बच्चे को स्वस्थ और सेहतमंद बनाए रखने के लिए मां का दूध अमृत होता है। यह बात आयुर्वेद से लेकर डॉक्टर तक सभी मानते हैं। स्तनपान बच्चे और मां के बीच न सिर्फ एक मजबूत संबंध बनता है, बल्कि बच्चे को कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में भी बहुत कारगर है। यही वजह है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने खान-पान और स्वास्थ्य का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए, जिससे बच्चे को वह सभी जरूरी पोषक तत्व मिल सके, जो बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं। महिलाओं को स्तनपान के समय कुछ विटामिन, कैलोरी और खनिज पदार्थ की जरूरत थोड़ी ज्यादा होती है। आइए जानते हैं उनके खानपान के बारे में।
कैल्शियम
बढ़ते हुए नवजात की हडि्डयों के विकास के लिए कैल्शियम प्रमुख पोषक पदार्थ है। कैल्शियम के आदर्श स्रोतों में दूध व इससे बनने वाले पदार्थ जैसे दही, चीज, पनीर और हरी पत्तेदार सब्जियां हैं। खासकर हरी पत्तेदार सब्जियां हर किसी के लिए वरदान हैं, स्तनपान करवाते हुए भी यह कई पोषक तटों को हमारे शरीर में जोड़ता है, क्योंकि ये फाइबर, कैल्शियम, विटामिन और एंटी-ऑक्सिडेंट का अच्छा सोर्स होती हैं। इन सब्जियों को खाने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। गौरतलब है कि हरी पत्तेदार सब्जियों में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे वजन बढ़ने की चिंता नहीं रहती हैं। स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने आहार में रोजाना इसे शामिल करना चाहिए।
डीएचए
बच्चे के विजुअल और मानसिक स्वास्थ्य के लिए डीएचए की जरूरत होती है। मां के दूध में मौजूद डीएचए सीधे तौर पर मां की खुराक से जुड़ा होता है और इसके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प अपने खुराक में मछली को शामिल करना होगा। अगर आप कोई हेल्थ ड्रिंक ले रही हैं, तो यह सुनिश्चित कर लें कि उसमें डीएचए जरूर हो।
आयरन
आयरन शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। ऐसे में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, काले तिल, किशमिश, गुड़, पोहा और अनार आदि का अधिक सेवन करें। जी हां, आयरन की कमी बच्चे और मां दोनों के शरीर के लिए हानि पहुंचाता है, इसलिए आयरन जिन भी चीजों में या आहार में मिले, उन्हें लेना आपको छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि ऐसे विकल्पों की तलाश करनी चाहिए कि आयरन आपको पर्याप्त मायने में मिलती रहे। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से भी पूरी तरह से सलाह ले लें कि वह आयरन की पूर्ति के लिए किन चीजों को खाने की सलाह देते हैं और फिर आप उन्हें खाना शुरू करें। कोशिश करें कि नेचुरल चीजों को डायट में शामिल करें।
विटामिन डी
विटामिन डी हड्डियों की मजबूती देता है। विटामिन डी के लिए अंडे की जर्दी के साथ टूना, सैलमन और मैकरेल मछलियों का सेवन करें। सूर्य का प्रकाश भी आपकी विटामिन डी की जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगा। आप खुद को अपने बच्चे को थोड़े समय के लिए धूप में लेकर बैठे।
प्रोटीन
बच्चों की खुराक में प्रोटीन होना जरूरी है, क्योंकि ये बच्चे की कोशिकाओं(सेल्स) व मांसपेशियों के विकास और उसके वजन को बढ़ाने के लिए कारगर है। ऐसे में अपने आहार में भरपूर मात्रा में प्रोटीन शामिल करना महत्वपूर्ण है, जिसमे मांस, मछली, अंडे, चिकन, पनीर और दही के साथ बीज, फलियां और दाल भी खा सकती हैं। इसके अलावा, महिलाएं टोफू और डार्क चॉकलेट (बहुत अधिक मात्रा में नहीं)भी खा सकती हैं। टोफू में भी प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। प्रोटीन एक ऐसी चीज है, जो सेहत के लिए और पूरे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है, एवोकाडो जैसी चीजों को भी अपने डायट में शामिल करना आपके लिए जरूरी है। तो इन चीजों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें।
