शारीरिक सेहत को लेकर अक्सर हम कई तरह के उपाय करते हैं, लेकिन दिन भर की भागदौड़ के बीच हम ये भूल जाते हैं कि शरीर के साथ मानसिक सेहत का ध्यान रखना भी बहुत ज्यादा जरूरी है। मानसिक सेहत के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि हम 24 घंटे के बीच से 5 या 10 मिनट निकाल कर भी अपनी मानसिक सेहत को दुरुस्त रखने के लिए कई तरह के उपाय अपना सकती हैं। ऐसे एक नहीं बल्कि, कई तरीके हैं, जिसे अपने जीवन में अपनाकर हम अपनी मानसिक सेहत की देखभाल कर सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
सीखने की आदत
अपनी मानसिक सेहत के रख-रखाव के लिए हमेशा कुछ नया सीखने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आपने देखा होगा कि कई लोग ऐसे होते हैं, जो कि काम के साथ-साथ डांस या पेंटिंग सीखते हैं। सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती है, इस बात को गांठ बांध लें। आप अपनी दिलचस्पी से जु़ड़ी चीजें सीख सकती हैं। आप कोई नई भाषा भी सीख सकती हैं। इसके लिए आप किसी कोर्स सीखाने वाले कोचिंग सेंटर से भी जुड़ सकती हैं या फिर आप अपनी किसी सहेली की प्रांत भाषा को भी सीख सकती हैं, जैसे मराठी, गुजराती या फिर तमिल। इससे आप अपने दफ्तर में ही नई भाषा या बोली सीखने के लिए दोस्त के साथ बैठकर 5 या 10 मिनट में खुद के दिमाग को नई चीज सीखने के लिए लगा सकती हैं। इतना हीं नहीं, अगर आपको खाना बनाना पसंद है, तो आप अपने दिमाग को तनाव से मुक्त रखने के लिए कोई नई रेसिपी बना सकती हैं। इस तरह के नया सीखने के कई तरह के प्रयोग कर आप मानसिक सेहत का ध्यान रख सकती हैं।
अपने शौक को रखें जिंदा
हमेशा यह याद रखें कि जिम्मेदारी निभाने के साथ अपने शौक को भी जिंदा रखना है। बचपन के शौक को हमेशा खुद से जोड़े रखें। ट्रेवल करना, डांस करना और ट्रेकिंग करने के साथ आप उन चीजों में अपनी दिलचस्पी बढ़ा सकती हैं, जो कि आपको अंदरूनी तौर पर खुशी देती हैं। महीने में एक या दो बार जरूर से ऐसे कोई काम करें, जिसको करने से आपको मानसिक तनाव से राहत मिलती है। आपने कई बार यह सुना होगा कि कई लोग ऐसे होते हैं, जो कि अपनी मानसिक परेशानी से ध्यान हटाने के लिए खाना बनाते हैं या फिर संगीत सुनना पसंद करते हैं। कई लोग पहाड़ों या फिर समुद्र किनारे सुकून से बैठकर भी खुद के दिमाग को शांत रखने की कवायद करते हैं।
सकारात्मक किताब पढ़ें
दफ्तर या फिर घर पर लगातार काम करना आपको मानसिक तौर पर व्यस्त करने के साथ थका भी देती है। साथ ही नकारात्मक माहौल और नकारात्मक बातों का भी असर ऐसे में मानसिक तनाव की सेहत के लिए बड़ी परेशानी की वजह बन जाता है। इस वक्त जरूरी यह होता है कि हम सकारात्मक चीजों से अपना जुड़ाव अधिक करें। सकारात्मक किताब पढ़ने के साथ सकारात्मक और प्रेरणादायक वीडियो भी देख सकते हैं। ऐसे वीडियो जो कि किसी की सफलता की कहानी बताता हो। ऐसी किताब पढ़ सकते हैं, जो कि जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाने का मागदर्शन करती है। इंटरनेट पर ऐसी कई तरह की अच्छी किताबें और वीडियो मौजूद हैं, जो कि आपकी इस बात में भी सहायता करेगी कि आपको कौन सी किताब पढ़नी चाहिए या फिर किस वीडियो को देखना चाहिए। सकारात्मक चीजों से जुड़ने से आप अपनी मानसिक सेहत के ग्राफ को बढ़ाने में एक बड़ा योगदान करेंगी।
शरीर का ध्यान देना न भूलें
जरूरी यह भी है कि मानसिक सेहत का ध्यान आप तब और भी अच्छी तरह से रख पाती हैं, जब आपका शरीर स्वस्थ हो। स्वस्थ शरीर ही अंदरूनी तौर पर आपकी मानसिक सेहत को भी शांत रख सकता है। स्वस्थ शरीर रखने के लिए आप योग कर सकती हैं। अपने खान-पान का ध्यान रख सकती हैं। एक्सरसाइज के साथ सुबह या फिर रात को टहलना आपके तन और मन दोनों को बेहतर परिणाम देता है। नशीले पर्दाथों से भी दूरी जरूरी है। क्योंकि फ्रिक को धुएं में उड़ाने से बेहतर यह है कि आप अपने परेशानी का अध्ययन करते हुए उससे सीख लेकर जीवन में आगे बढ़े। किसी समस्या को रोक कर रखना भी आपको मानसिक तौर पर परेशानी में डालता है। इसलिए हर समस्या का डंट कर सामना करें और समस्या क्यों हुई इस पर विचार करने से अधिक यह सोचें कि आप इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या कर सकती हैं। अगर यह मुमकिन नहीं है, तो समस्या पर ध्यान केंद्रित करने के बजाए अन्य जरूरी कामों का लक्ष्य बनाएं।
