैडेड हैंगर का इस्तेमाल करें, इससे उनका आकार ठीक रहेगा। इसके अलावा वीगन लेदर से बनी चीजों को लंबे समय तक मोड़कर या दबाकर न रखें। साथ ही उन्हें स्टोर करते समय उन्हें ऐसी जगह रखें, जो सूखी और सनलाइट से दूर हो। हालांकि इतनी एहतियात बरतने के बावजूद अगर चीजें गीली हो जाएं, तो उसे हेयर ड्रायर या हीटर से सूखाने की बजाय नेचुरल हवा में सुखाएं।
भारत के प्रमुख वीगन लेदर निर्माता

भारत के प्रमुख वीगन लेदर निर्माताओं में ईओरी, विनर निप्पॉन लेदरेट, मलाई बायोमटेरियल्स डिजाइन, ऑलिव (एनवाईपी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड), वोर्टेक्स फ्लेक्स, ज़ैबुन्को इंडस्ट्रीज, रिस्पॉन्सिव, गिरिराज कोटेड फैब, बायोलेदर (द बायो कंपनी) और बनोफी (आत्मा लेदर प्राइवेट लिमिटेड) शामिल है। इनमें वर्ष 2020 में भारत में अस्तित्व में आई ईओरी, फुटवियर, ऑटोमोटिव, फैशन और स्पोर्ट्स आइटम बनाते हैं, वहीं वर्ष 2006 में बनी विनर निप्पॉन लेदरेट, पीयू, सेमी-पीयू, पीवीसी और सिंथेटिक लेदर में नापा, नुबक और माइक्रोफाइबर के अंतर्गत फुटवियर, ऑटोमोटिव, फैशन एक्सेसरीज, अपहोल्स्ट्री और स्पोर्ट्स आइटम बनाती है। वर्ष 2017 में भारत में स्थापित, मलाई इको नारियल के कचरे पर उगाए गए बैक्टीरियल सेलुलोज से फैशन एक्सेसरीज़ और टिकाऊ सामग्री बनाती है। इसके साथ ही वर्ष 2017 में ही भारत में स्थापित, ऑलिव, अनानास के पत्ते के रेशों (पिनाटेक्स), कॉर्क और नारियल से प्राप्त सामग्रियों से हैंडबैग, पर्स और ट्रेवलिंग आइटम्स बनाते हैं।
भारत के सबसे पुराने वीगन लेदर निर्माता

वर्ष 2017 में ही भारत में स्थापित, वोर्टेक्स फ्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड पीवीसी-आधारित सिंथेटिक लेदर से कार सीट कवर के लिए ऑटोमैजेस्टिव पीवीसी लेदर, घर और कार्यालय के सामान के लिए अर्बन पीवीसी लेदर और फुटवियर उद्योग के लिए स्टाइलवॉक पीवीसी लेदर बनाती है। वर्ष 2010 में भारत में स्थापित, जैबुन्को इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, पीयू कोटिंग टेक्नीक का उपयोग करके पीयू-लेपित, पीवीसी और माइक्रोफाइबर लेदर से ऑटोमोटिव, फर्नीचर, फुटवियर और फैशन आइटम्स बनाती है। वर्ष 2009 में भारत में स्थापित, गिरिराज कोटेड फैब प्राइवेट लिमिटेड PVC/PU सिंथेटिक वेरिएंट के साथ आर्टिफिशियल लेदर से ऑटोमोटिव, फुटवियर, फर्निशिंग और इंडियन रेलवे की सीटें बनाती हैं। वर्ष 2019 में भारत में स्थापित, बायोलेदर टमाटर के कचरे से तैयार लेदर से जूते और बैग बनाती है। वर्ष 2022 में भारत में 2022 में स्थापित बनोफी, केले की फसल के कचरे से फैशन आइटम्स और कपड़े बनाती है। और अंत में भारत के सबसे पुराने वीगन लेदर निर्माता रिस्पॉन्सिव इंडस्ट्रीज लिमिटेड की बात करें, तो इसकी स्थापना भारत में 1982 में हुई थी। यहां पीवीसी लेदर से ऑटोमोटिव, ट्रांसपोर्टेशन, फुटवियर और मल्टीपर्पज चीजें बनाई जाती हैं।