अब हर छोटे शहर में फैशनबल होना आम बात हो गई है, बड़े शहरों के फैशन के तर्ज पर ही छोटे शहर कहीं से कम नहीं। ऐसे में आइए जानते हैं विस्तार से छोटे शहरों में सोशल मीडिया ने किस तरह से फैशन इंडस्ट्री से कनेक्शन एकदम से व्यक्तिगत बना दिया है।
सोशल मीडिया एक्सपोजर

एक दौर था, जब छोटे शहर की लड़कियों के लिए एलिट मैगजीन में मॉडल्स की स्टाइलिश ड्रेस देखना भर ही फैशन को महसूस कर लेना था, उनके स्टाइलिश कपड़े देख कर छोटे शहर में बैठी लड़कियां यही सोचती थी कि काश! हम भी ऐसे सज पातीं। लेकिन लॉक डाउन होने के बाद कई लड़कियों को खुद के एक कमरे से ही फैशनेबल और स्टाइलिश कपड़ों के साथ एक्सपेरिमेंट करने का मौका मिला। ऐसी लड़कियां जो थोड़ी बहुत भी सिलाई या कढ़ाई जानती थीं, उन्होंने बाजार से बेहद सस्ते फैब्रिक लेकर उन्हें नया स्टाइलिश रूप देना शुरू किया। ऐसे में सोशल मीडिया ने एक नया आकाश दे दिया है। चूंकि यह एक ट्रेंड शुरू हुआ, जहां छोटे शहर की लड़कियां फैशनेबल और स्टाइलिश कपड़े बना कर उन्हें लोगों के सामने एक्सप्लोर भी करने लगीं।
पुराने कपड़ों का फिर से इस्तेमाल
पिछले कुछ दौर में ऐसे कई बड़े और प्रतिष्ठित डिजाइनर्स रहें, जिन्होंने पुराने कपड़ों में नया फैशन और स्टाइल तलाशने की कोशिश की। सो, जब सोशल मीडिया के माध्यम से इन डिजाइनर्स की बात छोटे शहर की लड़कियों तक पहुंची, उनके लिए यह बात उनके खुद के हुनर को एक आकार देने के लिए वरदान साबित हुई। उनके मनोबल को बढ़ावा मिला और उन्होंने अपने घर के पुराने कपड़ों को नया रूप देना शुरू किया और उन्हें खूबसूरत तरीके से लोगों तक पहुंचाना शुरू किया और फिर जिस तरह से लोगों ने उन्हें ढेर सारी तारीफें देनी शुरू की, उनकी दिलचस्पी इसमें और बढ़ी और सस्टेनेबल फैशन के इस दौर में सोशल मीडिया ने घर-घर में डिजाइनर बना दिया। अब तो लोगों ने उन्हें कॉपी करना शुरू कर दिया है। कई ऐसी महिला डिजाइनर बनीं, जिन्होंने एक कमरे में बैठ कर कुछ नया क्रिएट कर दिया, लोगों को पसंद आया और अचानक लोगों ने उन्हें वैसी चीज बनाने को कहा, तो एक तरह से उन्होंने नयी दुनिया क्रिएट कर लिया।
सोशल मीडिया बना बिजनेस का जरिया

एक बड़ा बदलाव तब भी आया, जब छोटे शहर की हुनरमंद लड़कियों ने हूबहू वैसे कपड़ों की खरीद और बिक्री शुरू कर दी, जो कि बड़े स्टार्स पहनते थे, खुद को उन्हीं कपड़ों और ज्वेलरीज के साथ स्टाइलिश रूप में दिखने को लेकर एक सोच बदली और एक नया प्लैटफॉर्म बन गया। लॉक डाउन में जब लोगों ने बिल्कुल घर से निकलना बंद कर दिया, सोशल मीडिया पर अपने द्वारा बनाई गई चीजों के प्रोमोशन ने नए कस्टमर यानी ग्राहक बना लिया। अब पूरे भारत में किसी भी शहर से जूतियां, कपड़े, बैग्स या ज्वेलरी की बिक्री सोशल मीडिया के माध्यम से जम कर हो रही हैं। लोगों ने शुरू में भरोसा कम किया, लेकिन अब जम कर एक दूसरे पर भरोसा कर रहे हैं। अब यहां कई ऐसे होम ग्रोन ब्रांड्स हैं, जिन्होंने अच्छी पहचान बना ली है।
छोटी शुरुआत से बड़ा नाम

