अधिकांश लोगों के लिए स्वच्छता का मतलब अपने दांतों को ब्रश करने, डिओडोरेंट लगाने या आसपास सफाई कर लेना ही है। अपने शरीर को साफ और स्वस्थ रखने के लिए लोग बहुत कुछ करते हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य और मेंटल हाइजीन पर किसी का ध्यान नहीं है। बता दें कि हर दिन मानसिक स्वास्थ्य या स्वच्छता पर 15 मिनट भी खर्च करने से आपका मूड पहले से बेहतर हो सकता है और आपकी एकाग्रता की क्षमता भी बढ़ती है।
एमबीबीएस, डीपीएम और सलाहकार डॉ गजाली शेख, जो कि मुंबई में मनोचिकित्सक हैं और तकरीबन 9 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। उनका कहना है, “मानसिक स्वच्छता को बनाये रखने के लिए कुछ सरल अभ्यास हैं, जो नकारात्मक व्यवहारों को रोकने और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करते हैं। इन्हें सभी को अपने रूटीन में लाना चाहिए।"
डॉ. गजाली कहते हैं कि कुछ लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य स्वच्छता का अर्थ है, अपनी सुबह की दिनचर्या में वर्कआउट, स्ट्रेचिंग या वॉक करना। लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी गतिविधि योग्य तब होती है, जब आप अपना पूरा ध्यान इस पर दें। जैसे कि आपके दांत भी तब ज्यादा अच्छे से साफ होंगे, जब आप इसपर पूरा ध्यान देंगे। डॉ, गजाली ने हमें मेंटल हाइजीन को लेकर कुछ आसान और महत्वपूर्ण टिप्स दिए है, जानिए यहां।
फोकस माइंड होता है हैप्पी माइंड
डॉ गजाली कहते हैं कि आजकल कई लोग अपने जागने के लगभग आधे घंटे तक मेंटली स्थिर नहीं हो पाते। उन्हें जो करना है, वो ठीक उनके सामने होता है, लेकिन उनका दिमाग स्थिर न होने की वजह से वे ब्लैंक होते हैं। इसे आम भाषा में एब्सेंट माइंड भी कहा जाता है। एकाग्रता इसलिए भी नहीं बढ़ती, क्योंकि हम बड़ी चीज पर फोकस करते हैं, न कि उन छोटी चीजों पर जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचाएगी। ध्यान करना, योग करना और कुछ समय सिर्फ अपने साथ बिताने से आप ज्यादा फोकस हो पाएंगे। याद रखें कि फोकस माइंड ही हैप्पी माइंड हो सकता है।
अपने पांचों सेंसेस पर ध्यान दें
डॉ गजाली बताते हैं कि आप अपने सेंसेस पर ध्यान दें और दिन की छोटी-छोटी चीजों पर फोकस करने से शुरुआत करें। जैसे छोटा-सा काम है, ब्रश करना। आप बस यह सुनिश्चित करें कि अब से जब भी आप अपने दांत ब्रश कर रहे हों तो आप ब्रश करने की गतिविधि के साथ रहें। अपने मसूड़ों और दांतों के सनसनी महसूस करें। पानी के तापमान और टूथपेस्ट के स्वाद पर ध्यान दें और इस बात से अवगत रहें कि आपका दूसरा हाथ क्या कर रहा है। जब मैं अपने पेशेंट से यह पूछता हूं, तो वे आमतौर पर कहते हैं, 'ओह! मुझे नहीं पता कि मेरा दूसरा हाथ क्या कर रहा था।’ हमारा दिमाग बहुत एक्टिव होता है बस हम उसे एक्टिव बनाए नहीं रख पाते। जब भी कोई काम करें तो, अपने सभी सेंस के साथ करें।
करें शांत दिमाग का निर्माण
यह अभ्यास सरल लग सकता है, लेकिन डॉ गजाली कहना है कि निरंतर ध्यान बनाए रखना बेहद कठिन है। विशेष रूप से आज की दुनिया में जहां हमें मल्टीटैलेंटेड होकर बहुत काम एक साथ करने होते हैं। उन्होंने आगे कहा, "बात यह है कि मस्तिष्क स्थिर नहीं है। यह अनुभव पर निर्धारित है। इसलिए यदि आप बार-बार कुछ करते हैं, जैसे ध्यान करना या पियानो बजाना या वर्कआउट करना, तो यह आपके दिमाग के सीधे नर्वस सिस्टम पर काम करता है। लोग चिंता करते हैं कि दिमाग स्थिर क्यों नहीं है, शांत क्यों नहीं है? इसे शांत करने के लिए पहले आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने होंगे। दिमाग को शांत करना भी आपकी दिनचर्या से जुड़ा हुआ है। हम खाना बनाना, खाना या अपने दांतों को ब्रश करना नहीं छोड़ सकते, ठीक है? लेकिन अगर आप इन गतिविधियों को ध्यान से करते हैं, तो वे आपके अनुभवों को बदल सकते हैं। ऐसे ही मेंटली अपने आपको आप स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं।
मेंटल हाइजीन के प्रोसेस के तरीके
ध्यान से गहरी सांस लेना, जर्नल बनाना, लक्ष्य तय करना, अभ्यास और प्रकृति में समय व्यतीत करना ऐसी गतिविधियों के कुछ उदाहरण हैं जो स्वस्थ मेंटल स्टेट को बढ़ावा देने के लिए होते हैं। 30 दिनों तक कम से कम 10 मिनट मानसिक स्वच्छता का अभ्यास करने के लिए खुद को और दूसरों को चुनौती दें। अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए कुछ स्वस्थ आदतों की शुरुआत करें। स्वस्थ तन-स्वस्थ मन। शारीरिक गतिविधि हर व्यक्ति की दिनचर्या का हिस्सा होनी चाहिए। यह एक हल्का सुबह का व्यायाम, योग, प्रकृति में मन लगाकर टहलना और शाम को बिस्तर पर जाने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग हो सकती है।
मेंटल हाइजीन की प्रैक्टिस बाद भी लगे की कुछ सही नहीं है, तो लें डॉक्टर की सलाह
डॉ गजाली का कहना है कि मेंटल हाइजीन को आप हल्के में नहीं ले सकते। ऊपर दिए गए टिप्स और फोकस करने के बावजूद भी आपको लगे कि आपका दिमाग शांत नहीं है और किसी भी चीज पर फोकस करने में आपको तकलीफ हो रही है तो मनोचिकित्सक से जरूर सलाह लें। बच्चों को भी शुरू से ही मेंटल हाइजीन के बारे में बताएं।