जीवन का सबसे बड़ा सुख नींद है, इसका अहसास तब होता है, जब आपकी नींद पूरी न हो और इसका असर आपके काम के साथ आपकी शारीरिक अवस्था पर भी पड़ता है। इसलिए जीवन में सही समय पर नींद लेना बहुत जरूरी है। अगर आप सही तरीके से और सही समय पर सोकर अपनी नींद पूरी करती हैं, तो इसका सीधा असर आपकी जीवनशैली पर बनता है। चिकित्सक का भी मानना है कि स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद लेना सबसे आवश्यक माना जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि सही तरीके से सोने का क्या फायदा होता है।
जानते हैं कि क्यों जरूरी है नींद लेना
कई जानकारों का मानना है कि जो लोग रात के समय अपनी नींद पूरी नहीं करते हैं, तो उन्हें कई सारी सेहत से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह भी माना गया है कि खराब जीवन शैली का असर भी नींद पर काफी पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि काम के कारण या फिर दोस्तों के साथ पार्टी के बाद सोने के समय में बदलाव होता है। रात को 11 या 12 बजे सोने के बजाय रात के 3 बजे या फिर सुबह के 4 बजे नींद आती है, जिसके कारण सुबह देरी से उठने पर भी नींद पूरी नहीं होती है और पूरे दिन शरीर और सिर में दर्द होता है। बॉडी में थकान महसूस होती है। डॉक्टरों का मानना है कि हर किसी हर दिन 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। साथ ही आप किस तरह सोते हैं, वो भी मायने रखता है। इसलिए आपको यह जानना जरूरी है कि सही तरीके सोने के कौन से लाभ आपके शरीर को मिलते हैं।
पीठ की तरफ से सोने का फायदा
माना गया है कि अधिकतर लोग हैं, जो कि पीठ की तरफ सोते हैं। जिन लोगों को नींद न आने की समस्या है, उन्हें पीठ की तरफ सोने की राय डॉक्टरों द्वारा दी जाती है। पीठ के बल पर सोने के कई सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। इससे रीढ़ की हड्डी को भी काफी लाभ होता है। रीढ़ की हड्डी सही तरीके से रहने के कारण मांसपेशियों में भी होने वाला तनाव भी कम रहता है। पीठ के बल सोने के कारण आपके सीने पर भी दबाव नहीं पड़ता और शरीर में जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन भी मिलता है। पीठ के बगल सोने से खाने को बेहतर तरीके से पचने का भी अवसर मिलता है। पाचन प्रक्रिया में बढ़ावा भी मिलता है। कई अध्ययनों में भी पता चला है कि पीठ के बल सोने से चेहरे की त्वचा भी स्वस्थ रहती है। यह भी माना गया है कि आंखें भी पीठ के बल सोने से स्वस्थ रहती हैं। इसलिए हमेशा ये कोशिश करें कि अपने सोने की पोजिशन को पीठ के तरफ ही रखें।
पेट के बल सोने के फायदे
अधिकतर लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें पेट के पल सोने की आदत होती है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि जो लोग भी पेट के बल सोते हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं है। पेट के बल सोना सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। पेट के बल सोने से नींद से जुड़ी कई दिक्कतों से निजात मिल जाता है। इसके साथ ही पेट के बल सोने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बेहतर बना रहता है। वहीं कई जानकारों का मानना है कि पेट के बल लेटने से शरीर के आंतरिक अंगों पर दबाव पड़ता है। इसके कारण शरीर में दर्द का समस्या भी उत्पन्न होती है। एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि रीढ़ की हड्डी को सही पोजिशन ना मिलने की वजह से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द की शिकायत होने लगती है। इसके साथ ही गर्दन और कंधे में भी दर्द होने लगता है। यह भी ध्यान रखें कि जब भी शरीर में किसी तरह की सर्जरी होती है, तो पेट के बल सोने में नुकसान होता है।
करवट लेकर सोने का फायदा