PICTURE COURTSEY :@CANNEFILMFESTIVAL
दिल्ली के एक सामान्य से छोटे से कमरे में शाह रुख खान की डीडीएलजे यानी दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के पोस्टर के सामने एक मशीन लेकर सामान्य से फैब्रिक को नया रूप देने वाली लड़की नैंसी त्यागी ने भी शाह रुख खान की तरह ही अपना मन्नत तैयार कर लिया। नैंसी कई बड़े ब्रांड का अब फेस बन चुकी हैं, साथ ही उन्होंने कान फिल्मोत्सव में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की। कोमल पांडे को कौन नहीं जानता है, कोमल पांडे एक फैशन वेबसाइट में कॉन्टेंट क्रियेटर के रूप में जानी जाती थीं, अचानक सरोजनी नगर की शॉपिंग करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद को फैशन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के रूप में स्थापित कर लिया। नैंसी अब बहुत ही बड़े वहीं, अब छोटे शहरों से कई ऐसी लड़कियां हैं, जो लगातार फैशन आइकॉन बन रही हैं, वह भी बस एक कमरे के अंदर। सोशल मीडिया ने धीरे-धीरे ही सही छोटे शहरों की लड़कियों के लिए बड़े शहरों का फैशन एक सपने की तरह रहने नहीं दिया है। अब वह एक सिलाई मशीन के माध्यम से ही अपनी गली की मनीष मल्होत्रा और साब्यसाची बनी हुई हैं, कई छोटे शहर की लड़कियों ने अपने ब्लॉग शुरू किया है। दरअसल, सोशल मीडिया के दौर से पहले आइकन बनना एक असंभव सी बात थी। आप तब तक ब्रांड बनने के बारे में नहीं सोच सकती थीं, जब तक कि आपके काम को बड़े पैमाने पर प्रसिद्धि न मिल जाये। लेकिन सोशल मीडिया ने इस सोच और खेल दोनों को पूरी तरह से बदल दिया।
सोशल मीडिया और स्ट्रीटवेयर
सोशल मीडिया से पहले के दौर को देखें, तो आपके शहर की किसी छोटी-सी गली में एक अच्छी दुकान है, जहां फैशन से जुड़ीं चीजें मिल जाती हैं, इसके बारे में जानकारी नहीं होती थी। लेकिन अब सोशल मीडिया पर रील्स बनाने से लेकर अच्छे-अच्छे शॉप्स की जानकारी भी देने लगे हैं और छोटे शहरों में इस ट्रेंड को बहुत अधिक बढ़ावा मिला है। सच्चाई यही है कि अब वे किसी के द्वारा खुद को खोजे जाने का इंतजार नहीं कर रहे, बल्कि खुद बाजार क्रिएट कर रहे हैं। साथ ही स्ट्रीट मार्केट से रील्स बना कर सीधे तौर पर ग्राहकों को फैशन परोस रहे हैं।
फैशन हैक्स

फैशन की दुनिया में भारत के अगर सबसे छोटे शहरों का सबसे बड़ा नाम हो रहा है, तो वह है फैशन हैक्स के मामले में। लोग ऐसे-ऐसे जुगाड़ करके आते हैं और टफ चीजों को आसान बना कर दिखा देते हैं, जैसे सिंपल-सी सेफ्टी पिन क्या-क्या कमाल कर सकती है, यह वे अपने तरीके से बताती हैं। स्टाइलिश दिखने के लिए अब पैसों की या महंगे कपड़ों की नहीं, बल्कि घर में रखी चीजों को एक से ज्यादा कैसे स्टाइल कर सकते हैं, यह सारे हैक्स सोशल मीडिया के माध्यम से पूरी दुनिया में पहुंच रहे हैं। कई गांव के लोग तो प्राकृतिक हैक्स भी बता कर अपनी प्रसिद्धि हासिल कर रहे हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर छोटी-छोटी तरकीबें और टिप्स की भरमार है कि कैसे कम पैसे खर्ज करके भी शानदार तरीके से फैशनेबल बने रहें।
विविधता
गौर करें, तो सोशल मीडिया ने उद्योग में विविधता आयी है, पहले लोग पारंपरिक फैशन मीडिया के रूपों में खुद को कमतर आंकते थे, लेकिन अब अपने तरीके से उन्हें संभालने का मौका मिला। अब लोगों को फॉलो करना एक आसान बात हो गई है।
सोशल मीडिया, फैशन और आय का जरिया

अब सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे लोग हैं, जो छोटे शहर में रह कर भी पैसे कमा रही हैं। मान लीजिए, आपने कुछ बनाया, उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया और आपकी उस क्रिएटिविटी पर किसी बड़े-बड़ी सेलिब्रेटी की नजर गयी और उन्होंने आपको एक बड़ा कांट्रैक्ट दे दिया, तो आपके लिए कमाने का इससे अच्छा मौका और कुछ नहीं होगा।