आयोडीन
आयोडीन आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सी फूड्स, डेयरी खाद्य पदार्थ, आयोडीन युक्त आटा और आयोडीन युक्त नमक आपके आयोडीन सेवन को बढ़ाने में मदद करेंगे। आयोडीन के बारे में आपको यह जानकारी जरूरी है कि यह बच्चे के थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आवश्यक है और जो पूर्ण रूप से बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, इसलिए बेहद जरूरी है कि एक महिला की आयोडीन की आवश्यकता पूरी हो सके, ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, तभी आप अपने बच्चे को सही से पोषण दिला सकेंगी और बच्चे के विकास में किसी भी तरह की बाधा नहीं आएगी।
विटामिन-सी
विटामिन-सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, शरीर के सभी ऊतकों की वृद्धि (बॉडी टिश्यू), विकास और मरम्मत के लिए आवश्यक है। यह शरीर के कई कार्यों में शामिल है, जिसमें कोलेजन का निर्माण, आयरन की कमी, इम्यून सिस्टम के सही तरीके से फंक्शन करने में, घाव भरना और हड्डियों और दांतों का रख-रखाव शामिल हैं, इसलिए अपने खानपान में इसे भी जोड़ें। खट्टे फल, आंवला, अमरूद और पपीता विटामिन-सी के अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन-ए
विटामिन-ए आंखों, प्रतिरक्षा प्रणाली( डिफेंस सिस्टम), प्रजनन और वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन-ए हृदय, फेफड़ों और अन्य अंगों को ठीक से काम करने में भी मदद करता है। इसलिए स्तनपान करनेवाली महिलाएं इस विटामिन को भी अपने खान-पान में जोड़ें। इसके लिए गाजर, अंडे, शकरकंदी, हरी पत्तेदार सब्जियां, कद्दू, लाल शिमला मिर्च, मटर, टमाटर और आम अच्छे विकल्प हैं।
विटामिन-बी
विटामिन बी यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि शरीर की कोशिकाएं(सेल्स) ठीक से काम कर रही हैं। वे शरीर को भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने और नई ब्लड सेल्स का निर्माण करने और हेल्दी स्किन सेल, ब्रेन सेल और शरीर के दूसरे टिश्यू को बनाए रखने में मदद करते हैं। सेब, केला और एवोकाडो जैसे फल विटामिन-बी के समृद्ध स्रोत हैं। आप अपने आहार में चिया बीज, अलसी के बीज, कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज जैसे बीज शामिल कर सकती हैं।
फॉलिक एसिड
स्तनपान कराते समय, 0.5 मिलीग्राम फोलिक एसिड लेने की सलाह दी जाती है। शिशुओं को मां के दूध से फोलिक एसिड मिलता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि स्तनपान के दौरान आपके दूध में पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड हो। मूंग, मसूर, चना और राजमा में फोलिक एसिड मौजूद रहता है। इसके अलावा, केला और एवोकाडो को भी आप अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल-जवाब
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को दिन में कितनी कैलोरी की जरूरत होती है ?
स्तनपान के लिए अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है। छह महीने के बच्चे तक तो आपको इसका विशेष ख्याल रखना होगा, क्योंकि बच्चा इस दौरान पूरी तरह से मान के दूध पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में आपको आपको प्रति दिन अतिरिक्त 500-600 कैलोरी खाने की आवश्यकता हो सकती है। जब आपका बच्चा 6 महीने में अन्य खाद्य पदार्थ खाना शुरू कर देता है, तो आप अपने कैलोरी सेवन में कटौती कर सकती हैं।
क्या कुछ खाद्य पदार्थ दूध की आपूर्ति को कम कर सकते हैं ?