अगर आप करवट लेकर सोते हैं, तो इसके भी कई फायदे हैं, लेकिन अगर आप दाईं तरफ करवट लेने के बजाय आप बाईं तरफ करवट लेकर भी सोना चाहिए। कई लोग यह भी मानते हैं कि दाईं तरफ सोने को सही बताया गया है। खैर, हम आपको बताते हैं कि करवट लेने का शरीर पर क्या असर रहा है। माना गया है कि बाईं तरफ करवट लेकर सोने का फायदा यह होता है कि इस पोजिशन में सोने के कारण शरीर के सभी ऑर्गन एक दम सही तरीके से काम करते हैं। वहीं बाईं तरफ करवट लेकर सोने को दिल के लिए भी फिट माना जाता है। कई जानकारों का कहना है कि बाईं तरफ सोने से दिल में खून की सप्लाई में दबाव नहीं पड़ता है। साथ ही शरीर के बाकी अंगों में भी ब्लड पहुंचता है।
करवट लेकर सोने के फायदे यह भी हैं, जान लें
एक स्टडी में यह भी पाया गया है कि बाईं तरफ करवट लेकर सोने से डाइजेशन सिस्टम सही रहता है। पेट से जुड़ी समस्याएं भी नहीं होती हैं। बाएं और सोने के दौरान भी किडनी भी दुरस्त रहती है। करवट तरीके से सोने के कारण एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। एक अन्य स्टडी में भी पाया जाता है कि ब्रेन में खून की सप्लाई बेहतर होने से मानसिक समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। अल्जाइमर होने का खतरा भी काफी कम हो जाता है। यह भी माना गया है कि जिन भी लोगों को पेट की गड़बडी की समस्या रही है उन्हें करवट लेकर ही सोना चाहिए। अगर नुकसान की बात करें, तो दाएं करवट सोने से कंधे में दर्द और गर्दन से जुड़ी समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। शरीर में भी दर्द की शिकायत रहती है।
यह तरीका भी माना गया है सबसे सही
एक्सपर्ट मानते हैं कि सोने का सबसे सही तरीका यह है कि आपको बिस्तर पर सिर को ऊंचा करके और पैर को थोड़ा सा नीचे रखना चाहिए। यह भी सही माना गया है कि सोने के समय आपका सिर थोड़ा सा ऊपर रखें और पैर बिस्तर पर सीधा होना चाहिए। इस तरीके को अपनाने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। साथ ही नींद से जुड़ी कई सारी परेशानियां भी दूर होती हैं।
क्या होता है इसका फायदा
सिर को ऊंचा उठाकर सोने से स्लीप डिसऑर्डर से बचाव होता है। कई बार ऐसा होता है कि सही तरीके से नहीं सोने से नींद खराब हो जाती है, या फिर नींद टूट जाती है। साथ ही लंबी सांस के साथ खर्राटे आने लगते हैं। पूरी रात की नींद के बाद भी शरीर में थकान महसूस होने लगती है, चिड़चिड़ा पन होने लगता है। इसलिए सिरहाने को ऊंचा करते हुए तकिया लगाकर सोने से नींद अच्छी होती है और स्वस्थ नींद मिलती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि सिर ऊंचा करके सोने से शरीर में अकड़न और दर्द की शिकायत भी कम होती है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के लोकप्रिय स्लीप रिसर्चर विलियम डिमेंट ने नींद पर की गई रिसर्च में यह पाया गया है कि 54 प्रतिशत लोग करवट लेकर सोना पसंद करते हैं। नींद पर की गई रिसर्च के लिए उन्होंने 664 लोगों पर यह अध्ययन किया है। 54 प्रतिशत करवट लेकर, 33 प्रतिशत लोग पीठ के बल और 7 प्रतिशत लोग सीधे लेकर सोते हैं।
दिमाग रहता है स्वस्थ
यह भी एक रिसर्च में माना गया है कि सिर ऊंचा और शरीर को नीचे रखकर सोने से दिमाग खुद को अंदरूनी तौर पर डिटॅाक्स करता है। सही तरीके और सही समय पर सोने से दिमाग स्वस्थ रहता है, इसके आप उठते वक्त खुद को ताजा महसूस करती हैं। इस तरीके से सोने का यह भी फायदा होता है कि आपकी नसें हेल्दी रहती हैं। यह भी जान लें कि सीधे सोने का भी नुकसान है। यह माना गया है कि लंबे समय तक सीधा सोने से हड्डियों नें सूजन आ सकती है। इसलिए करवट लेकर सोना चाहिए। एक के ऊपर एक पैर रखकर सोने से पैरों की नसों में खिंचाव होता है, नस पर नस भी चढ़ जाती हैं।
सोने से पहले जरूरी योग
अच्छी नींद के लिए आप जरूरी योग भी कर सकती हैं। ‘उत्तानासन’ अच्छी नींद के लिए सही योग क्रिया है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को लंबी सांस लेते हुए ऊपर की तरफ लेकर जाएं, और सांस छोड़े और फिर हाथों को नीचे जमीन की तरफ लेकर जाएं और पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इसके अलावा जरूरी है कि अगर आप नींद से जुड़ी किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना कर रही हैं, तो इसके लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।