दूसरी की मदद करें
खुद को अच्छा महसूस कराना भी मानसिक तनाव को दूर रखने में सबसे कारगार साबित होता है। खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए आप दूसरों की मदद कर सकती हैं। आप ऐसे किसी व्यक्ति की सहायता कर सकती हैं, जो आर्थिक या फिर शारीरिक तौर पर असहाय हो। कई लोग ऐसे होते हैं, जो कि अपने मानसिक तनाव को कम करने के लिए आश्रम या फिर दूसरों के जीवन के अनुभव से सीख मिले, जहां पर दूसरी की सेवा और सहायता करके वह अंदरूनी तौर पर खुशी महसूस होती हैं। अगर आपके लिए यह करने के लिए समय नहीं है, तो आप अपने किसी ऐसे दोस्त की मदद कर सकती हैं, जो किसी परेशानी में है, जिसे आपकी सलाह की जरूरत है।
मेडिटेशन करें
मानसिक तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन भी आप कर सकती हैं। हर दिन सुबह उठने के बाद आप 10 मिनट का मेडिटेशन कर खुद को मानसिक तौर पर स्वस्थ रख सकती हैं। सुबह आपके पास वक्त नहीं है, तो आप रात में सोने से पहले 10 या 20 मिनट के लिए मेडिटेशन कर सकती हैं। याद रखें कि सिर्फ आंख बंद करके बैठना मेडिटेशन नहीं होता है, बल्कि मेडिटेशन का पूरा लाभ उठाने के लिए आपको किसी योग जानकार से ट्रेनिंग लेनी चाहिए। इन दिनों ऑनलाइन भी कई क्लासेस शुरू हैं, जहां से आप घर बैठे अपनी सुविधा और समय के अनुसार मेडिटेशन सीख सकती हैं।
अपने लक्ष्य को निर्धारित करें
हर दिन के साथ-साथ आप अपने पूरे महीने के लक्ष्य को निर्धारित करें। रोज सुबह उठकर डायरी में यह जरूर नोट करें कि आपको आज के दिन कौन से जरूरी काम करने हैं। अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए क्या करना जरूरी है, इसे भी सुनिश्चित करें। हर दिन अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रीत करने से आप अपने कई जरूरी काम को पूरा कर लेंगी और इसके साथ ही आप अपने दिमाग को सही दिशा में आगे बढ़ायेंगी। इससे आपकी मानसिक सेहत ठीक रहती है। काम पर फोकस होने के कारण गैर जरूरी बातों को लेकर आप तनाव में नहीं रहते हैं।
वर्तमान में जीने की फिलॉसफी को अपनाएं
कल क्या हुआ और आने वाले कल में क्या होने वाला है, इस सोच से खुद को दूर रखने की कोशिश करें। जरूरी है अपने आज में जीना यानी कि वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना। कल किसने क्या बोला, कल मेरा काम नहीं हुआ और कल मेरा काम कैसे पूरा होगा, इस बात पर व्यर्थ की चिंता करना छोड़ दें। अपना सारा फोकस केवल इस बात पर रखें कि आपको कैसे अपने वर्तमान को बेहतर बनाना है, क्योंकि वर्तमान के आधार पर ही आप अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं। जाहिर सी बात है कि वर्तमान के अच्छा होने से आपका बीता हुआ कल अपने आप ही अच्छा रहेगा।
अच्छी नींद और खान-पान
मानसिक सेहत को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी नींद और खान-पान भी जरूरी है। सही समय पर सोना और सही समय पर उठने के कारण आपकी किसी भी तरह का मानसिक तनाव नहीं रहता है। नींद पूरी होने से आप पूरे दिन एक्टिव रहते हैं और अपने काम को बेहतर तरीके से करते हैं। आलस्य नहीं आता है। साथ ही अपने खान-पान में पोषक तत्वों से भरी हुई चीजों को शामिल करें। हरी सब्जियां, फल, मेवे (डायफ्रूट्स) के साथ पानी की सही मात्रा को अपने हर दिन के खाने का हिस्सा बनाएं। अच्छी नींद आपके जीवनशैली को सही तरीके से कार्यरत रखने में अहम और जरूरी योगदान देती है। कई बार थकावट के कारण जल्दी नींद नहीं आती है, ऐसे में योग और एक्ससाइज को जीवन का हिस्सा बनाएं। सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। अगर आपको नींद आने में परेशानी होती है, तो चिकित्सक की सलाह लें या फिर किताब के चार पन्ने हर दिन पढ़कर सोने की आदत को अपनाएं। इससे आप किताब में पढ़ी हुई चीजों पर ध्यान देते हुए सोने की कोशिश करती हैं, तो नींद अच्छी आती है। इससे पूरे दिन की नकारात्मक सोच का प्रभाव आपको मानसिक परेशानी की तरफ नहीं ले जाता है।