खाद्य पदार्थ (और अन्य चीजें) जो आपके दूध की आपूर्ति को कम कर सकते हैं। उसमें अजमोद (पार्स्ली), चेस्टबेरी और पुदीना है। इसके अलावा, शराब का सेवन भी करने से बचना चाहिए। जी हां, इस समय किसी भी तरह का शराब पीना सेहत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है, क्योंकि यह दूध की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इन बातों का आपको ख्याल रखना जरूरी होगा ही।
स्तनपान करवाने वाली महिलाएं को दिन में कितनी बार भोजन करना चाहिए?
दिन में कम से कम 4-6 बार छोटा-छोटा मील लें। इससे आपके कैलोरीज की जरूरत पूरी होगी ।
क्या स्तनपान के दौरान हरी सब्जियां कच्ची खायी जा सकती हैं ?
बिल्कुल नहीं, कभी भी भोजन में गोभी, सेम और मटर जैसी कच्ची सब्जियां न खाएं। पका हुआ और अच्छी तरह उबला हुआ खाना खाना उत्तम माना जाता है।
क्या मैं स्तनपान करते हुए दूध पी सकती हूं ?
एक्सपर्ट की मानें, तो प्रत्येक भोजन के समय और हर बार स्तनपान कराते समय 8 गिलास पानी, जूस या दूध पीना सहायक है ।
मान को सर्दी और खांसी की समस्या है तो आहार में किन चीजों से परहेज करना चाहिए ?
अगर मां को कफ या खांसी की समस्या है, तो आहार में मिठाई और अत्यधिक नमकीन चीजों का सेवन कम करना चाहिए। फैट बढ़ाने वाला खाना, स्टार्च वाले फूड से भी बचा जा सकता है। इससे बच्चे को कफ जमने की आशंका कम होती है।
मां क्या कभी भी अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती है ?
बच्चे को भूख लगी है तो कोई भी समय परफेक्ट की माना जायेगा, लेकिन हमेशा ध्यान रखने की कोशिश करें। अगर आप बाहर से लौट रही हैं और पूरा शरीर पसीने से भर गया है, तो तुरंत शिशु को स्तनपान नहीं करवाना चाहिए, बल्कि पहले एक आरामदायक बाथ लेकर शरीर का पूरा पसीना साफ करने के बाद ही शिशु को दूध पिलाएं।
जिन महिलाओं को गैस एसिडिटी की समस्या है , उन्हें स्तनपान करवाते हुए किन खाद्य पदार्थों से परहेज जरूरी है ?
ऐसी महिलाओं को ब्रोकली, प्याज, फूलगोभी, पत्तागोभी राजमा, छोले, काले चने, मूंगफली, आलू, मकई और ककड़ी जैसी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इनसे गैस पैदा होती है। इनके सेवन से आपको तो गैस की प्रॉब्लम होगी ही साथ ही बच्चे को भी हो सकती है।
क्या स्तनपान के दौरान महिलाएं हर तरह की मछली को शामिल कर सकती हैं ?
नहीं, कुछ मछलियां, जिनमें मर्क्युरी की मात्रा अधिक होती है जैसे किंग मैकेरल, स्वोर्डफिश, शार्क और टाइल फिश। यदि इसका बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है, तो ये कुछ शिशुओं में मर्क्युरी पोइजनिंग पैदा कर सकता है, जिससे बच्चों को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, साथ ही मछलियों को अपने डायट में बिल्कुल भी न रखें।
बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए मां को क्या खाना चाहिए?
आलू, कद्दू, शकरकंद, दाल, घी, रागी, बादाम, दही, अंडे और दूध जैसे खाद्य पदार्थ बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करते हैं।